जबलपुर हाई कोर्ट ने नीट पीजी काउंसलिंग (NEET PG Counseling) के पहले राउंड के परिणाम घोषित करने पर रोक लगा दी है। यह आदेश जस्टिस सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की खंडपीठ ने दिया। कोर्ट ने डायरेक्टर मेडिकल कॉलेज (Director Medical College) को निर्देश दिया है कि 24 नवंबर तक काउंसलिंग जारी रहेगी, लेकिन परिणाम घोषित नहीं होंगे। अगली सुनवाई 28 नवंबर को होगी।
मेरिट लिस्ट में विसंगतियां
याचिकाकर्ता डॉ. अभिषेक शुक्ला और अन्य ने मेरिट लिस्ट (Merit List) में विसंगतियों को लेकर याचिका दायर की थी। उन्होंने दावा किया कि राज्य द्वारा अपनाई गई दूसरी नार्मलाइज़ेशन प्रक्रिया के कारण उनकी रैंकिंग प्रभावित हुई है। हाई कोर्ट ने इसे गंभीर मानते हुए डीएमई (DME) और अन्य संबंधित विभागों को नोटिस जारी किया।
एमबीबीएस छात्र को मिली राहत
एक अन्य मामले में, याचिकाकर्ता बैतूल निवासी शशांक हरोड़े की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता को एमबीबीएस की प्रथम सेमेस्टर परीक्षा में कुल अंक 157 मिले हैं, लेकिन एनाटामी विषय में उसे अनुत्तीर्ण कर दिया है। एनएमसी की गाइडलाइन के तहत राज्य शासन ने एक परिपत्र जारी किया था, जिसमें 40 अंक तक की छूट का प्रविधान है। यदि इस परिपत्र पर सही रूप से विचार हो तो याचिकाकर्ता को प्रथम सेमेस्टर में उत्तीर्ण घोषित किया जाना चाहिए था। इस पर हाई कोर्ट ने मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय (Madhya Pradesh Medical Science University) को आदेश दिया कि बैतूल के छात्र शशांक हरोड़े को दूसरे सेमेस्टर में बैठने की अनुमति दी जाए। छात्र ने आरोप लगाया कि एनएमसी (NMC) गाइडलाइन के तहत मिले अंकों के बावजूद उसे अनुत्तीर्ण घोषित किया गया।
आगामी प्रक्रिया और नोटिस जारी
नीट पीजी काउंसलिंग की चॉइस फिलिंग प्रक्रिया 24 नवंबर की रात तक चलेगी। हालांकि, हाई कोर्ट ने परिणाम पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार और संबंधित विभागों से जवाब मांगा है।
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