MPPSC: असिस्टेंट प्रोफेसर आंसर की में गलत उत्तर को ही सही बता दिया, छात्रों ने दर्ज कराई आपत्ति
एमपी पीएससी ने असिस्टेंट प्रोफेसर के खाली पदों पर भर्ती परीक्षा 2024 का आयोजन 1 जून 2025 को किया गया था। उसके बाद विभाग ने प्रोवीजनल आंसर की जारी कर दी थी। उसको लेकर छात्रों ने कई आपत्तियां दर्ज कराई थीं।
एमपीपीएससी द्वारा आयोजित असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती परीक्षा आयोजित करने के बाद अब विभाग ने आंसर की जारी की है। इसके पहले इंग्लिश मीडियम के छात्रों के लिए पेपर के पहले ही प्रश्न का उत्तर गलत दिया गया था। इसको लेकर प्रोविजनल आंसर की पहले जारी हुई थी। जिसमें इंग्लिश मीडियम के उम्मीदवारों ने राशि जमा करके इस सवाल पर भी आपत्ति लगाई। उम्मीद थी कि आयोग इसे सुधार लेगा, लेकिन आयोग द्वारा सोमवार को जारी की गई फाइनल आंसर की में भी इस सवाल के जवाब को नहीं सुधारा है।
यह है पूरा मामला
एमपी पीएससी ने असिस्टेंट प्रोफेसर के खाली पदों पर भर्ती परीक्षा 2024 का आयोजन 1 जून 2025 को किया गया था। उसके बाद विभाग ने प्रोवीजनल आंसर की जारी कर दी थी। उसको लेकर छात्रों ने कई आपत्तियां दर्ज कराई थीं। अब 14 जुलाई को विभाग ने 5 विषयों की आंसर की जारी की है।
इसमें जनरल स्टडी के पेपर में पहले प्रश्न का उत्तर ही गलत दिया गया है। प्रश्न के जो 4 ऑप्शन दिए गए हैं उसमें से एक भी सही नहीं है, जबकि विभाग की आंसर की में पहले ऑप्शन को सही बताया गया है। उधर, हिंदी में उसी प्रश्न का जो उत्तर दिया गया है वह सही है।
ऐसे दोनों प्रश्नाें के उत्तर के विकल्प अलग-अलग थे
यह है प्रश्न से जुड़ा मामला
हिंदी में यह है प्रश्न और उत्तर:
प्रश्न: राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम किस वर्ष अधिनियत किया गया?
A 1992
B 1988
C 1980
D 1990
अंग्रेजी में यह है प्रश्न और उत्तर:
Question: In which year was the national commission for minorities act established?
A 1922
B 1988
C 1980
D 1990
ऐसे हो रही गफलत
जनरल स्टडीज के पेपर में पहले प्रश्न का हिंदी में जो जवाब दिया गया है उसका विकल्प A 1992 सही है। जबकि अंग्रेजी में उसी प्रश्न का विकल्प A 1922 गलत दिया गया है। वहीं, जो एमपीपीएससी द्वारा सोमवार को जो आंसर की जारी की गई है।
उसमें इसी प्रश्न का विकल्प A को सही बताया गया है। अब इंग्लिश मीडियम के छात्रों में गफलत इस बात को लेकर है कि जब उनके पेपर में प्रश्न के सभी विकल्प गलत थे तो फिर आंसर की में उसी गलत विकल्प को सही कैसे बता दिया गया।
आंसर की में यह दिया
छात्रों की मांग, डिलीट हो प्रश्न
एमपीपीएससी द्वारा की गई इस गड़बड़ी को लेकर इंदौर सहित प्रदेशभर के छात्रों का कहना है कि जब प्रोवीजनल आंसर की में गड़बड़ी होने पर उन्होंने आपत्ति दर्ज कराई थी तो फिर इसे ठीक क्यों नहीं किया गया। ऐसे में विभाग छात्रों के हित में इसे डिलीट करे। जैसे कि सेट D के 6 नंबर प्रश्न को डिलीट किया गया है।
यह है एमपीपीएससी के नियम
वहीं, दूसरी तरफ अंग्रेजी के प्रश्न में प्रिंटिंग मिस्टेक की वजह से गलत ऑप्शन दे दिया है। हालांकि इसको लेका आयोग ने पेपर में क्लीयर मेंशन किया था कि हिंदी रूपांतरण ही मान्य होगा। बताया जा रहा है कि यह नियम है जिस वजह से इस प्रश्न को डिलीट नहीं किया गया है और आंसर की हिंदी में दिए गए प्रश्न के आधार पर बनाई गई है।
यह है नियम
इसके पूर्व आपत्ति लगाने में भी आई थी छात्रों को परेशानी
एमपी पीएससी ने असिस्टेंट प्रोफेसर के खाली पदों पर भर्ती परीक्षा 2024 का आयोजन 1 जून 2025 को किया गया था। उसके बाद विभाग ने आंसर की जारी कर दी है। इसके कुछ दिन बाद आंसर की पर आपत्ति दर्ज करवाने के लिए विभाग ने एमपी ऑनलाइन पर विंडो खाेल दी। इसके तहत जिस भी अभ्यर्थी को आपत्ति हो तो वह एक निर्धारित शुल्क जमा करके अपनी आपत्ति दर्ज करवा सकता है। उसमें आपत्ति दर्ज करवाने की आखिरी तारीख 23 जून 2025 है। अब इसमें आपत्ति दर्ज करवाने के लिए छात्र परेशान हो रहे हैं, क्याेंकि उन्हें काफी सारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
यह परेशानियां आई थी छात्रों को
हिंदी के छात्र जब आपत्ति दर्ज करने के लिए लिख रहे थे तो सॉफ्टवेयर हिंदी का फॉन्ट नहीं ले रहा था। ऐसे में उन्हें गूगल ट्रांसलेट करके आपत्ति में विवरण भरना पड़ रहा था।
आपत्ति दर्ज करवाने के बाद फीडबैक भी नहीं मिल पा रहा था।
फॉर्म भर रहे हैं तो पब्लिकेशन का नाम हिंदी में नहीं लिख पा रहे थे।
पूरा फॉर्म भरने के बाद जब वे फीस भरकर सबमिट कर रहे थे तो फिर पैसे तो कट रहे थे, लेकिन उन्हें कोई आवेदन क्रमांक नहीं मिल रहा था।
रसीद तक नहीं मिल रही थी छात्रों को
आपत्ति दर्ज करवाने के बाद छात्रों को कोई रसीद भी नहीं मिल रही थी, जिससे उनके पास यह जानकारी रहे कि उन्होंने आपत्ति दर्ज करवाई है।
अगर छात्र किन्हीं दो प्रश्नों पर आपत्ति दर्ज करवाते थे तो फिर फॉर्म सबमिट कर रहे थे। इसके बाद उन्हें किसी और प्रश्न पर आपत्ति दर्ज करवाने के लिए लॉगइन करना हो तो वे नहीं कर पा रहे थे। उस समय उनसे आवेदन क्रमांक पूछा जा रहा था, जबकि आवेदन क्रमांक तो उन्हें मिल ही नहीं रहा था।
पेमेंट होने के बाद भी फाइनल रसीद डाऊनलोड नहीं हो रही थी।
आवेदन क्रमांक नहीं मिलने से वे दूसरी बार लॉग इन नहीं कर पा रहे थे।