अरविंद शर्मा@ भोपाल.
चांचौड़ा-बीनागंज नगरीय निकाय की 30 हजार की आबादी की प्यास बुझाने के लिए सात वर्ष पहले शुरू हुई मुख्यमंत्री जलार्वधन योजना में 9 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। वर्ष 2016 में स्वीकृत हुई इस योजना को 15 महीने के भीतर पूरा करना था, लेकिन आज सात साल के बाद भी पाइप लाइन बिछाने का काम अधूरा पड़ा हुआ है। इतना ही नहीं दो तत्कालीन सीएमओ, एक उपयंत्री और लेखापाल ने गुजरात की साउथ कंस्ट्रक्शन कंपनी को करोड़ों रुपए राशि का भुगतान कर दिया है। जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि इन अफसरों ने कंपनी को भुगतान करने में तीन करोड़ का घोटाला किया है। भ्रष्टाचार करने वाले नगरपरिषद के एक सीएमओ को नपा अशोकनगर, मुंगावली का सीएमओ के साथ-साथ अशोकनगर का पीओ डूडा का प्रभार देकर शासन ने उपकृत किया है। ( CM Water Supply Scheme Scam )
मुख्यमंत्री जलावर्धन योजना में भ्रष्टाचार
चांचौड़ा-बीनागंज नगर परिषद के 15 वार्डों में मुख्यमंत्री जलावर्धन योजना में हुए भ्रष्टाचार की वजह से आज यहां छह हजार से अधिक घरों में रहने वाली 30 हजार की आबादी को पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा है। हालात यह है कि कई घरों के लोग एक-एक किलोमीटर दूर हैंडपंप से पानी भरने को मजबूर है। वहीं जनता ने कई बार पेयजल संकट को लेकर जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से शिकायत की है, उसके बाद भी पेयजल संकट से निजात नहीं मिल पाई है। नगर परिषद की अध्यक्ष सुनीता भल्लू नाटानी ने कहा कि गुजरात की कंपनी के खिलाफ बीनागंज पुलिस चौकी में मामला दर्ज किए दो साल हो गए हैं। लेकिन पुलिस ने भी ठेकेदार और कंपनी के डायरेक्टर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। वहीं नगरीय प्रशासन के अधिकारी भी मुख्यमंत्री जलावर्धन योजना कब चालू होगी। इसको लेकर कोई जवाब नहीं दे रहे हैं।
ग्वालियर के जांच अधिकारियों ने की लीपापोती, पाइप लाइने अधूरी
नगर परिषद चांचौड़ा- बीनागंज के सीएमओ भगवान सिंह भिलाला ने कहा कि ग्वालियर नगरीय प्रशासन विभाग के कार्यपालन यंत्री मुख्यमंत्री जलावर्धन योजना में हुए घोटाले की जांच करने आए। जांच के बाद वह ठेकेदार के साथ मिलकर लीपापोती करके चले गए। जनता पेयजल संकट से जूझ रही है। अधिकारी और नगर परिषद के जनप्रतिनिधि परेशान है। ठेकेदार और कंपनी के डायरेक्टर के खिलाफ बीनागंज पुलिस चौकी में 420 की धारा में मामला दर्ज किए दो साल बीत गए हैं। भोपाल के अधिकारियों द्वारा कंपनी से रिकवरी करनी चाहिए। साथ ही दोषी अधिकारियों ने भुगतान क्यों किया? इसको लेकर जवाब भोपाल के अधिकारी देंगे। गुजरात की कंपनी को ब्लेकलिस्टेड किया गया है।
तत्कालीन SDM ने जांच में माना, चार शासकीय सेवकों ने किया घोटाला
गुना के तत्कालीन एडीएम वर्तमान में हरदा कलेक्टर आदित्य सिंह ने नगरीय प्रशासन विभाग भोपाल को जांच रिपोर्ट भेजी थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि चांचौड़ा-बीनागंज की मुख्यमंत्री जलावर्धन योजना में तत्कालानी प्रभारी सीएमओ विनोद उन्नीतान, प्रभारी सीएमओ बृजेश गुप्ता, उपयंत्री रवि बुनकर और लेखापाल एहसान उल्लाह खान के साथ पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष श्रीकृष्ण भोला सोनी दोषी है। इसमें इन चार शासकीय सेवकों ने कंपनी को भुगतान करने के एवज में तीन करोड़ का घोटाला किया है। इसको लेकर नगरीय प्रशासन संचालनालय यांत्रिकी प्रकोष्ठ प्रमुख अभियंता भोपाल ने चारो अभियुक्तों को आरोप पत्र जारी कर दिए थे। पूर्व एडीएम ने नगरीय प्रशासन प्रमुख सचिव व आयुक्त भोपाल को रिपोर्ट भेजी थी। जांच रिपोर्ट की फाइल आज भी लंबित पड़ी हुई है। वहीं जिला प्रशासन गुना ने भी नगरीय प्रशासन भोपाल को चार बार जांच रिपोर्ट भेजी थी। लेकिन जांच रिपोर्ट की फाइलें लंबित है।
मना करने पर भी कर दिया भुगतान
चांचौड़ा-बीनागंज में मुख्यमंत्री जलावर्धन योजना की निगरानी कर रही आरबी एसोसिएट ने भी माना था कि योजना अधूरी है। साथ ही गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं हुआ है। ऐसे में निर्माण कंपनी को भुगतान नहीं किया जाए। इसके बाद भी पूर्व प्रभारी सीएमओ बृजेश गुप्ता ने 65 लाख रुपए का भुगतान कर दिया। इसको लेकर भी विभागीय जांच की जा रही है, लेकिन वह आज भी राघौगढ़ की नगरीय निकाय में पदस्थ है।
मुख्यमंत्री जलावर्धन योजना में 9 करोड़ रुपए के घोटाले को लेकर पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह से द सूत्रों ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि इसके बारे में बड़े भाई साहब (दिग्विजय सिंह) से पूछिए। वही बताएंगे।
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