संजय गुप्ता@ INDORE.
मप्र लोक सेवा आयोग ( MPPSC ) की राज्य सेवा परीक्षा 2021 के अंतिम रिजल्ट में पहली बार देखने में आया है कि अनारक्षित सीट सामान्य वर्ग के उम्मीदवार को नहीं मिली है। डिप्टी कलेक्टर के 24 पदों में अनारक्षित वर्ग में 8 सीट रखी गई थी, लेकिन इसमें से केवल 1 सीट ही सामान्य वर्ग के उम्मीदवार को मिली। इन सीटों को ओबीसी, एसटी और एससी वर्ग ने अपने अंकों के जरिए हासिल करने का कारनामा करके दिखाया। इसी तरह लाड़ली बहनाओं ने पुरूषों को पीछे छोड़ा, महिलाओं के लिए डिप्टी कलेक्टर के 24 पद में 8 आरक्षित थे, लेकिन उन्होंने 12 पर बाजी मारी।
इस तरह थी आरक्षित सीट
डिप्टी कलेक्टर की 24 सीट में से 8 सीट अनारक्षित (3 महिला), एससी के लिए 4 (1 महिला), एसटी के लिए 5 (2 महिला), ओबीसी के लिए 4 (1 महिला) और ईडब्ल्यूएस के लिए 3 (1 महिला) के लिए रखी गई थी।
पहले बात लाड़ली बहनाओं की इन्होंने मारी बाजी
पहले बात लाड़ली बहनाओं की करते हैं। इनके लिए सभी कैटेगरी में मिलाकर 24 में से 8 पद थे, लेकिन इन्होंने 12 पदों पर बाजी मारी। टॉप 10 में तो 7 पदों पर यही है, टॉपर अंकित पाटकर तो है ही। ओबीसी वर्ग में एक महिला आरक्षित पद की जगह 5 पदों पर यह आई है। इसी तरह एससी वर्ग में दो पद पर, एसटी वर्ग में तीन पद पर यह आई है, जबकि इन दोनों में भी एक-एक ही पद महिला के लिए आरक्षित था। ईडब्ल्यूएस में भी एक पद था और दो महिलाएं आई है।
अब ओबीसी, एसटी, एसटी ने इस तरह मारी बाजी
- ओबीसी कैटेगरी की चार सीट आरक्षित थी, लेकिन इस वर्ग के उम्मीदवारों ने अपनी मेहनत से 8 सीट प्राप्त की।
- सबसे बड़ी बात टॉप थ्री रैंक 1,2 और 3 ओबीसी वर्ग की अंकिता पाटकर, अमित सोनी और पूजा चौहान ने हासिल की।
- एससी वर्ग के लिए चार सीट थी, लेकिन इस वर्ग से 5 उम्मीदवार चयनित हुए, अहम बात यह कि इस कैटेगरी की रितु चौरसिया रैंक में 8वें पायदान (905.50 अंक) पर रहीं। उनके अंक सामान्य वर्ग में चयनित सृजन श्रीवास्तव, जो नौवीं रैंक (903.25) पर है, उनसे ज्यादा है। एससी वर्ग के उम्मीदवार रैंक में 8वें पायदान से लेकर 19वें पायदान तक पहुंचे हैं। एक उम्मीदवार को इंटरव्यू में 175 में से 150 अंक तक मिले हैं।
- एसटी वर्ग के लिए 5 पद थे और इसमें पांच चयनित हुए। इन सभी के अंक बेहतर है और टॉप 14 से लेकर 22वीं रैंक तक आए हैं।
- सामान्य वर्ग से नौंवी रैंक पर सृजन श्रीवास्तव आए, वहीं एक सुभाष मिश्रा 22वें पायदान पर है, जो अस्थिबाथित से सामान्य वर्ग में हैं।
अमित सोनी दूसरी बार डिप्टी कलेक्टर बने
उधर दूसरी पायदान पर आकर डिप्टी कलेक्टर बने अमित सोनी अभी भी डिप्टी कलेक्टर है। वह 2019 की परीक्षा में 11वें पायदान पर आकर चयनित हुए थे। वहीं उनके इस चयन से कई उम्मीदवारों ने सवाल उठाए हैं कि जब वह चयनित हो चुके थे तो उन्हें फिर इंटरव्यू में बैठना ही नहीं था। उन्होंने बेवजह आकर एक पद को खराब करने की कोशिश की। हालांकि वह एक पद छोड़ेंगे और सीनियरटी को देखते हुए माना जा रहा है कि वह 2021 में चयन पर पद नहीं लेंगे और वेटिंग लिस्ट वालों को मौका मिलेगा। उम्मीदवारों का कहना है कि यूपीएससी में कोई यदि आईएएस या आईएफएस में आ गया तो वह फिर रैंक सुधार के लिए वह परीक्षा में शामिल नहीं हो सकता है। पीएससी को इस दिशा में यूपीएससी जैसे ही नियम लाने चाहिए।
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