News Strike : प्रीतम लोधी ने एक बार फिर इस्तीफा देने की धमकी दे डाली है। इस बार प्रीतम सिंह लोधी की नाराजगी एक खास वर्ग को लेकर है, जिस पर उन्होंने खुद को टारगेट करने का आरोप लगाया है। वही प्रीतम लोधी जिन्होंने ब्राह्मणों पर एक टिप्पणी की थी। बीजेपी ने उन्हें बाहर कर दिया, लेकिन फिर लोधियों की नाराजगी इस कदर बढ़ी कि उसी बीजेपी ने न सिर्फ प्रतीम लोधी को फिर से अपनाया बल्कि, उसे टिकट भी दिया। वो जीते भी और विधायक भी बनें, लेकिन एक बार फिर प्रीतम लोधी बीजेपी से नाराज हैं। न सिर्फ नाराज हैं बल्कि, इस्तीफे की पेशकश भी कर चुके हैं।
प्रीतम लोधी का आरोप उनके कार्यकर्ताओं को टारगेट कर रहे
आखिर प्रीतम सिंह लोधी को फिर गुस्सा क्यों आया। क्या प्रीतम सिंह लोधी ये मान बैठे हैं कि अब वो बीजेपी की जरूरत बन गए हैं। या फिर वाकई ऐसा कुछ हुआ है जिसे सुनकर ये कहा जा सके कि वाकई प्रीतम लोधी की नाराजगी लाजमी है। प्रीतम सिंह लोधी इतने नाराज हैं कि सीदे खुद ही इस्तीफे की पेशकश कर दी है और ये भी कहा है को मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करके लोधी ने पिछोर विधानसभा क्षेत्र में उन पर की जा रही जातिगत टिप्पणियों को लेकर नाराजगी जताई है। प्रीतम लोधी ने इस वीडियो में कहा है कि उन्हें और उनके कार्यकर्ताओं को लगातार टारगेट किया जा रहा है अगर ऐसा ही चला तो वह विधायक पद से इस्तीफा देने पर मजबूर होंगे। उन्होंने इस वीडियो में किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन जो बात कही जा रही है उसे पूर्व विधायक कांग्रेस नेता केपी सिंह से जोड़कर देखा जा रहा है।
वायरल वीडियो में होमगार्ड सैनिक प्रीतम लोधी के बारे में बोल रहा है
बताया जाता है कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें एक युवक को होमगार्ड जवान पीट रहा है। एक खंभे और रस्सी से बंधे हुए इस युवक को पीटते हुए होमगार्ड सैनिक सुरेंद्र चौहान पिछोर विधायक प्रीतम लोधी के बारे में टिप्पणी भी कर रहा है। इस वीडियो के बाद प्रीतम लोधी ने भी अपना एक वीडियो अलग से जारी किया, जिसमें उन्होंने जातिगत टिप्पणी और उनके बारे में की जा रही टिप्पणी को लेकर नाराजगी जताई है। सोशल मीडिया पर एक युवक को रस्सी से बांधे जाने का वीडियो वायरल हो रहा है। उसमें बताया जा रहा है कि अमित नाम का एक युवक अपने गांव सलवारा से घाटी की तरफ जा रहा था इसी दौरान उसे रास्ते में एक युवक रविंद्र लोधी मिला। रविंद्र उसके दो साथियों ने अमित को रोका और पेट्रोल मांगने के बहाने उससे लूटपाट करने की कोशिश की। इसी बीच पीछे से अमित के रिश्तेदार आ गए और उन्होंने एक युवक अरविंद लोधी को पकड़ लिया, जबकि दो युवक भाग निकले। बाद में इसकी सूचना डायल 100 को दी गई। डायल 100 के चालक और एक अन्य होमगार्ड सैनिक मौके पर पहुंचे और वहां पकड़े गए युवक रविंद्र लोधी के साथ खूब जमकर मारपीट की। इस दौरान होमगार्ड सैनिक ने विधायक प्रीतम लोधी के बारे में भी टिप्पणी की। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसके बाद से ही मामला गर्मा गया है।
- प्रीतम लोधी की ये नाराजगी आने वाले समय में बीजेपी पर बहुत भारी पड़ सकती है। क्योंकि जिस सीट से प्रीतम लोधी ने बीजेपी को जीत दिलाई है। वो तकरीबन तीस साल बाद पार्टी की झोली में आई है।
- 2023 के विधानसभा चुनाव में 30 साल के बाद यहां पर बीजेपी जीती है। पिछोर विधानसभा क्षेत्र में पिछले 30 साल से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री केपी सिंह ही जीतते हुए आ रहे हैं।
