INDORE. मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (पीएससी) ने शनिवार शाम को राज्य सेवा व राज्य वन सेवा 2024 प्री का रिजल्ट जारी कर दिया। इसके साथ ही इसमें अब पद बढ़ने की संभावना खत्म हो गई है। राज्य सेवा केवल 110 पद और राज्य वन सेवा केवल 14 पदों के लिए ही आयोजित होगी।
यह गया है कटऑफ
राज्य सेवा परीक्षा में केवल 110 पद है। इसमें अनारक्षित के लिए कटऑफ 160 अंक यानी 100 में 80 प्रश्न सही हो। एससी में 148 अंक, एसटी में 140 अंक, ओबीसी में 156 अंक और ईडब्ल्यूएस में 154 अंक पर गया है। मूल रिजल्ट में 2775 उम्मीदवार मेंस के लिए पास हुए, वहीं प्रोवीजल रिजल्ट (13 फीसदी कैटेगरी) में कटऑफ अनारक्षित के लिए 156 और ओबीसी के लिए 154 गया है। इस कैटेगरी में 553 उम्मीदवार मेंस के लिए पास हुए हैं। कुल 3328 उम्मीदवार मेंस के लिए पास घोषित हुए हैं। कुल 110 पद में से अनारक्षित के लिए 45, एससी के लिए 14, एसटी के लिए 17, ओबीसी के लिए 20 और ईडब्ल्यूएस के लिए 14 पद है।
राज्य वन सेवा- इसमें केवल 14 पद है। इसके लिए मूल रिजल्ट में 284 व प्रोवीजनल में 44 उम्मीदवार मेंस के लिए सफल घोषित हुए हैं। कुल 328 उम्मीदवार मेंस के लिए पास घोषित हुए हैं।
सूचना आ गई जीएडी से पद नहीं है, फिर हो गया रिजल्ट जारी
एमपी शासन से आयोग के बीच लगातार पत्राचार चल रहा था लेकिन जब आयोग को इसकी अंतिम सूचना मिल गई कि विभाग इस बार रिक्त पद अभी नहीं भेज रहे हैं। उधर सितंबर में ही मेंस 2024 प्रस्तावित है, ऐसे में देरी को देखते हुए आयोग ने फिर शनिवार को ही रिजल्ट जारी कर दिया है।
आयोग ने कहा आंसर की पूरी सही
आयोग की ओर से बताया गया है कि आंसर की पूरी सही है और विशेषज्ञों की टीम के पास पूरे तरह से दस्तावेज मौजूद है। जिस सवाल को लेकर सबसे ज्यादा सवाल उठ रहे हैं जो स्पेमिंग और फिशिंग से जुड़ा हुआ है। पीएससी ने पूछा था कि भ्रामक संदेश, ईमेल टेक्सट संदेशों के रुप में आता है तो आपसे साफ्टवेयर इंस्टाल करने या व्यक्तिगत जानकारी प्रकट करने के लिए कह सकता है….
पीएससी ने इसका जवाब बी व सी फिशिंग व वायरस साइनिंग को सही माना है, जबकि अभ्यर्थी और जानकारों का कहना था कि इसमें फिशिंग व स्पेमिंग जवाब सही है। इस पर आयोग ने कहा कि हमारे कम्प्यूटर विषय विशेषज्ञों ने पूरी तरह से इसे जांचा है और इसके दस्तावेज मौजूद है, इसके बाद इस जवाब को जारी किया गया है।
उम्मीदवारों को लगता है आंसर की गलत तो हाईकोर्ट ही रास्ता
अभ्यर्थी को लगता है कि कोई सवाल का आंसर गलत है तो बार्डर पर अटके उम्मीदवारों के पास अब एक ही रास्ता फिर हाईकोर्ट का बचा है, जिसमें वह जाकर तर्क रखते हुए मेंस के लिए सशर्त मंजूरी ले सकते हैं। साल 2023 की प्री में भी अभ्यर्थियों द्वारा यही किया गया था लेकिन जरूरी है कि आंसर की पर आपत्ति के लिए उनके पास विधिक दस्तावेज मौजूद हो। क्योंकि पीएससी भी अब आसंर की को लेकर सतर्क है और उनके विशेषज्ञों द्वारा इस बार कई बार आंसर को परखा गया है। चेयरमैन डॉ. राजेश लाल मेहरा ने इस संबंध में खुद विशेषज्ञों को सख्त हिदायत दी थी कि आंसर की पूरी तरह से रिकार्डेड दस्तावेज के आधार पर ही बनना चाहिए।
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