संजय गुप्ता @ INDORE. NEET ( नेशनल एंट्रेंस कम एलिजिबिलिटी टेस्ट ) के रिजल्ट को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसे लेने वाली एजेंसी NTA ने गुरुवार देर रात तीन पन्नों विस्तृत स्पष्टीकरण पेश किया और आरोपों का एक-एक कर जवाब दिया। वहीं इन जवाबों से भी छात्र और जानकार संतुष्ट नहीं है और मांग उठ रही है कि इस परीक्षा को रद्द किया जाए। कांग्रेस ने भी इसे लेकर मांग उठाई है।
पहला सवाल- इतने अधिक अंक कैसे, 67 छात्र की रेंक 1 और पूरे अंक 720 क्यों
इस पर नेट ने कहा कि अब एवरेज मार्क्स बढ़ गए हैं। साल 2023 में यह 279.41 थे जो अब बढ़कर 323.55 इस बार हो गए हैं। इसके बढ़ने का मतलब है कि बच्चों की तैयारियां बढ़ गई है, परीक्षा अधिक कंपटीटिव हो गई है।
बीते वर्षों में इस प्रकार रही है नीट कटऑफ
साल 2020 में 297.18
साल 2021 में 286.13
साल 2022 में 259
साल 2023 में 279.41
और साल 2024 में 323.55
दूसरा आरोप- छात्रों को 718, 719 अंक कैसे मिले?
नीट टोटल मार्क्स 720 होता है। हर सवाल 4 अंक का होता है। गलत उत्तर के लिए 1 अंक कटता है। अगर किसी स्टूडेंट ने सभी सवाल सही किए तो उसे 720 में से 720 मिलेंगे। अगर एक सवाल का उत्तर नहीं दिया, तो 716 मिलेंगे। अगर एक सवाल गलत हो गया, तो उसे 715 मिलने चाहिए। लेकिन 718 या 719 कैसे मिल सकता है? इस पर नेट ने कहा कि 'पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ हाईकोर्ट में कई याचिकाएं लगाई गईं जिनमें बच्चों ने 5 मई की परीक्षा में कुछ सेंटर्स पर समय बर्बाद होने की शिकायत की थी। एनटीए ने सीसीटीवी फुटेज चेक करने और जांच करने के बाद पाया कि कैंडिडेट्स की गलती नहीं थी। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के 13 जून 2018 के जजमेंट के आधार पर उन बच्चों को Loss of Time के लिए कंपनसेटरी मार्क्स दिए गए। 718 और 719 पाने वाले दो कैंडिडेट उन्हीं में से हैं।
लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि ऐसा तो कई सेंटर्स पर हुआ तो फिर ग्रेस मार्क्स का तरीका क्या हो सकता है और केवल याचिकाकर्ता को ही यह लाभ क्यों दिया गया? कुछ छात्र तो ऐसे हैं जो इस ग्रेस मार्क्स के कारण पूरे 720 अंक पा गए और रेंक 1 हो गई।
तीसरा आरोप- 6 NEET Topper एक ही एग्जाम सेंटर से कैसे?
नीट टॉपर लिस्ट PDF में 6 कैंडिडेट का रोल नंबर सीरीज एक ही है। यानी उनका नीट एग्जाम सेंटर एक ही था। इनमें से 4 को टोटल 720, 1 को 719 और एक को 718 अंक मिले हैं। इस पर NTA ने कहा है- आंसर-की 2024 में फीजिक्स के एक सवाल पर 13,373 चैलेंज मिले थे। ये NCERT की नई और पुरानी किताब के कारण था। सब्जेक्ट एक्सपर्ट्स ने एक की जगह दो ऑपशन सही बताए। टॉप करने वाले 67 में से 44 को रिवाइज्ड आंसर-की और 6 को समय गंवाने के कारण NEET Compensatory Marks दिए गए। नीट टॉपर्स पूरे देश से आए हैं।
आरोप- पेपर लीक की खबरें आई, बिहार पुलिस ने कार्रवाई की
परीक्षा के दिन ही नीट पेपर लीक की खबरें आने लगीं। बिहार समेत अन्य राज्यों में जांच भी शुरू हो गई, जो अब भी जारी है। लेकिन एनटीए ने इन आरोपों को तब खारिज कर दिया था। अब नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने कहा है- 'एनटीए ने गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ केस दर्ज किए हैं। कुछ केस राज्यों की पुलिस के पास भी दर्ज हैं। जहां भी जरूरत है, एनटीए इन जांच एजेंसियों को NEET UG 2024 Cases के मामलों में पूरा सहयोग दे रहा है। हालांकि, इन इन्वेस्टिगेशंस के नतीजे आने अभी बाकी हैं। एनटीए पेपर लीक का कोई भी मामला नहीं हुआ।
अब सवाल उठ रहा है एम्स के लिए फिर अलग परीक्षा हो
नीट के पहले एम्स में एडमीशन के लिए अलग से परीक्षा होती थी। एम्स का स्तर अन्य मेडिकल संस्थानों से अधिक ऊंचा माना जाता है। सभी का सपना इसमें एडमीशन का होता है और खासकर दिल्ली एम्स। दिल्ली एम्स में केवल 125 सीट है। जनरल की 46 सीट। वहीं नीट में 67 की रेंक 1 बनी है। देश के कुल 20 एम्स में दो हजार करीब एमबीबीएस सीट है। अब जानकारों ने सवाल उठाया है कि जरूरी है कि एम्स के लिए फिर से अलग परीक्षा की जाए और उनका स्तर अलग रखा जाए। नीट के साथ यह होने से होनहार उम्मीदवारों के साथ गलत हो रहा है।
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