ED ने नगर निगम बिल घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत दर्ज किया केस

नगर निगम में हुए 150 करोड़ के फर्जी बिल घोटाले में पुलिस ने करीब 8 एफआईआर दर्ज की है। इसमें आरोपियों पर आईपीसी धारा 420, 467, 468, 471, 474, 120बी और 34 की धाराएं लगी है।

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Pratibha ranaa
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संजय गुप्ता@ INDORE.

नगर निगम में हुए 150 करोड़ के फर्जी बिल घोटाले में ईडी (ED प्रर्वतन निदेशालय) इंदौर ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत केस दर्ज कर लिया है। द सूत्र ने पहले भी इसे लेकर न्यूज ब्रेक की थी कि ईडी ने पुलिस से इस मामले में सभी दस्तावेज मांग लिए हैं। इनका परीक्षण चल रहा है कि यह केस ईडी द्वारा लेने योग्य है या नहीं। परीक्षण के बाद ईडी ने इसे फिट केस पाया और उच्च स्तर की मंजूरी के बाद अब औपचारिक तौर पर केस दर्ज कर लिया है। 

नगर निगम के यह अधिकारी उलझे

अभी तक इस मामले में पुलिस ने करीब 8 एफआईआर दर्ज की है। इसमें आरोपियों पर आईपीसी धारा 420, 467, 468, 471, 474, 120बी और 34 की धाराएं लगी है। इसमें नगर निगम इंजीनियर अभय राठौर के साथ ही निगम के उदय भदौरिया, चेतन भदौरिया, मुरलीधर, राजकुमार साल्वी, संयुक्त संचालक अनिल कुमार गर्ग, डिप्टी डायरेक्टर समर सिंह, असिस्टेंट आडिटर रामेश्वर परमार को आरोपी बनाया गया है। यह सभी गिरफ्तार हो चुके हैं और इसमें से मुरलीधर की जमानत हाईकोर्ट से हो चुकी है। सीनियर ऑडीटर जेएस ओहरिया की भूमिका की भी अभी जांच हो रही है। नगर निगम के लेखा विभाग के भी अधिकारी की भूमिका संदिग्ध है और निगम ने फिलहाल उन्हें जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद ट्रांसफर किया है। 

वहीं दर्जन भर ठेकेदार भी आए उलझन में

वहीं ठेकेदारों में मोहम्दद सिद्दकी, मोहम्मद जाकिर, मोहम्मद साजिद, रेणु वढेरा, राहुल वढेरा, जाकिर, एहतेमाश उर्फ काकू, बिकलिस खान, जाहिद खान, राजेंद्र शर्मा, इमरान खान, मौसम व्यास इन सभी पर भी पुलिस ने केस दर्ज किया है। वहीं फर्जी फर्म आने के बाद लगातार नाम बढ़ते जा रहे हैं। इसमें काकू अभी तक फरार है। बाकी गिरफ्तार हो चुके हैं। 

बयानों के आधार पर पूर्व निगमायुक्त, अपर आयुक्त भी उलझेंगे

मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत आरोपी के बयान अन्य को आरोपी बनाने के लिए पर्याप्त होते हैं, जो पुलिस की आईपीसी में नहीं होता है। ऐसे में अभय राठौर द्वारा सुनील गुप्ता इंजीनियर के साथ ही पूर्व के निगमायुक्त व अन्य अधिकारियों पर भी आरोप लगाए जा रहे हैं। खासकर उनकी पत्नी ने तो कोर्ट में परिवाद ही दायर कर दिया है और शपथपत्र देकर निगमायुक्तों के खिलाफ भी केस दर्ज करने की मांग की है। साथ ही महापौर मालिनी गौड़ के कार्यकाल में गड़बड़ी को लेकर अधिकारियों की भूमिका पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ऐसे में ईडी की जांच में इन सभी की मुश्किलें बढ़ने वाली है। 

दिल्ली शराब घोटाले में एक्शन, निगम में चुप्पी से उठ रहे थे सवाल

ईडी ने दिल्ली में सौ करोड़ के शराब घोटाले में बड़ी एक्शन करने और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल तक को गिरफ्तार किया। वहीं 150 करोड़ के शराब घोटाले को लेकर चुप्पी साधे रखी थी। इसे लेकर भी लगातार सवाल उठ रहे थे, लेकिन ईडी इस मामले में गुपचुप तरीके से काम कर रहा था। इसे लेकर सभी दस्तावेज पुलिस से मंगा लिए और उनका अध्ययन शुरू कर दिया था। इसके बाद अब इसमें पुख्ता बात सामने आने के बाद केस दर्ज कर लिया है। 

कांग्रेस ने इन अधिकारियों के खिलाफ भी खोला मोर्चा

उधर कांग्रेस ने अब निगम के अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया है। निगम में नेत प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने इंदौर नगर निगम के पूर्व अपर आयुक्त वित्त वीरभद्र शर्मा को आरोपी बनाने के लिए पुलिस कमिशनर को ज्ञापन दिया है। वहीं कांग्रेस के महासचिव राकेस यादव ने बोरिंग घोटाले का आरोप लगाते हुए इंजीनियर संजीव श्रीवास्तव और ठेकेदार हुल्लास जैन के खिलाफ जांच एजेंसियों को शिकायत की है।



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