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इंदौर में शनिवार रात ( 29 जून ) को मात्र 1.5 सेमी बारिश ने नगर निगम के 150 करोड़ के फर्जी बिल घोटाले पर पक्की मुहर लगा दी। मात्र 40 मिनट की बारिश में पूरा शहर हालाकान हो गया।
खासकर बंगाली चौराहे से लेकर रेडिसन तक हालत खराब थी और एक घंटे से ज्यादा समय तक वाहन चालिक जाम में फंसे रहे।
क्यों कह रहे घोटाले पर लगी मुहर
नगर निगम के ड्रेनेज विभाग से ही यह घोटाला सामने आया था। इसमें घोटालेबाजों ने एक दिन में 500- 500 चेंबर के ढक्कन लगाने और एक ही दिन में 5-5 किमी लंबी सीवर लाइन की खुदाई करने और पाइपलाइन डालने वाला काम दिखाकर बिल का भुगतान लिया था, जो किसी भी सूरत में संभव ही नहीं था।
यानी इस सीवेरज, ड्रेनेज विभाग में सालों से फर्जी काम और फर्जी फाइल पर भुगतान हो रहा है। इस घोटाले की जुड़ी अधिकांश फाइल इसी विभाग की जुड़ी हुई थी।
पूरा शहर पूछ रहा, निगम कर क्या रहा है?
महापौर पद संभाले हुए पुष्यमित्र भार्गव को जुलाई मे दो साल हो जाएंगे, जब वह महापौर बने थे, तब कुछ दिन बाद भारी बारिश हुई और पूरा शहर जलमगन हुआ, वह दौरे पर निकले और इसे चुनौती माना। लेकिन इसके बाद भी हालत में कोई बहुत बड़ा सुधार नहीं दिख रहा है।
इसके बाद जाम में फंसते लोग नगर निगम से पूछ रहा है कि आखिर आपने किया क्या है? घोटालों के सिवाए बीआरटीएस सालों से पानी में डूब रहा है तो वहीं हर चौराहा, सड़क बारिश में नदी, तालाब में तब्दील हो रही है।