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व्यापमं घोटाले के आरोपी डॉ. जगदीश सगर ने भी डॉ. विनोद भंडारी की तरह अपनी ईडी में अटैच प्रॉपर्टी के लिए खेल शुरू कर दिया है। बैंक लोन नहीं चुकाए जाने पर उसके स्कीम 94 के प्लॉट की कुर्की हो रही है, इसे रोकने के लिए उसने ईडी स्पेशल कोर्ट में आवेदन लगाया है कि उस कुर्की को रोका जाए।
बैंक ने अपर कलेक्टर कोर्ट में लगाया था केस
सिटी यूनियन बैंक ने सगर के प्लाट नंबर 112/AB स्कीम नंबर 94 रिंग रोड सेक्टर ए स्थित 1350 वर्गफीट प्लाट की कुर्की के लिए आवेदन लगाया है। यह आवेदन सरफेसी एक्ट के तहत अपर कलेक्टर निशान डामोर के पास लगा। बैंक इस प्लाट को कुर्क कर राशि की वसूली करना चाहता है। इसके लिए बैंक ने 12 मार्च 2024 को ही कुर्की के लिए सूचना भी जारी कर दी थी। बैंक ने इस मामले में अपर कलेक्टर को सूचित ही नहीं किया कि यह प्रॉपर्टी ईडी में अटैच है। इसके चलते सरफेसी एक्ट के तहत अपर कलेक्टर ने कुर्की के आदेश कर दिए।
सगर ने यह लगाया आवेदन
सगर ने ईडी स्पेशल कोर्ट (ED Special Court) में आवेदन लगाकर इस कुर्की को रोके जाने की मांग की है। इस पर अभी सुनवाई सितंबर माह में संभावित है। सगर को डर है कि कुर्क होने के बाद उसकी संपत्ति हाथ से निकल जाएगी। फिलहाल यह प्लॉट साल 2016 में ईडी द्वारा अटैच किया गया था। व्यापमं घोटाले में की गई काली कमाई के बदले में ईडी ने इस प्लाट को अटैच किया था।
डॉ. विनोद भंडारी कर चुका यह जुगत
इसके पहले डॉ. विनोद भंडारी अपनी 50 करोड़ की संपत्ति को बचाने के लिए खेल कर चुका है। व्यापमं घोटाले के आरोपी डॉ. भंडारी ने साल 2016 में अटैच हुई करीब आठ एकड़ की इस जमीन के बदले में ईडी कोर्ट में 8 करोड़ की एफडी देने का शपथ पत्र दिया, इसे ईडी कोर्ट ने मान्य कर लिया। जबकि जमीन की मौजूदा कीमत 50 करोड़ है। लेकिन ईडी ने इसमें हाईकोर्ट इंदौर में केस लगाया और वहां से ईडी कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी गई।
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