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The sootr
MP News : एमपीपीएससी ने 7 अप्रैल को एक लिस्ट जारी की जिसमें उन्होंने सोशलवर्क के रिटर्न एग्जाम में सलेक्ट हुए 36 स्टूडेंट्स को इंटरव्यू से बाहर करने की सूचना दी। इस बात से परेशान उम्मीदवार जब बुधवार को एमपीपीएससी के कार्यालय पहुंचे तो उन्हें किसी जिम्मेदार से मिलने तक नहीं दिया गया और केवल आवेदन देकर उन्हें रफा-दफा कर दिया। इस मामले में जब द सूत्र ने आयोग से बात करने की कोशिश की तो किसी ने जवाब नहीं दिया।
यह कारण बताकर किया बाहर उम्मीदवारों को ये जानकारी दी जा रही है कि उन्होंने नेट-सेट सोशल वर्क से किया है जिसके चलते उन्हें इंटरव्यू प्रक्रिया से बाहर किया गया है। उम्मीदवार पेपर देने के बाद असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए इंटरव्यू प्रक्रिया तक पहुंच गए हैं तो उन्हें इंटरव्यू के लिए मान्य नहीं बताया जा रहा है। कैंडीडेट्स का कहना है कि आखिर ये कौनसा नियम हैं कि पहले एक्जाम दिलवा दो और फिर उन्हें क्वालिफाईड होने के बाद अचानक बाहर कर दिया...।
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जिम्मेदारों से मिलने नहीं दिया गया
उम्मीदवारों का कहना है कि समाजशास्त्र में नेट नहीं है और सोशल वर्क में नेट नहीं है जबकि सोशल वर्क और एन्थ्रोपोलॉजी समाजशास्त्र के ही सब्जेक्ट है जो नोटिफिकेशन में मेंशन कर रखा था इसके बावजूद इन्होंने निरस्तियां दी है। जबकि 2017 की वैकेंसी में दोनों ही सब्जेक्ट में उम्मीदवार सिलेक्ट हुए है। इसके अलावा समाजशास्त्र में नेट न होने या होने जैसी कोई जानकारी नहीं दी थी। इसी मुद्दे को लेकर जब हम एमपीपीएससी से मिलने गए और विभाग को आरटीआई बताने गए तो उन्होंने हमें किसी भी जिम्मेदार से मिलने नहीं दिया गया।
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उम्मीदवार ने सूचना के अधिकार में ली जानकारी, यह मिले जवाब
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सवाल - क्या सोशलवर्क के स्टूडेंट असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए पात्र हैं?
आयोग का जवाब - सोशल वर्क में पीजी एवं नेट क्वालिफाइड कैंडिडेट्स एमपी में सहायक प्राध्यापक समाज शास्त्र पद के लिए पात्र है।
सवाल - राज्य पात्रता परीक्षा साल 2022 की विज्ञप्ति में मान्यता प्राप्त स्नातकोत्तर (एमएसडब्ल्यू) उपाधि शामिल थी परंतु राज्य पात्रता परीक्षा साल 2022 की विज्ञप्ति में मान्यता प्राप्त स्नातकोत्तर उपाधि की सूची में समाजकार्य में स्नातकोत्तर (एमएसडब्ल्यू) उपाधि शामिल नहीं है। क्या इसका अर्थ यह है कि समाजकार्य समाजकार्य में (एमएसडब्ल्यू) उपाधि राज्य पात्रता परीक्षा के लिए मान्य नहीं है?
आयोग का जवाब - राज्य पात्रता परीक्षा-2022 में मान्यता प्राप्त स्नातकोत्तर उपाधि की सूची में समाज कार्य में स्नातकोत्तर उपाधि शामिल शामिल थी क्योंकि समाज कार्य विषय के रुप में सम्मिलित किया गया था परंतु राज्य पात्रता परीक्षा 2025 में समाजकार्य को समाज शास्त्र विषय के रुप में सम्मिलित किया गया है।
सवाल -यदि समाजकार्य में स्नातकोत्तर (एमएसडब्ल्यू) उपाधि राज्य पात्रता परीक्षा के लिए मान्य है तो समाजकार्य विषय से संबंधित अभ्यर्थी किस विषय से राज्य पात्रता परीक्षा देने के लिए पात्र है...?
