मध्य प्रदेश में प्रॉपर्टी के लिए नई कलेक्टर गाइड लाइन लागू हो गई है। आचार संहिता लगने के कारण 1 अप्रैल से इसे लागू करने के लिए पंजीयन विभाग ने चुनाव आयोग से अनुमति मांगी थी, जो मंगलवार को मिल गई। बुधवार से तय समय पर रजिस्ट्री दफ्तर खुलने लगेंगे। सिस्टम अपडेट होते ही नई गाइड लाइन लागू हो जाएगी। हालांकि, नई गाइड लाइन में प्रदेशभर की 1.12 लाख लोकेशन में से 60 हजार पर प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ाई गई हैं। ये बढ़ोतरी 5% से 20% से ज्यादा है।
अब घर खरीदना महंगा हो जाएगा
हाल ही में केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड ने लंबे मंथन के बाद इन लोकेशन पर प्रॉपर्टी की कीमत बढ़ाने पर मुहर लगा दी। पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग के आईजी एम सेल्वेंद्रन ने बताया कि पहले गाइडलाइन को 1 अप्रैल से लागू करने की तैयारी थी। इसके आदेश भी जारी कर दिए गए थे। चूंकि 2014 में गाइडलाइन को लागू करने के लिए चुनाव आयोग की अनुमति ली गई थी, जो अब मिल गई है।
केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड के अफसरों ने बताया कि भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन में करीब 18,000 लोकेशन में से 13500 लोकेशन में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। मात्र 4500 लोकेशन की दरों में परिवर्तन किया गया है। जिसकी औसत परिवर्तन 12% है। प्रदेश में औसत परिवर्तन 8% का है।
महंगी रजिस्ट्री और आसपास नए प्रोजेक्ट
- गाइड लाइन में तय दर से अधिक दाम पर रजिस्ट्री कराई गई।
- नए प्रोजेक्ट आ रहे हैं, उनके आसपास प्रॉपर्टी की खरीद बढ़ी।
- जहां बिजली, पानी और परिवहन के नए रूट बने।
हर साल बढ़ रही रजिस्ट्री की संख्या
हर साल प्रॉपर्टी की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी का असर अब दिखाई देने लगा है। एमपी में 31 मार्च 2023-24 तक एमपी में करीब 15 लाख से ज्यादा रजिस्ट्री हुई हैं, जबकि 10 हजार करोड़ से ज्यादा रेवेन्यू सरकार के खाते में पहुंचा है। वहीं, 2022-23 में 8,890 करोड़ रुपए का राजस्व सरकार को रजिस्ट्री से मिला था।