MPPSC के 13 फीसदी के फार्मूले में राज्य सेवा के 600 उम्मीदवार इंटरव्यू देकर भी अटके, 33 हजार को उनके अंक भी नहीं पता

एमपी PSC परीक्षा में पास हुए या नहीं हुए दोनों ही उम्मदीवारों को पहले मार्कशीट भी मिलती थी और साथ ही उन्हें अपनी कॉपियां भी देखने को मिली थी, ताकि वह अपनी गलतियां देख और आगे सुधार सकें, लेकिन साल 2019 की परीक्षा से यह सिलसिला बंद कर दिया गया है।

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Sandeep Kumar
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संजय गुप्ता @ INDORE. मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ( PSC ) ने राज्य सेवा परीक्षा 2021 का अंतिम रिजल्ट जारी किया है, साथ ही इसके पहले 2019 व 2020 की राज्य सेवा परीक्षा में भर्ती हो चुकी है। लेकिन इन तीनों परीक्षाओं में 13 फीसदी फार्मूले के चक्कर में 171 पद और करीब 600 उम्मीदवार अटके हुए हैं, यह वह है जिन्होंने इन तीनों परीक्षाओं में किसी ना किसी में इंटरव्यू दिया है और वह इंतजार में है कि उनका अंतिम चयन होगा या नहीं, इसका पता चल जाए। सरकार हो या पीएससी कोई इनकी पीड़ा समझने के लिए तैयार नहीं है। 

33 हजार को पता ही नहीं उनके अंक कितने हैं?

परीक्षा में पास हुए या नहीं हुए दोनों ही उम्मदीवारों को पहले मार्कशीट भी मिलती थी और साथ ही उन्हें अपनी कॉपियां भी देखने को मिली थी, ताकि वह अपनी गलतियां देख और आगे सुधार सकें, लेकिन यह फार्मूला आने के बाद 2019 की परीक्षा से यह सिलसिला बंद कर दिया गया है। अब केवल जो अंतिम चयनित 87 फीसदी कोटे के उम्मीदवार होते हैं उन्हीं के अंक की सूची जारी होती है। कॉपिया किसी को नहीं बताई जाती है। इन तीन परीक्षाओं की मैंस में 33 हजार से ज्यादा उम्मीदवार शामिल हुए थे। जो सफल नहीं हुए उन्हें और जो 13 फीसदी कोटे में शामिल है, उन्हें भी ना अपने अंक पता है और ना ही वह कॉपियां देख सकते हैं। 

देखिए किन परीक्षाओं में कितने उम्मीदवार अटके हुए हैं

राज्य सेवा परीक्षा 2019- इस परीक्षा में 571 पद थे, कानूनी अड़चनों के चलते इसका रिजल्ट 2020 के बाद आया था। इसमें 87 फीसदी में 484 पद और 13 फीसदी में 87 पद है। करीब 13 हजार उम्मीदवार ने मेंस दी थी। इसमें केवल चयनित 484 उम्मदीवारों को ही अंक पता है। बाकी अटके हुए हैं।

राज्य सेवा परीक्षा 2020- इसमें 260 पद थे, जिसमें 87 फीसदी में 218 और 13 फीसदी में 42 पद थे। करीब 8 हजार उम्मदीवारों ने मेंस दी थी। केवल 218 चयनित उम्मीदवारों को छोड़कर बाकी को नहीं पता उनके अंक कितने हैं। वहीं 42 पद होल्ड है और इस पर इंटरव्यू देने वाले भी अटके हुए हैं। 

राज्य सेवा परीक्षा 2021

इसमें  290 पद है। इसमें अभी रिजल्ट आया है, जिसमें 248 पदों पर 87 फीसदी कोर्ट में अंतिम चयन हुआ है। बाकी 13 फीसदी कोटे में 42 पद है, जो होल्ड है। इस कैटेगरी में इंटरव्यू देने वालों को अपना रिजल्ट नहीं पता है। वहीं मेंस 10500 करीब उम्मीदवारों ने दी, उन्हें अपने अंक नहीं पता और ना ही कॉपियां दिखाई जा रही है। 
राज्य सेवा परीक्षा 2022 में भी यह होगा- हाल ही में पीएससी ने राज्य सेवा मेंस 2022 का रिजल्ट जारी किया है। इसमें 457 पद है, जिसमें 87 फीसदी में 405 औऱ् 13 फीसदी में 52 पद है। इसमें 13 हजार से ज्यादा ने मेंस दी है। वहीं इंटरव्यू के लिए 87 फीसदी में 1286 और 13 फीसदी में 313 को बुलावा मिला है, लेकिन अंतिम चयन सूची 1286 में से जारी होगी और 313 फिर होल्ड हो जाएंगे। 

इसके अलावा राज्य वन सेवा सहित कई परीक्षाओं में भी यही

यह केवल राज्य सेवा का आंकडा है इसके अलावा राज्य वन सेवा, विविध मेडिकल परीक्षा, सेट का रिजल्ट यह सभी इसी फार्मूले से रोक दिया है। सेट रिजल्ट में विवाद तो और अनोखा है यह केवल नेट की तहत पात्रता परीक्षा है जिसमें 6 फीसदी को सर्टिफिकेट मिलता है लेकिन इसमें भी 13 फीसदी रिजल्ट होल्ड कर दिया यह कहते हुए कि आरक्षण राज्य शासन के नियमों के तहत ही दिया जाता है। सेट के रिजल्ट होल्ड वाले कुछ याचिकाकर्ता हाईकोर्ट गए तो उन्हें सशर्त असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा देने को मिली।

