MPPSC से असिस्टेंट प्रोफेसर की एग्जाम को आगे बढ़ाने की क्यों उठी मांग

इंदौर के नेट क्वालिफाई स्टूडेंट्स ने असिस्टेंट प्रोफेसर की एग्जाम को आगे बढ़ाने की मांग की हैं। स्टूडेंट्स ने मप्र लोक सेवा आयोग को शुक्रवार को ज्ञापन देते हुए कहा है कि परीक्षाओं को अक्टूबर-नवंबर माह तक आगे बढ़ाया जाए।

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Reena Sharma Vijayvargiya
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इंदौर. इंदौर के नेट क्वालिफाई स्टूडेंट्स ने असिस्टेंट प्रोफेसर की एग्जाम डेट को आगे बढ़ाने की मांग की हैं। स्टूडेंट्स ने मप्र लोक सेवा आयोग को शुक्रवार को ज्ञापन देते हुए कहा है कि 1 जून 2025 से प्रस्तावित सहायक प्राध्यापक परीक्षाओं को अक्टूबर नवंबर माह तक आगे बढ़ाया जाए और सितंबर माह तक फॉर्म भरने के मौका दिया जाए। असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए 27 फरवरी से 26 मार्च तक फार्म भरे जाने हैं। उधर आयोग ने सेट के रिजल्ट देना भी शुरू कर दिया है। अभी पांच विषय के जारी हुए हैं, माना जा रहा है कि एक-एक कर सप्ताह में सभी रिजल्ट जार हो जाएंगे।

परीक्षा को आगे बढ़ाने की मांग के कारण

 - उम्मीदवारों ने कहा कि 9 से 14 जून के बीच राज्य सेवा 2025 की मुख्य परीक्षा होनी है ऐसे में बहुत से अभ्यर्थी दोनों परीक्षाओं में शामिल होंगे जिसके कारण उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
- सैकड़ों नेट/सेट क्वालिफाइड अभ्यर्थियों की अभी पोस्ट ग्रेजुएशन की अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा बाकी है ऐसे में परीक्षा आगे बढ़ाने से उन छात्रों को भी इस परीक्षा में शामिल होने का अवसर मिल जाएगा।
- अभी सीएसआईआर नेट की परीक्षा भी आयोजित नहीं हुई है, सीएसआईआर नेट एवं जून 2025 यूजीसी नेट की परीक्षा में उत्तीर्ण छात्रों को भी इस परीक्षा में शामिल होने का अवसर मिल जाएगा।
- सहायक प्राध्यापक परीक्षा 2022 की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है जिसके कारण 2022 की परीक्षा में चयनित होने वाले छात्र 2025 की परीक्षा में भी शामिल होंगे और हो सकता है कि दोनों परीक्षाओं में वे चयन लेकर एक सीट बर्बाद करें।
- सहायक प्राध्यापक साल 2022 परीक्षा के कुछ विषयों में पर्दो से तीन गुना योग्य उम्मीदवार भी नहीं मिल पाए हैं।
 

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कैटेगरी वाइज हो क्वालिफाइड 

जानकारी के मुताबिक दिसंबर माह में असिस्टेंट प्रोफेसर का नोटिफिकेशन आया था जिसमें लिखा गया था कि फॉर्म भरने से पहले सभी क्वालिफिकेशन पूरी होना चाहिए, जिसमें जनरल कैटेगरी के लिए 55 प्रतिशत और ओबीसी एसटी, एससी, ईबल्यूएस के लिए 50 प्रतिशत होना चाहिए और कैंडिडेट्स नेट-सेट क्वालिफाई होना भी जरुरी है।

इसमें हमें भी मिलें मौका 

एमपीएससी के नेट क्वालिफाई स्टूडेंट्स का कहना है कि हाल में हमने क्लीयर किया है जिसका रिजल्ट भी आ गया है और जून माह में हमारी पीजी पोस्ट ग्रेजुएशन की लास्ट सेमेस्टर की एक्जाम होने वाली है लेकिन फॉर्म भरने से पहले हमारी डिग्री पूरी नहीं हो पाएगी क्योंकि एक्जाम जून माह में है और फॉर्म भी जल्द ही मिलना शुरू होंगे जो मार्च तक मिलेंगे, ऐसे में हम फॉर्म नहीं भर पाएंगे। हम फाइल ईयर के स्टूडेंट्स को भी असिस्टेंट प्रोफेसर की परीक्षा के फॉर्म भरने का मौका दिया जाए और इसलिए असिस्टेंट प्रोफेसर की एग्जाम को आगे बढ़ाया जाएं।

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इससे पहले भी कर चुके हैं अपील 

इंदौर के स्टूडेंट्स ने इंदौर के मप्र लोक सेवा आयोग में कुछ दिन पहले भी ज्ञापन दिया था और ये मांग की थी कि एमपीपीएससी के नियमों को जब राजस्थान सहित अन्य राज्यों में  भी अप्लाई किया जा रहा है तो भला मप्र में क्यों नहीं...?

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फॉर्म भरते समय ये रखें सावधानी 

असिस्टेंट प्रोफेसर के फार्म भरने के लिए आयोग के भर्ती नियम में है कि फार्म भरते समय सभी डिग्री, मानक पूरे होने चाहिए। यानी कि उम्मीदवार पीजी पास होने के साथ ही नेट, सेट क्वालीफाई होना भी जरूरी है। वहीं कुछ उम्मीदवारों ने इसे लेकर आपत्ति लेते हुए यूजीसी गाइडलाइन का और राजस्थान में भी जारी इसी परीक्षा के नियमों का हवाला दिया है। 

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मेन्स तक सभी डिग्री होना जरूरी 

राज्य सेवा परीक्षा में मेन्स तक सभी डिग्री होना जरूरी होता है, लेकिन यह सिंगल स्टेज परीक्षा होने से इसमें प्री के समय ही डिग्री होना जरूरी है। यदि इसमें उम्मीदवार को मंजूरी दे दी जाए और बाद में वह पीजी भी नहीं कर सके तो योग्य उम्मीदवार की एक सीट चली जाती है, इसलिए राज्य शासन ने यह नियम किए गए हैं।

वहीं यूजीसी के ये हैं नियम 

पहला नियम : यूजीसी का नियम है कि अपोइंटमेंट तक डिग्री पूरी होनी चाहिए जसके तहत् छात्रों को इंटरव्यू तक पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा होने का मौका दिया जाना चाहिए। इसी नियमों के अनुसार राजस्थान लोक सेवा आयोग भी मौका दे रहा है।

दूसरा नियम : नेट, सेट या फिर पीएचडी होना चाहिए वे ही परीक्षा का फॉर्म भर सकते हैं।

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