आयोग का जवाब - समाजकार्य विषय में राज्य पात्रता परीक्षा हेतु एलिजिबिलिटी क्राइटएरिया फुलफिल करने वाले अभ्यर्थी राज्य पात्रता परीक्षा-2024 में समाज शास्त्र विषय में पात्रता रखते हैं। (आरटीआई लगाने वाले सोशलवर्क के उम्मीदवार ने यह जानकारी दी)
साफ था जवाब यह होंगे पात्र
आरटीआई में पूछा था कि क्या सोशल वर्क वाले स्टूडेंट्स असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए पात्र होंगे तो जवाब में एमपीपीएससी ने हां सोशल वर्क वाले स्टूडेंट्स भी इसके लिए पात्र होंगे। जवाब में साफ-साफ लिखा था कि जिनका नेट-सेट सोशल वर्क से होगा और जिनका पीजी भी सोशल वर्क से होगा ये दोनों ही पात्र माने जाएंगे।
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4अगस्त 2024 को हुई थी एग्जाम
स्टूडेंट्स ने द सूत्र को बताया सोशलॉजी में सब्जेक्ट होते हैं सोशलवर्क और एन्थ्रोपोलॉजी और ये दोनों ही सब्जेक्ट सोशलॉजी में दे सकते है। एमपीपीएससी ने पहले ही कहा था कि सोशलवर्क वाले इन दोनों सब्जेक्ट्स में परीक्षा भी दे सकते है और सोशलॉजी में असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए अप्लाय भी कर सकते हैं और इसी के चलते बहुत से स्टूडेंट्स ने ये परीक्षा 4 अगस्त साल 2023 को दी थी और जब हम इसके लिए क्वालिफाई हो गए, लिस्ट में नाम भी आ गया तो हमें अचानक बाहर कर दिया।
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जिम्मेदारों से सीधा सवाल
स्टूडेंट्स ने एमपीपीएससी से सवाल किए है कि नेट-सेट सोशलवर्क से है तो इसमें गलत क्या है। क्योंकि यही बोलकर इन स्टूडेंट्स को बाहर किया जा रहा है। जबकि इन्होंने दो साल पहले (४ अगस्त २०२३) जब कैंडिडेंट्स ने ये परीक्षा दी थी तो उस वक्त क्यों नहीं बोला गया। हम सभी स्टूडेंट्स बुधवार को एमपीपीएससी के कार्यालय भी जाएंगे और जिममेदारों से सीधा संवाद करेंगे।
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आपत्ति लगाने के लिए दिया दिन का समय
एक तरफ जंहा विभाग अपनी ही बात से मुकर रहा है तो वही स्टूडेंट्स को आपत्ति लगाने के लिए| दिन का समय दिया गया है। उम्मीदवारों का कहना है कि आखिर विभाग एग्जाम से वक्त गलत था कि अब गलत है...? हमें जो नोटिफकेशन आया वो गलत है या फिर हमारी एक्जाम हुई थी वो गलत है...? या आरटीआई में जो विभाग ने जवाब दिया था वो गलत है आखिरकार विभाग अपनी ही बात से क्यों मुकर रहा और आखिर गलत है क्या...?
अब ये कर सकते हैं उम्मीदवार
पहला निराकरण – उम्मीदवार तय समय में दावे, आपत्ति सभी दस्तावेज के साथ लगाएं। आयोग इस पर विचार करेगा। दस्तावेज पुख्ता होंगे तो मौका मिलेगा और दावेदारी मान्य होगी।
दूसरा रास्ता- ऐसा नहीं होने पर सोशलवर्क के जिन उम्मीदवारों को आयोग ने इंटरव्यू प्रक्रिया से बाहर कर दिया या तो अब उन्हें कोर्ट की मदद लेना पड़ेगी।