Indore : मप्र लोक सेवा आयोग (पीएससी) ने भले ही राज्य सेवा परीक्षा 2023 मेंस का रिजल्ट नौ माह बाद जारी कर दिया है लेकिन इसका मुद्दा अभी सुलझा नहीं है। जबलपुर हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस की बैंच में सात जनवरी मंगलवार इसकी सुनवाई तारीख लगी, लेकिन एक बार फिर एजी प्रशांत सिंह नहीं पहुंचे। यह लगातार तीसरा मौका था जब एजी इस सुनवाई में नहीं पहुंचे।
क्या हुआ सुनवाई में
सुनवाई शुरू होत ही शासकीय अधिवक्ता द्वारा इसमें तारीख आगे बढ़ाने की मांग की गई क्योंकि एजी नहीं थे। इस पर उम्मीदवारों के अधिवक्ता अंशुल तिवारी ने आपत्ति ली। शासकीय अधिवक्ता ने कहा कि रिजल्ट जारी किया जा चुका है, इसलिए अब कोई समस्या नहीं है। इस पर अधिवक्ता तिवारी ने कहा कि अभी भी अपील करने वाले सौ से ज्यादा उम्मीदवार है जिनका रिजल्ट रोक लिया गया है, जबकि कोई स्टे भी नहीं है। फिर आयोग इंटरव्यू भी करेगा। हाईकोर्ट ने इसमें पहले गुरूरवार नौ जनवरी की तारीख तय की लेकिन शासन की ओऱ से फिर समय अधिक देने की मांग हुई और इसके बाद तारीख 20 जनवरी रखी गई।
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क्यों नहीं चाहता आयोग सुनवाई
दरअसल इस मामले में सबसे बड़ा पेंच दो सवालों का है। इसमें पीएससी उलझा हुआ है। इसमें हाईकोर्ट ने एक सुनवाई में साफ मांग लिया था कि वह सबूत लेकर आएं जिससे साबित हो कबड्डी संघ का दफ्तर कहां पर है, नहीं तो सवाल का आंसर गलत माना जाएगा। इसके बाद से ही आयोग और शासन ने सुनवाई से कन्नी काटना शुरू कर दिया और इसके बाद से ही तारीख लगातार आगे ली जा रही है।
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