पहले देखते हैं क्या है 87-13 फीसदी का फार्मूला

ओबीसी आरक्षण 27 फीसदी देना है या 14 फीसदी, इसी विवाद के सुप्रीम कोर्ट तक जाने के चलते मप्र शासन ने यह बीच का फार्मूला निकाला। सितंबर 2022 में जीएडी से आदेश आया और कहा कि अभी ओबीसी को 14 फीसदी आरक्षण मानते हुए कुल 87 फीसदी पदों का रिजल्ट जारी किया जाता है, बाकी 13 फीसदी पद पर हम ओबीसी और अनारक्षित दोनों के लिए रखेंगे, इनकी मेंस, इंटरव्यू सब होंगे लेकिन 13 फीसदी का रिजल्ट जारी नहीं करेंगे। जब कोर्ट से यह डिसाइड होगा कि इसे ओबीसी के पास जाना है या अनारक्षित तब यह रिजल्ट जारी कर पद संबंधित कैटेगरी वाले को दे देंगे। यानि यदि ओबीसी आरक्षण 27 फीसदी हुआ तो होल्ड 13 फीसदी पद ओबीसी में जाएंगे नहीं तो अनारक्षित वाले उम्मदीवारों के पास। 

हाईकोर्ट ने 14 फीसदी पर रिजल्ट जारी करने का बोला हुआ है

मजे की बात यह है कि ओबीसी को 14 फीसदी आरक्षण मानकर रिजल्ट जारी करने से हाईकोर्ट से कोई रोक ही नहीं है। ईएसबी द्वारा 27 फीसदी आरक्षण पर रिजल्ट जारी करने पर हाईकोर्ट ने तो उलटे आदेश दिया हुआ कि 14 फीसदी पर रिजल्ट जारी किया जाए। इस आदेश का पालन करने की जगह चुनाव के चलते सरकार ने नया खेल कर दिया और वहां भी जनवरी 2024 में 87-13 फीसदी फार्मूला लागू कर दिया और वहां भी सैंकड़ों पद और हजारों उम्मीदवार अटक गए।

हाईकोर्ट ने पीएससी को भी दिया था आदेश लेकिन फंसा दिया पेंच

जबलपुर हाईकोर्ट में इस मामले में कई उम्मीदवार पीएससी और मप्र शासन के खिलाफ गए। अप्रैल 2024 में हाईकोर्ट ने साफ आदेश दिए कि सात दिन में 13 फीसदी रिजल्ट की सूची सार्वजनिक की जाए। लेकिन इसमें पीएससी ने आवेदन दे दिया और सूची जारी करने से मना कर दिया। अब इसमें एक जुलाई को सुनवाई होना है। 

सबसे बड़ी बात जो पास होंगे उनकी वरिष्ठता का क्या होगा?

वहीं इस मामले में जब भी यह 13 फीसदी को होल्ड रिजल्ट जारी होगा, तब कई सवाल खड़ें होगें। पहला बड़ा सवाल जो चयनित होगा जैसे कि 2019 का रिजल्ट आता है तो वह साल के हिसाब से तो वरिष्ठता में साल 2020 व 2021 के चयनित उम्मीदवार से आगे होगा। उसकी मांग वाजिब होगी मुझे वरिष्ठता दी जाए, फिर वेतन की भी मांग उठेगी, हालांकि इसके लिए नियम है कि ज्वाइन नहीं तो वेतन नहीं। लेकिन वरिष्ठता व अन्य सेवा लाभ के लिए मांग उठेगी।

 वरिष्ठता से ही आगे पदोन्नित व अन्य लाभ तय होते हैं, तब की स्थिति में जीएडी क्या करेगी? 

उम्मीदवारों की यह भी मांग, कम से कम सूची तो बता दो। वहीं 13 फीसदी रिजल्ट की कानूनी लड़ाई में उलझे कई उम्मीदवारों ने दू सूत्र को फोन करके कहा कि हम केवल यह चाहते हैं कि यह रिजल्ट की सूची जारी कर दें। अब यह पद ओबीसी को जाएंगे या अनारक्षित को हमे नहीं पता लेकिन सूची सार्वजनिक होने से यह तो पता चलेगा कि हम चयनित भी हुए हैं या नहीं, यदि नहीं हुए तो फिर अपने भविष्य के बारे में अलग कोई फैसला करें, ऐसे कितने दिन, महीनों, सालों तक इस इंतजार में रहेंगे कि हमारा होगा या नहीं। ऐसे में कम से कम जो चयनित उम्मीदवार है वही इंतजार करेगा और बाकी आगे बढ़ जाएंगे।

कॉपियां दिखाने में क्या एतराज

वहीं उम्मीदवारों का कहना है कि हमने कॉपियां नहीं दिखाई जा रही है। कॉपियां देखने से हमे यह पता चल जाता कि आखिर हमसे कहां पर चूक हुई है और आगे परीक्षा में किस बात का ध्यान रखना है और क्या मेहनत करना है। हम बस परीक्षा दिए जा रहे हैं। कॉपियां दिखाने में तो कोई रोक भी नहीं है। ना शासन का आदेश है और ना कोर्ट से किसी तरह की रोक है? फिर कॉपियां तो दिखाई जाएं।

पीएससी का फिलहाल इंकार

उधर पीएससी ने 13 फीसदी रिजल्ट पर अभी कुछ भी करने से साफ इंकार कर दिया है। उन्होंने साफ कहा कि यह मामला हाईकोर्ट में हैं और नीतिगत मामला होने से शासन स्तर पर ही इसमें आदेश होंगे। इसलिए अभी आगामी आदेश तक जो यथास्थिति चल रही है वही रहेगी।

13 फीसदी को लेकर पूर्व सीएम कमलनाथ का ट्वीट

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