नगर निगम जबलपुर कर रहा हाईकोर्ट के आदेश की खुली अवहेलना

मध्य प्रदेश-जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार जिन भर्तियों में 15 जुलाई 2024 तक अपॉइंटमेंट ऑर्डर देने थे उनका विज्ञापन ही नगर निगम ने 30 जुलाई को निकाला और अब इंटरव्यू के लिए दिव्यांग अभ्यर्थी परेशान होते हुए दिखाई दे रहे हैं।

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Neel Tiwari
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जबलपुर नगर निगम निःशक्तजनों की भर्ती से जुड़ा ऐसा मामला सामने आया है जिसमें  निगम  हाईकोर्ट ( High Court ) के आदेश की अवहेलना कर रहा है। हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार जिन नियुक्तियों का परिणाम 20 जून के पहले घोषित कर चयनित अभ्यर्थियों को 15 जुलाई तक नियुक्ति पत्र ( Appointment Letter ) देना था, लेकिन इसकी भर्ती प्रक्रिया ही नगर निगम ने 30 जुलाई को शुरू की है। जिसके साक्षात्कार आज तक नहीं हो सके हैं।

कोर्ट ने दिया था नियुक्ति देने का आदेश

नेशनल फेडरेशन ऑफ ब्लाइंड एमपी ब्रांच के द्वारा जबलपुर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। इस याचिका में दिव्यांग जनों को प्राप्त रिजर्वेशन के आधार पर बैकलॉग पदों की भर्ती का आदेश जस्टिस विवेक अग्रवाल की कोर्ट ने दिया था। इस आदेश में यह साफ लिखा गया था कि आदेश जारी होने के 30 दिनों के भीतर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया जाएगा और 20 जून 2024 तक भर्ती प्रक्रिया को पूरा कर 15 जुलाई तक चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र भी दे दिए जाएंगे। आदेश में कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया था कि 15 जुलाई 2024 तक यदि यह भर्ती पूरी नहीं की जाती तो इसे कोर्ट के आदेश की अवहेलना माना जाएगा।

अपॉइंटमेंट ऑर्डर देने की लास्ट डेट के 15 दिन बाद शुरू हुई भर्तियां

नगर निगम जबलपुर हाईकोर्ट की आदेश की खुलेआम अवहेलना करता हुआ नजर आ रहा है।  हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार 15 जुलाई तक जो भर्ती प्रक्रिया पूरी हो जानी थी उसके विज्ञापन ही 30 जुलाई को निकले गए। यही हाल मध्य प्रदेश के अन्य नगर निगमों का भी नजर आ रहा है क्योंकि इंदौर नगर निगम ने भी 19 जुलाई को 306 पदों का भर्ती विज्ञापन जारी किया था।

देरी से भर्ती ऊपर से साक्षात्कार में हिलाहवाली

जबलपुर नगर निगम के द्वारा नि:शक्तजनों के लिए चलाए जा रहे विशेष भर्ती अभियान के अंतर्गत 20 अगस्त तक आवेदन जमा करने की आखिरी तारीख थी। 28 अगस्त को वॉक-इन इंटरव्यू होने थे। जबलपुर नगर निगम के द्वारा निकाली गई 106 पदों की भर्ती के लिए 2200 दिव्यांग जनों ने आवेदन किया। इन 2200 आवेदनों की छटनी करना नगर निगम के आराम पसंद अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए नामुमकिन था, तो उन्होंने वाक-इन इंटरव्यू को ही अनिश्चितकाल तक पोस्टपोन कर दिया है ।

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निःशक्तजन होते रहे परेशान

नगर निगम के द्वारा 23 अगस्त को एक पत्र जारी कर इन नियुक्तियों के लिए वॉक-इन इंटरव्यू को अगले आदेश तक कैंसिल कर दिया गया। जिसका कारण निगम के द्वारा यह बताया गया कि इन पदों के लिए 2200 आवेदन आए हैं । तो क्या नगर निगम के जिम्मेदारों को यह लग रहा था कि 106 पोस्ट के लिए मात्र 200 से 250 ही आवेदन आएंगे जो उन्होंने साक्षात्कार की तिथि 28 अगस्त रखी थी। इसके बाद 23 अगस्त के दिन साक्षात्कार के रद्द होने की सूचना कुछ दैनिक समाचार पत्रों में भी छपवाई गई, लेकिन नौकरी की आस लगाए साक्षात्कार की तैयारी कर रहे बड़ी संख्या में दिव्यांग जनों को यह सूचना नहीं मिल सकी और वह साक्षात्कार के दिन नगर निगम परिसर में परेशान होते हुए नजर आए। आलम यह था कि जिस 40 नंबर कमरे में निशक्त जनों के साक्षात्कार होने थे उसे कमरे में 12:30 तक ताला लटका हुआ नजर आया। हाईकोर्ट के आदेश के बाद नगर निगम के द्वारा  जिस भर्ती को अपनी सफलता दर्शाने के लिए बड़े-बड़े विज्ञापन और होर्डिंग छपवाए गए थे। वहीं पर साक्षात्कार स्थगन का केवल एक छोटा सा पर्चा चिपका दिया गया। नगर निगम का कोई भी जिम्मेदार इस ताला लगे कमरा नंबर 40 जनसुनवाई कक्ष के बाहर मौजूद नहीं था। दूर दराज क्षेत्रों से नौकरी की उम्मीद में साक्षात्कार देने आए दिव्यांगजन दिनभर परेशान होते रहे और आखिरकार मायूस होकर अपने घर को लौट गए। 

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