- इसके बाद से इस विधानसभा क्षेत्र को केपी सिंह के गढ़ के रूप में ही जाना जाने लगा था, लेकिन इस बार बीजेपी ने यहां पर विशेष रणनीति बनाकर कांग्रेस के गढ़ को इससे छीन लिया।
- प्रीतम लोधी बीजपी के टिकट पर यहां चुनाव लड़े और जीतने में कामयाब रहे। कांग्रेस के गढ़ पर पहली बार बीजेपी ने यहां पर कब्जा जमाया है। यहां पर जातिगत फैक्टर हावी है। लोधी बाहुल्य इस विधानसभा क्षेत्र में प्रीतम लोधी 30 साल बाद बीजेपी को जिताने पर कामयाब हुए हैं।
प्रीतम वापसी के पहले बीजेपी को दे रहे थे चेतावनी
वैसे विवादों का और प्रीतम लोधी का पुराना नाता रहा है। कुछ ही समय पहले शिवपुरी जिले के पिछोर में ही एक कार्यक्रम में प्रीतम सिंह लोधी ने ब्राह्मणों के बारे में विवादित टिप्पणी की थी। इसके बाद पूरे राज्य में ब्राह्मणों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। घबराई बीजेपी ने उन्हें छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था, लेकिन यह फैसला आठ महीने भी नहीं टिक सका। इस साल मार्च में उनकी बीजेपी में वापसी हो गई। जब तक वो पार्टी से बाहर रहे, खुलेआम बीजेपी को सबक सिखाने की चेतावनी दे रहे थे। इसके बावजूद उनकी पार्टी में वापसी करवाई गई। उसकी वजह भी वो वोटबैंक ही था जो बीजेपी से छिटक रहा था। उसे खोने के डर से लोधी को पार्टी में वापस बुला लिया गया। लोधी को मनाकर रखने का एक बड़ा कारण उमा भारती भी हैं। प्रीतम लोधी उमा भारती के बेहद करीबी हैं। उमा भारती उन्हें अपना मुंहबोला भाई मानती हैं। उमा भारती की तरह प्रीतम भी लोधी समुदाय से आते हैं। जिस वक्त बीजेपी ने प्रीतम लोधी को बाहर किया था उस वक्त उमा भारती पहले से ही अपनी पार्टी से नाराज चल रही थीं। उन्होंने एक कार्यक्रम में ये तक कह दिया था कि हर बार मैं आपसे बीजेपी को वोट देने की अपील करती हूं, लेकिन इस बार यही कहूंगी कि आप अपने हिसाब से वोट करें। इसके बाद से बीजेपी नेतृत्व को लोध वोटों की चिंता सताने लगी थी। इसके बाद से ही प्रीतम लोधी को पार्टी में वापस लाने की मुहिम जोर पकड़ने लगी थी।
बीजेपी सरकार लोधी वोटर्स को नाराज नहीं देख सकती
आपको एक मोटा अनुमान लोधी समुदाय के वोटर्स का भी बता देता हूं। एमपी में लोध समुदाय के करीब पांच फीसदी वोटर्स ही हैं, लेकिन राज्य की करीब 50 विधानसभा सीटों पर उनका सीधा प्रभाव है। प्रदेश की करीब एक दर्जन लोकसभा क्षेत्रों में भी लोध मतदाताओं की अच्छी खासी तादाद है। नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, मंडला, छिंदवाड़ा, दमोह, जबलपुर, खजुराहो, शिवपुरी और सागर जिलों में लोधी समुदाय का सियासी प्रभाव ज्यादा है। ग्वालियर-चंबल, बुंदेलखंड और महाकौशल क्षेत्र में वे किसी भी पार्टी का सियासी गणित बिगाड़ने का माद्दा रखते हैं। बात केवल एमपी की ही नहीं है, इसकी सीमा से लगे राजस्थान और उत्तर प्रदेश की करीब दो दर्जन सीटों पर भी लोधी वोटर्स चुनाव प्रभावित करते हैं। यही है कि बीजेपी सरकार लोधी वोटर्स को नाराज नहीं देख सकती।
एमपी के चुनाव से तो बीजेपी फारिग हो चुकी है, लेकिन कुछ ही साल में यूपी में चुनाव हैं। फिलहाल यूपी में बीजेपी का ग्राफ वैसे ही गिर रहा है। इसलिए इस बार फिर लोधियों की नाराजगी बीजेपी मोल लेना नहीं चाहेगी। उम्मीद है कि इस बार भी प्रीतम लोधी की नाराजगी पर मंथन जल्द होगा और उसे दूर करने की कोशिश भी जल्द ही होगी।
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