MP के कालूराम बामनिया , ओमप्रकाश शर्मा , सत्येंद्र सिंह लोहिया , भगवतीलाल राजपुरोहित पद्मश्री से सम्मानित

राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में 132 हस्तियों को पद्म सम्मान से सम्मानित किया गया। इनमें वेंकैया नायडू समेत 5 को पद्म विभूषण, मिथुन चक्रवर्ती सहित 17 को पद्म भूषण, 110 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा पद्मश्री से नवाजा गया है।

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Marut raj
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MPs Satyendra Singh Lohia Omprakash Sharma Kaluram Bamnia Bhagwatilal Rajpurohit honored with Padma Shri द सूत्र
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MP's Satyendra Singh Lohia, Omprakash Sharma , Kaluram Bamnia , Bhagwatilal Rajpurohit honored with Padma Shri .

भोपाल. मध्य प्रदेश के रहने वाले सत्येंद्र सिंह लोहिया के साथ ही ओमप्रकाश शर्मा , कालूराम बामनिया , भगवतीलाल राजपुरोहित को पद्मश्री पुरस्कार से सोमवार को सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा उन्हें पद्मश्री से नवाजा गया। 

इंग्लिश चैनल पार करने वाले पहले पैरा स्विमर

इंटरनेशनल पैरा स्विमर सत्येंद्र सिंह लोहिया ( International para swimmer Satyendra Singh Lohia ) को देश का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से नवाजा गया है। वह जीएसटी विभाग में पदस्थ हैं। सिंह ने साल 2007 में तैराकी शुरू की थी। उन्होंने 7 राष्ट्रीय और 3 अंतरराष्ट्रीय पैरा तैराकी चैंपियनशिप में भाग लिया है। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर लगभग 20 पदक जीते हैं, जिसमें 5 स्वर्ण पदक शामिल हैं।  24 जून 2018 को स्विमर उन्होंने लंदन में 36 किलोमीटर इंग्लिश चैनल को 12 घंटे 26 मिनट में पार किया था। इंग्लिश चैनल रिले को पार करने के बाद सत्येंद्र सिंह लोहिया ने 2019 में यूएसए में कैटालिना चैनल को पार करके एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की थी। उन्होंने 11 घंटे 34 मिनट के समय के साथ कैटलिना चैनल को सफलतापूर्वक पार करके एक एशियाई रिकॉर्ड भी बनाया। साल 2022 में लोहिया ने 14 घंटे 39 मिनट तक 12 डिग्री तापमान पर ठंडे पानी में 36 किलोमीटर नॉर्थ चैनल तैरकर विश्व रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने कहा कि यह एशिया की पहली टीम है, जिसने ठंडे नॉर्थ चैनल को पार किया है। नॉर्थ चैनल का पानी इंग्लिश चैनल की तुलना में ठंडा है।

आइए आपको पद्मश्री से सम्मानित अन्य शख्सियतों के बारे में बताते हैं...

पद्मश्री ओमप्रकाश शर्मा मध्य प्रदेश के थियेटर आर्टिस्ट के तौर बात की जाए तो इनमें ओमप्रकाश शर्मा का बड़ा नाम है। उन्होंने 'माच' को बचाने के लिए अपना जीवन लगा दिया। मालवा की 200 साल पुरानी नाट्य परंपरा को बचाने के लिए अपने जीवन के 7 दशक समर्पित कर दिए। उन्होंने माच थिएटर को बचाए रखने के लिए ना सिर्फ स्क्रिप्ट लिखे इसके साथ ही संस्कृत के नाटकों का 'माच' स्टाइल में ट्रांसफार्म किया।

पद्मश्री कालूराम बामनिया मध्य प्रदेश का बड़ा नाम है, जिन्हें कला के क्षेत्र में विदेशों तक पहचान मिली है। वे कबीर को अनूठे तरीके से प्रस्तुत करने के लिए जाने जाते हैं। कालूराम बामनिया मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में कबीर, गोरखनाथ, बन्नानाथ और मीरा जैसे भक्ति कवियों के भजन गाते हैं।

पद्मश्री भगवतीलाल राजपुरोहित 81 वर्षीय डॉ. भगवतीलाल राजपुरोहित अपने शोधपरक लेखन के लिए जाने जाते है। वे 10 वर्षो तक विक्रमादित्य शोध पीठ, उज्जैन के निदेशक और 38 वर्षों तक संदीपनी कॉलेज, उज्जैन में हिंदी, संस्कृत और प्राचीन इतिहास के प्रोफेसर रहे हैं। 

 

 

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