MPPSC का 13 फीसदी होल्ड रिजल्ट अभी नहीं, मप्र शासन HC में देगा जवाब, भोपाल में लगातार हुई बैठकें

राजनीतिक तौर पर भी शासन की मंशा है कि यह होल्ड 13% पद ओबीसी के कोटे में जाएं। सरकार OBC का आरक्षण 27 %चाहती है, लेकिन उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के आदेश 50 फीसदी से अधिक आरक्षण नहीं होना है...

Advertisment
author-image
Sanjay gupta
New Update
MPPSC 13% hold result not yet
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

मप्र लोक सेवा आयोग में रुके 13 फीसदी रिजल्ट को लेकर 31 जुलाई को जबलपुर हाईकोर्ट में अहम सुनवाई होना है। सभी उम्मीदवार इसी उम्मीद में हैं कि हाईकोर्ट के चार अप्रैल के आदेश का पालन करते हुए यह रिजल्ट जारी किया जाएगा। लेकिन इस मामले में हाईकोर्ट डबल बेंच की फटकार खाने के बाद एक सप्ताह तक भोपाल में विधि विभाग, एजी प्रशांत सिंह, सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) और पीएससी अधिकारियों की बैठक होने के बाद तय हुआ कि हाईकोर्ट में जवाब पेश होगा। संभवत: इस बार खुद एजी सिंह ही हाईकोर्ट पहुंचेंगे। द सूत्र की खास रिपोर्ट। 

इस तरह से आपत्ति लगाने की तैयारी

सूत्रों के अनुसार सरकार मोटे तौर पर यह सूची जारी करने में आने वाली समस्याएं बताने जा रही है। इसमें सबसे अहम तो यही कहा जाने वाला है कि यह तय नहीं है कि 13 फीसदी में हमे किसे चयनित करना है अनारक्षित को या फिर ओबीसी को। ऐसे में पहले तय किया जाए कि 13 फीसदी की सूची किस वर्ग की जारी करना है। इस मामले में हाईकोर्ट ही आदेश दे तो हम सूची जारी करेंगे। 

यह भी बताई जाएगी समस्या

इसके साथ ही हाईकोर्ट ने कहा कि 87 फीसदी कैटेगरी में कोई उम्मीदवार 13 फीसदी के रूके रिजल्ट से कम अंक पाने के बाद भी चयनित हुआ है तो उसकी भी जानकारी दी जाए। इस पर भी यह आपत्ति ली जाएगी कि इसका पालन भी तब तक संभव नहीं जब तक कि 13 फीसदी में किसका रिजल्ट जारी करना है यह नहीं स्पष्ट होगा। क्योंकि अभी तो 13 फीसदी का रिजल्ट ही नहीं बनाया गया है क्योंकि इसमें फाइनली किसकी सूची जारी करना है यह तय नहीं है। 

कॉपियां तो दिखाई जाएं

वहीं उम्मीदवारों का कहना है कि आखिर कब तक हमारा रिजल्ट होल्ड रहेगा। राज्य सेवा 2019 और इसके बाद की सभी परीक्षाओं के रिजल्ट रूके हुए हैं। कई उम्मीदवारों का कहना है कि कम से कम कॉपियां तो दिखाई जाएं, इसमें तो कोई रोक नहीं है, हमे गलतियां तो पता चले और अंक बताए जाएं।

स्थिति तो क्लीयर हो कि भले ही किसी के पक्ष (ओबीसी या अनारक्षित) में फैसला आए, मेरिट लिस्ट देखकर पता रहेगा कि हमारा अंतिम चयन हुआ भी है या नहीं। लेकिन आयोग को यह डर है कि जैसे ही कॉपियां दिखाएंगे, अंक दिखाएंगे तो नया विवाद शुरू होगा और उम्मीदवार हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर करेंगे। 

सरकार की मंशा ओबीसी के पाले में जाए 13 फीसदी सीट

वहीं राजनीतिक तौर पर भी शासन की मंशा है कि यह होल्ड 13 फीसदी पद ओबीसी के कोटे में जाएं। सरकार ओबीसी का आरक्षण 27 फीसदी चाहती है। लेकिन उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के आदेश 50 फीसदी से अधिक आरक्षण नहीं होना है।

ओबीसी आरक्षण पर ट्रांसफर पिटीशन सुप्रीम कोर्ट जा चुकी है, लेकिन अभी तक वहां सुनवाई नहीं हुई है। यह मामला वहीं सुलझेगा। उधर हाईकोर्ट पहले ही शासन को आदेश दे चुका है कि ओबीसी आरक्षण 14 फीसदी से ज्यादा नहीं करें। ऐसे में सरकार कुल मिलाकर इस मामले को अटके ही रहने देना चाहती है, उसकी मंशा फिलहाल नहीं है कि यह 13 फीसदी पद अनारक्षित कोटे में जाएं। 

होल्ड लेकिन कब तक

पीएससी में यह फार्मूला सितंबर 2022 से लागू हुआ। इसके बाद से जितने भी परीक्षाओं के रिजल्ट आए इसमें 13 फीसदी पद होल्ड कर दिए गए हैं। चाहे वह राज्य सेवा परीक्षा हो या राज्य वन सेवा परीक्षा या फिर अन्य कोई भी परीक्षा। 35 हजार से ज्यादा उम्मीदवार मेन्स की कॉपियां भी देखने को तरस गए हैं, उन्हें अपनी गलतियां ही पता नहीं चल पा रही है और ना ही अंक की जानकारी मिल रही है।

sanjay gupta

thesootr links


  द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

 

 

मप्र लोक सेवा आयोग MPPSC एमपीपीएससी मप्र लोक सेवा आयोग रिजल्ट पर सवाल मप्र लोक सेवा आयोग परीक्षा