सांसद ना होता तो चाकूबाज होता, रीवा लोकसभा सीट से तीसरी बार सांसद बने जनार्दन मिश्रा ने क्यों कह दी ये बात

अपने बयान को लेकर अक्सर चर्चाओं में रहने वाले रीवा से बीजेपी सांसद जनार्दन मिश्रा ने एक बार ऐसा बयान दिया हैं कि उनके बयानों की चौतरफा चर्चा हो रही है। आइए जानते हैं क्या कहा उन्होंने....

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Sandeep Kumar
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लोकसभा चुनाव 2024 ( lok sabha election 2024 ) जीतकर बीजेपी की तरफ से जर्नादन मिश्रा तीसरी बार सांसद बने है। जर्नादन हमेशा ही अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं। अब फिर से फिर उनका एक बयान सुर्खियों में बना है। अपनी स्कूल लाइफ को याद करते हुए सांसद जनार्दन मिश्रा ( MP Janardan Mishra ) ने कहा कि छात्र जीवन में वो बिगड़ गए थे वो अन्य छात्रों के साथ मारपीट करते थे। साथ ही बीड़ी भी पीते थे। इसके चलते उन्हें स्कूल से रेस्टिकेट भी किया गया था। यहां तक कहा कि अगर शिक्षकों का साथ न मिला होता तो वो आज सांसद नहीं होते। बल्कि चाकू चलाते घूम रहे होते।

नहीं तो कहीं चाकू चला रहा होता

ऐसे ही मारपीट की शिकायत पर प्रिंसिपल सिद्धिकी साहब ने प्रिंसिपल कक्ष में 5 दिनों तक किताब पढ़ने की सजा दी थी। उन्होंने कहा मैं आज जो भी हो उन्हीं के बदौलत हूं, नहीं तो कहीं चाकू चला रहा होता।

शिक्षकों का जीवन में बताया योगदान

सांसद ने लोगों से कहा कि छात्र जीवन में वो बिगड़ गए थे। उन्हें बीड़ी पीने की आदत लग गई थी। वह स्कूल जीवन में अक्सर ही मारपीट करते थे। लेकिन स्कूल के प्रिंसिपल सिद्दकी साहब और शिक्षक रामानुज दुवेदी के कारण वो सुधर गए। उन्होंने बताया कि स्कूल में बीड़ी पीते हुए पाए जाने पर शिक्षक ने 7 दिन के लिए रेस्टीकेट कर दिया था। इतना ही नहीं घर में भी बीड़ी पीने की शिकायत कर दी थीं।

मॉडल स्कूल के स्थापना के 50 साल पूरे

दरअसल, रीवा में संचालित मॉडल स्कूल के स्थापना का 50 वर्ष था। जिस पर स्वर्ण जयंती समारोह मनाया जा रहा था। समारोह में पुराने छात्रों के साथ ही डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल भी पहुंचे थे। वे यहां के पुराने छात्र है। शुक्ल यहां चीफ गेस्ट के रूप में उपस्थित थे। उनके साथ ही तीसरी बार के सांसद जनार्दन मिश्रा भी कार्यक्रम में शामिल थे। जहां लोगो को संबोधित करते हुए मिश्रा ने शिक्षकों का महत्त्व बताते हुए अपने छात्र जीवन को याद कर टीचर्स का उनके जीवन में रोल बताया।

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