MPPSC के 13 फीसदी रिजल्ट पर सुनवाई एक महीना आगे बढ़ी, इच्छामृत्यु तक मांग चुके उम्मीदवार

साल 2019- 2020 राज्य सेवा, राज्य वन सेवा सहित कई परीक्षाओं के रिजल्ट यहां तक कि सेट क्वालीफायर के अंतिम रिजल्ट भी आयोग ने 87 फीसदी के ही जारी किए। बाकी 13 फीसदी पद हर परीक्षा में होल्ड हो गए हैं। 

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Pratibha ranaa
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संजय गुप्ता@ INDORE.

रिजल्ट जारी करने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) से सितंबर 2022 से लागू हुए 87-13 फीसदी फार्मूले को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट की डबल बैंच ने 4 अप्रैल को आदेश दिया था कि पीएससी रुके हुए 13 फीसदी का रिजल्ट जारी करें। लेकिन इसके बाद ना रिजल्ट आया और ना ही हाईकोर्ट में सुनवाई की तारीख हो सकी। किसी ना किसी कारण से तारीख आगे बढ़ती गई। अभी 31 मई को सुनवाई होना थी, लेकिन एक बार फिर यह सुनवाई आगे बढ़ गई और अब अगली तारीख समर वैकेशन के बाद 1 जुलाई की लगी है। 

अर्जेंट हियरिंग का आवेदन नहीं हुआ मंजूर

हाईकोर्ट जबलपुर मं 31 मई को उम्मीदवारों की ओर से अधिवक्ता अंशुमन सिंह ने अर्जेंट हियरिंग का आवेदन भी दिया, लेकिन अन्य केस में व्यस्तता के चलते यह मंजूर नहीं हुआ। इसके चलते अब उम्मीदवारों के पास इंतजार के सिवा कोई रास्ता नहीं बचा है। उम्मीदवारों की हालत यह है कि वह इस रिजल्ट देने के लिए जस्टिस को इच्छामृत्यु का अधिकार देने तक का पत्र लिख चुके हैं। 

पीएससी भी नहीं चाहता 13 फीसदी की सूची जारी हो

हाईकोर्ट जबलपुर ने 4 अप्रैल को इस मामले में पीएससी ( PSC ) को सात दिन में एक्शन लेने के लिए कहा था और अगली सुनवाई 29 अप्रैल को लगाई थी, लेकिन इस दौरान पीएससी ने विधिक सलाह ली। इसके बाद तय किया कि यह 13 फीसदी का रिजल्ट सार्वजनिक नहीं करेंगे। इसके बाद आयोग ने एक आवेदन हाईकोर्ट में दाखिल कर दिया। इसमें कहा गया है कि यदि यह रिजल्ट और मेरिट लिस्ट जारी कर सार्वजनिक करते हैं तो इससे कई समस्या खड़ी हो जाएंगी। मामला ओबीसी आरक्षण को लेकर लिटिगेशन में हैं। इसके चलते जब तक ओबीसी का मुद्दा पूरी तरह हल नहीं हो जाता है, इसे जारी करना उचित नहीं होगा। हाल ही में द सूत्र ने पीएससी के ओएसडी डॉ. रविंद्र पंचभाई से सीधी बात की थी, उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह नीतिगत मामला है और हम अभी 13 फीसदी रिजल्ट सूची जारी नहीं कर रहे हैं। 

हाईकोर्ट में भी बढ़ती जा रही सुनवाई दे रही तकलीफ

उम्मीदवारों को उम्मीद थी कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद एक सप्ताह नहीं तो जब 29 अप्रैल को सुनवाई होगी, इसमें रिजल्ट जारी करने के आदेश हो जाएंगे। लेकिन 29 अप्रैल गुजर गया पहले यह तारीख मई पहले सप्ताह में लगी और फिर बिना सुनवाई के अब 25 मई को शिफ्ट हो गई। फिर 31 मई और अब 1 जुलाई हो गई। 

