New Criminal Laws : नए कानून से FIR दर्ज करने वाला भोपाल पहला शहर

आज से देशभर में नए कानून भारतीय न्याय संहिता के तहत केस दर्ज होने की शुरुआत हो गई है। मध्य प्रदेश के भोपाल में देर रात 12.05 मिनट पर नए कानून के तहत पहली एफआईआर दर्ज हुई।

Advertisment
author-image
Pratibha ranaa
New Update
New Criminal Laws
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

देश में 1 जुलाई 2024 से इंडियन पेनल कोड की जगह भारतीय न्याय संहिता लागू हो गई है। इस नए कानून के तहत मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दो थानों में मामले दर्ज किए गए हैं। 

भोपाल में दर्ज हुई पहली FIR

आज से देशभर में नए कानून भारतीय न्याय संहिता के तहत केस दर्ज होने की शुरुआत हो गई है। मध्य प्रदेश के भोपाल में देर रात 12.05 मिनट पर नए कानून के तहत पहली एफआईआर दर्ज हुई। एक युवक की शिकायत पर धारा 296 के तहत गाली गलौज करने का केस दर्ज किया गया है। जानकारी के अनुसार धारा 296 के तहत गाली गलौज और अड़ी बाजी की धारा में दर्ज की गई हैं।

पहला मामला 

नए कानून के तहत पहली एफआईआर हनुमानगंज थाने में दर्ज की गई है। इसमें फरियादी इसरानी मार्केट थाना हनुमानगंज निवासी 40 वर्षीय प्रफुल्ल चौहान की शिकायत पर राजा पर दर्ज की गई है। इसका घटनास्थल सामातंर रोड कट प्वाइंट की है। घटना एक जुलाई रात 12 बजकर 5 मिनट की है। आरोपित राजा ने प्रफुल्ल को गालियां दी थीं।

दूसरा मामला 

दूसरा मामला थाना जहांगीराबाद से सामने आया है। यहां एक बुजुर्ग महिला के साथ मारपीट हुई है। 

MP में इतने पुलिस अधिकारी- कर्मचारियों को ट्रेनिंग

नए कानूनों को लेकर प्रदेशभर में 60 हजार से अधिक पुलिस अधिकारी- कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी गई है। इसमें उन्हें बताया गया है कि अतिरिक्त सॉफ्टवेयर में किस तरह से एंट्री की जानी है, साक्ष्य कैसे एकत्र किए जाने हैं।

अब समझ लीजिए वो 3 तीन आपराधिक कानून जो आज से हो रहे लागू...

आज 1 जुलाई से 3 आपराधिक कानून लागू हो रहे हैं।  क्या है और इन कानूनों में क्या नया है?  इन 3 आपराधिक कानून के आने के बाद क्या बदलने वाला है। इनमें क्या खास होगा। भारतीय दंड संहिता की जगह भारतीय न्याय संहिता क्यों लागू किया जा रहा है और नए कानून लागू होने के बाद क्या बदलाव होगा। आइए आपको बताते हैं...

महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष प्रावधान

नए कानूनों में महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले अपराधों के लिए सख्त सजा के प्रावधान किए गए हैं। प्रस्तावित भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में पहला अध्याय अब महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध से संबंधित सजा के प्रावधानों से संबंधित है। इन प्रावधानों के अनुसार जहां बच्चों से अपराध करने व उन्हें आपराधिक कृत्य में शामिल करना दंडनीय अपराध होगा वहीं नाबालिग बच्चों की खरीद-फरोख्त जघन्य अपराधों में शामिल की जाएगी।

नाबालिग से गैंगरेप किए जाने पर आजीवन कारावास या मृत्युदंड का प्रावधान है। नए कानूनों के अनुसार पीड़ित का अभिभावक की उपस्थिति में ही बयान दर्ज किया जा सकेगा। इसी प्रकार नए कानूनों में महिला अपराधों के संबंध में अत्यंत सख्ती बरती गई है। इसके तहत महिला से गैंगरेप में 20 साल की सजा और आजीवन कारावास, यौन संबंध के लिए झूठे वादे करना या पहचान छिपाना भी अब अपराध होगा। साथ ही पीड़िता के घर पर महिला अधिकारी की मौजूदगी में ही बयान दर्ज करने का भी प्रावधान है। इस प्रकार नए कानून में महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराध घटित करने वालों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में कड़ी सजा के प्रावधान हैं।

नए कानूनों में खास

अदालतों में पेश और स्वीकार्य साक्ष्य में इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल रिकॉर्ड, ईमेल, सर्वर लॉग, कंप्यूटर, स्मार्टफोन, लैपटॉप, एसएमएस, वेबसाइट, स्थानीय साक्ष्य, मेल, उपकरणों के मैजेस को शामिल किया गया है। केस डायरी, एफआईआर, आरोप पत्र और फैसले सहित सभी रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण किया जाएगा। इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल रिकॉर्ड का कानूनी प्रभाव, वैधता और परिवर्तनीय कागजी रिकॉर्ड के समान ही होगी।

अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये भी न्यायालयों में पेशी हो सकेगी। अब 60 दिन के भीतर आरोप तय होंगे और मुकदमा समाप्त होने के 45 दिन में निर्णय देना होगा। वहीं सिविल सेवकों के खिलाफ मामलों में 120 दिन में निर्णय अनिवार्य होगा। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के अंतर्गत मामलों की तय समय में जांच, सुनवाई और बहस पूरी होने के 30 दिन के भीतर फैसला देने का प्रावधान है। इसी प्रकार छोटे और कम गंभीर मामलों के लिए समरी ट्रायल अनिवार्य होगा। नए कानूनों में पहली बार अपराध पर हिरासत अवधि कम रखी जाने व एक तिहाई सजा पूरी करने पर जमानत का प्रावधान है। साथ ही किसी भी शिकायतकर्ता को 90 दिन में जांच रिपोर्ट देना अनिवार्य होगा और गिरफ्तार व्यक्ति की जानकारी भी सार्वजनिक करनी होगी।

नए कानूनों से होने वाले लाभ

ई-एफआईआर के मामले में फरियादी को तीन दिन के भीतर थाने पहुंचकर एफआईआर की कॉपी पर साइन करने होंगे। नए बदलावों के तहत जीरो एफआईआर को कानूनी तौर पर अनिवार्य कर दिया है। फरियादी को एफआईआर, बयान से जुड़े दस्तावेज भी दिए जाने का प्रावधान किया गया है। फरियादी चाहे तो पुलिस द्वारा आरोपी से हुई पूछताछ के बिंदु भी ले सकता है। यानी वे पेनड्राइव में अपने बयान की कॉपी ले सकेंगे। इस प्रकार नए कानूनों में आमजन को बहुत सारे लाभ प्रदान किए गए हैं।

pratibha rana

thesootr links

 

सबसे पहले और सबसे बेहतर खबरें पाने के लिए thesootr के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें। join करने के लिए इसी लाइन पर क्लिक करें

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

 

 

Indian Penal Code New Criminal Laws mp new law