MPPSC परीक्षार्थी को असिस्टेंट प्रोफेसर चयन परीक्षा में करें शामिल- HC का आदेश

रीवा के परीक्षार्थी शिवेंद्र कुमार SET एग्जाम 2022-23 में शामिल हुए थे। इनमें से हजारों परीक्षार्थियों का रिजल्ट 13% काल्पनिक फार्मूला के आधार पर MPPSC  द्वारा होल्ड कर दिया गया। क्योंकि 13% आरक्षण का मामला फिलहाल कोर्ट में लंबित है।

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Pratibha ranaa
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संजय शर्मा@ BHOPAL.

SET एग्जाम का रिजल्ट होल्ड होने पर MPPSC मान रहा था अयोग्य

आरक्षण के आधार पर होल्ड किया है 13% परीक्षार्थियों का रिजल्ट

SET रिजल्ट होल्ड होने से असिस्टेंट प्रोफेसर और लाइब्रेरियन की चयन परीक्षा से वंचित होने की याचिका पर जबलपुर हाईकोर्ट ने परीक्षार्थी शिवेंद्र कुमार मिश्रा ( Shivendra Kumar Mishra ) को राहत दी है। हाईकोर्ट ने MPPSC को याचिका लगाने वाले परीक्षार्थी को चयन परीक्षा में शामिल करने का आदेश दिया है। परीक्षार्थी ने SET एग्जाम का रिजल्ट आरक्षण के आधार पर जारी करने की वजह से अपना रिजल्ट होल्ड होने पर हाईकोर्ट की शरण ली थी। MPPSC की इस टेक्निकल चूक के कारण हजारों परीक्षार्थी असिस्टेंट प्रोफेसर और लाइब्रेरियन के पदों पर भर्ती के लिए घोषित चयन परीक्षा से वंचित हो रहे हैं। क्योंकि चयन परीक्षा में शामिल होने के लिए SET एग्जाम पास करना जरूरी है। ( MPPSC Assistant Professor Selection )

यह है पूरा मामला  

रीवा जिले के परीक्षार्थी शिवेंद्र कुमार राज्य पात्रता परीक्षा यानी SET एग्जाम 2022-23 में शामिल हुए थे। इनमें से हजारों परीक्षार्थियों का रिजल्ट 13% काल्पनिक फार्मूला के आधार पर MPPSC  द्वारा होल्ड कर दिया गया। क्योंकि 13% आरक्षण का मामला फिलहाल कोर्ट में लंबित है। इसका कोई नतीजा निकलता उससे पहले ही आयोग ने असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती परीक्षा घोषित कर दी। इस परीक्षा के लिए 9 जून 2024 की तारीख घोषित होने पर शिवेंद्र ने पहले MPPSC से आवेदन कर चयन परीक्षा में शामिल होने की अनुमति मांगी। जिसे आयोग अमान्य कर दिया।

जबलपुर HC में लगाई याचिका 

परीक्षा से वंचित होने से परेशान होकर उसने एडवोकेट दिनेश सिंह चौहान के जरिए जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई। 

एडवोकेट दिनेश सिंह चौहान के अनुसार उन्होंने कोर्ट में तथ्य रखा कि पात्रता परीक्षा में आरक्षण के आधार पर रिजल्ट घोषित करने का कोई नियम नहीं है। राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले NET JRF जैसी परीक्षाओं में भी आरक्षण के आधार पर रिजल्ट जारी करने का प्रावधान नहीं है। फिर MPPSC  ऐसी किसी परीक्षा के रिजल्ट में ऐसा कोई आधार कैसे रख सकता है।

एडवोकेट चौहान ने यह तर्क भी रखा कि आरक्षण किसी नौकरी में पहले से निर्धारित पदों के विरुद्ध दिया जा सकता है। राज्य पात्रता परीक्षा में आरक्षण का नियम केवल आयु सीमा और फीस के अलावा रिजल्ट पर लागू नहीं होता। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने परीक्षार्थी को असिस्टेंट प्रोफेसर/ लाइब्रेरियन चयन परीक्षा में शामिल करने का आदेश दिया है।

उनका क्या जो कोर्ट नहीं जा सकते 

एडवोकेट दिनेश सिंह ने हाईकोर्ट के आदेश को MPPSC के SET एग्जाम होल्ड होने से परेशान युवाओं के लिए नया रास्ता बताया है। चौहान का कहना है MPPSC लगातार गलतियां कर रहा है। इससे प्रदेश के हजारों परीक्षार्थी प्रभावित हो रहे हैं। हर गलती के बाद परीक्षार्थी को कोर्ट जाना पड़ता है, लेकिन जो आर्थिक रूप से मजबूत नही हैं, उनकी सुध कौन लेगा। इस निर्णय के बाद MPPSC को उन सभी परीक्षार्थियों को चयन परीक्षा में शामिल करना चाहिए जो रिजल्ट होल्ड होने के कारण अयोग्य बताए गए हैं।

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