Gwalior 4 children missing : मुंबई ( Mumbai ) में अपने घर से भागे चार भाई-बहन मध्य प्रदेश के ग्वालियर ( Gwalior ) शहर में ट्रेन से उतरने के बाद लापता ( missing ) हो गए। जनकगंज थाने के निरीक्षक विजेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि मुंबई पुलिस ( Mumbai Police ) की क्राइम ब्रांच की एक टीम 8 से 18 साल की उम्र की तीन लड़कियों और एक लड़के की तलाश में ग्वालियर पहुंची है, जो 27 मई को ट्रेन से उतरने के बाद से लापता हो गए थे।
CCTV फुटेज की जांच
थाना निरीक्षक का कहना है कि मुंबई पुलिस उस ऑटोरिक्शा चालक से पूछताछ कर रही है, जिसने दावा किया है कि उसने बच्चों को लक्ष्मीगंज इलाके में स्थित एक चाइल्ड केयर सेंटर में छोड़ा था। ग्वालियर स्टेशन के CCTV फुटेज की जांच के बाद पुलिस ने ऑटोरिक्शा चालक तक अपनी पहुंच बना ली है।
पुलिस केंद्र पहुंची
माधव बाल निकेतन की चेयरपर्सन नूतन श्रीवास्तव का कहना है कि मुंबई पुलिस की टीम ने 27 मई को पंजाब मेल ट्रेन से सफर करने वाले चार बच्चों के बारे में पूछताछ करने के लिए केंद्र का दौरा किया। साथ ही उनका कहना है कि हम केवल बाल कल्याण समिति ( जिला) के निर्देश पर ही बच्चों को लेते हैं। बच्चों को हमारे सेंटर पर नहीं छोड़ा गया था। पुलिस वहां लगे CCTV कैमरों की भी जांच कर रही है।
आटोचालाक का दावा
ऑटोरिक्शा चालक दिलीप धाकड़ ने दावा किया कि उसने 27 मई को बच्चों को चाइल्डकेयर सेंटर में ही छोड़ा था।
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माता-पिता के झगड़ों से परेशान थे बच्चे
अंधेरी वेस्ट में रहने वाले एक ही परिवार के यह बच्चे अपने माता-पिता के बीच आए दिन होने वाले झगड़े से परेशान रहते थे, इसीलिए वह घर से बिना बताए निकले और दिल्ली की तरफ जाने वाली ट्रेन में सवार हो गए थे। ट्रेन में सफर करते समय रास्ते में उन्हें मुरैना का एक युवक मिला। उसने इन बच्चों को उनके पेटीएम के बदले अपना कुछ कैश भी दिया। जिससे यह बच्चे माधव बाल निकेतन पहुंचे। अब यह बच्चे कहां हैं। इसके बारे में किसी को कुछ जानकारी नहीं है। सबसे बड़ी लड़की है, जो हाल ही में 18 साल की हुई है। बाकी उसकी दो छोटी बहनें है और सबसे छोटा एक भाई भी साथ में था।
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