हाईकोर्ट ने 4 अप्रैल के आदेश में 13 फीसदी को लेकर यह कहा था

हाईकोर्ट ने पांच उम्मीदवारों की याचिका पर सुनवाई करने के बाद निर्देश दिए थे कि इस 13 फीसदी कैटेगरी में शामिल उम्मीदवारों की मेरिट लिस्ट जारी की जाए। लिखित आदेश में कहा कि- वह उन नाम और योग्यता रैंकिंग का खुलासा करें, जो अनारक्षित और ओबीसी कैटेगरी के लिए 13 फीसदी सूची में हैं। विज्ञापित रिक्तियां और याचिकाकर्ताओं की मेरिट रैंकिंग का भी खुलासा होना चाहिए। यह भी खुलासा होना चाहिए कि क्या याचिकाकर्ताओं की तुलना में कम योग्यता रैंकिंग हासिल करने वाले किसी भी उम्मीदवार को पद भरने के लिए 87 फीसदी में नियुक्त किया गया है। वहीं इसे लेकर हाईकोर्ट ने मप्र शासन और पीएससी से एक सप्ताह में जवाब मांगा गया। 

87-13 फीसदी का यह है विवाद

87-13 फीसदी फार्मूले में पीएससी ने पदों को दो कैटेगरी में बांटा हुआ है। यह प्री स्तर पर ही कर दिया गया है, जो मेन्स और अंतिम रिजल्ट तक लागू होगा। प्री में दोनों कैटेगरी के उम्मीदवारों के रिजल्ट घोषित हो रहे हैं ताकि मेन्स क्वालीफायर का पता चल सके, फिर मेन्स में पास वालों की सूची भी जारी हो रही है, जिससे पता चल सके कि 87 और 13 फीसदी कैटेगरी में कौन इंटरव्यू देने के लिए पात्र है। लेकिन इसके बाद अंतिम रिजल्ट में 13 फीसदी की कोई सूची मेरिट लिस्ट जारी नहीं हो रही है। यह बंद लिफाफे में हैं। इसमें तय किया गया है कि जब ओबीसी आरक्षण 27 फीसदी रहेगा या 14 फीसदी होगा, उस पर कोर्ट से फैसला आने के बाद ही लिफाफा खुलेगा। यदि ओबीसी आरक्षण 27 फीसदी होता है, तो यह 13 फीसदी रूके पद ओबीसी में चले जाएंगे नहीं तो फिर अनारक्षित कैटेगरी वालों को यह पद जाएंगे। 

इसके चलते कई पद होल्ड है

इसके चलते साल 2019- 2020 राज्य सेवा, राज्य वन सेवा सहित कई परीक्षाओं के रिजल्ट यहां तक कि सेट क्वालीफायर के अंतिम रिजल्ट भी आयोग ने 87 फीसदी के ही जारी किए और बाकी 13 फीसदी पद हर परीक्षा में होल्ड हो गए हैं। इसके चलते उम्मीदवारों को यह पता नहीं चल रहा है कि वह मेरिट में किस स्थान पर है, कल को यदि ओबीसी या अनारक्षित जिस कैटेगरी के पक्ष में भी फैसला आता है तो क्या इसके बाद भी वह मेरिट में हैं कि नहीं? यही जानने के लिए उम्मीदवार लगातार मांग कर रहे हैं। मेरिट क्रम क्लियर होने से उन्हें भविष्य के लिए अपनी स्थिति साफ हो सकेगी। कई पद इसी 13 फीसदी के फेर में उलझ गए हैं।

कॉपियां भी देखने को नहीं मिल रही है

उधर उम्मीदवारों को पहले जो अंतिम रिजल्ट के बाद कॉपियां दिखाई जाती थी वह भी बंद है। जबकि 2019 व 2020 की परीक्षा भर्ती पूरी हो चुकी है। ऐसे में कई उम्मीदवारों को अपनी गलतियां भी पता नहीं चल रही है कि वह आखिर कहां चूक रहे हैं। 

कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) में भी यही हाल है

इसी फार्मूले को मप्र शासन ने जनवरी 2024 में कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) में भी लागू कर दिया, जिसके बाद वहां भी अब 87 फीसदी ही अंतिम रिजल्ट जारी हो रहा है और 13 फीसदी पद होल्ड हो गए हैं। वहां करीब आठ हजार पदों की भर्ती रूक गई है। इसी तरह पीएससी में भी सैंकड़ों पद होल्ड हो चुके हैं।

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