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इंदौर के महाजाम वाले राऊ–देवास बायपास को लेकर बार–बार झूठे बोल रहे एनएचएआई अफसरों की पूरे देश में भद पिट चुकी है। इसके चपेटे में जब सड़क का रखरखाव करने वाली कंपनी आई और उसे नोटिस दिया तो पता चला कि फ्लाईओवर कोई और सतना की एमबीपीएल कंपनी बना रही है। इसका खुलासा एनएचएआई ने 10 महीने बाद हाईकोर्ट में किया है। अब इस कंपनी को भी पार्टी बनाया गया है। 23 जुलाई को हाेने वाली सुनवाई में पहली बार यह कंपनी अपना पक्ष रखेगी।
यह है पूरा मामला
एनएचएआई ने अर्जुन बड़ौद वाले हिस्से में फ्लाईओवर निर्माण कार्य के लिए ठेका सतना की मै. मेहरोता बिल्डकॉन प्रा.लि. (एमबीपीएल) कंपनी को दिया है। इस कंपनी ने अभी तक काम पूरा नहीं किया। ऐसे में पिछले दिनों इसी जगह पर लगे जाम में फंसने से उपचार मिलने में देरी होने पर 3 लोगों की मौत हो गई थी। इसको लेकर जब हाईकोर्ट में पिछले दिनों पीआईएल दायर हुई तो एनएचएआई की इस सड़क का रख–रखाव कर रही कंपनी डीजी बाहिलकर को भी अपना पक्ष रखने का कहा गया। इसके लिए कंपनी को 23 जुलाई तक का समय दिया गया है।
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फ्लाईओवर तो कोई और बना रहा
याचिकाकर्ता और हाईकोर्ट एडवोकेट तनिष्क पटेल ने बताया कि डीजी बाहिलकर कंपनी ने अभी तक इस मामले में अपना पक्ष नहीं रखा है। इसको लेकर एनएचएआई ने तर्क दिया था कि पूरा विवाद फ्लाईओवर का काम लेट होने को लेकर हो रहा है। जो कि यह कंपनी नहीं बना रही है। जब एनएचएआई से इसके संबंध में पूछा तो बताया गया कि फ्लाईओवर तो कोई और कंपनी बना रही है। जबकि इस मुद्दे पर पिछले साल सितंबर से हाईकोर्ट में बहस चल रही है, लेकिन अभी तक एनएचएआई ने एक बार भी अपने बयान में यह नहीं बताया गया कि आखिर फ्लाईओवर का निर्माण कर कौन रहा है।
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सर्विस रोड बनाने को लेकर भी दोनाें के तर्क
याचिकाकर्ता और हाईकोर्ट एडवोकेट तनिष्क पटेल ने यह भी बताया कि जब एनएचएआई ने फ्लाईओवर निर्माण का ठेका मेहरोता बिल्डकॉन को दे रखा है और उसके टेंडर में वैकल्पिक मार्ग निर्माण की बात लिखी है, जो कि मुख्य रूप से वर्तमान हाईवे की सर्विस रोड है। ऐसे में एक ही सर्विस रोड के निर्माण और मेंटेनेंस के लिए दो अलग–अलग कंपनियों को ठेका क्यों दिया गया है। यह तो सरकारी पैसे का दुरूपयोग है।
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मेहरोता बिल्डकॉन का जवाब, डायवर्जन रोड बनाए हैं
एडवोकेट पटेल ने बताया कि मेहरोता बिल्डकॉन की तरफ से हाईकोर्ट में जो जवाब पेश किया गया है उसमें चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं। इसमें बताया गया है कि 21 मई 2025 से 11 जून 2025 तक में अर्जुन बड़ौद फ्लाईओवर के दोनों तरफ ट्रैफिक के मूवमेंट के लिए डायवर्शन रोड का निर्माण कंपनी द्वारा किया गया है। इसके फोटो जियो टैगिंग के साथ कंपनी ने कोर्ट में पेश भी किए हैं। कंपनी ने अपने शपथ पत्र में यह भी दावा किया कि यह काम उसको दिए गए टेंडर की शर्तों में शामिल है। कंपनी ने यह भी दावा किया कि 24 जून से 26 जून के बीच जो परेशानी हुई वह भी केवल एक ही तरफ इंदौर से देवास वाले हिस्से में ही हुई थी। हाईवे के दूसरे हिस्से में ट्रैफिक का मूवमेंट स्मूथ था।
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तो फिर एनएचएआई ने कौनसा सर्विस रोड बनाया
हाईकोर्ट एडवोकेट तनिष्क पटेल ने इसको लेकर एक और बड़ा खुलासा किया है। उनके मुताबिक अगर डायवर्शन रोड बनाने और उसे मेंटेन करने का दावा मेहरोता बिल्डकॉन ने किया है तो फिर जाम के दौरान हुई मौताें के बाद एनएचएआई ने कौनसी सर्विस रोड को ठीक कर वाहवाही लूटी थी। इसके अलावा जब मेहरोता बिल्डकाॅन ने ही डायवर्शन रोड तैयार की तो फिर डीजी बाहिलकर को दिए गए ठेके में अर्जुन बड़ौद वाले हिस्से का काम क्यों जोड़कर दिया गया।
नवंबर 2024 में एक महीने में रोड सुधारने का कहा था
एनएचएआई को राऊ–देवास बायपास की रोड को सुधारने को लेकर नवंबर 2024 में भी फटकार पड़ चुकी है। असल में तब भी इसी याचिका पर सुनवाई के दौरान एनएचएआई ने रोड को सुधारने के लिए 3 महीने का समय मांगा था। इस पर चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने एनएचएआई से पूछा था कि एक दिन में कितने किलोमीटर सड़क बनाते हो। एनएचएआई ने जवाब में कहा था कि ढ़ाई किलोमीटर। तब हाईकोर्ट ने निर्देश दिए थे कि, फिर 3 महीने क्यों चाहिए। एक महीने में सुधारो। उसके बावजूद एनएचएआई के लापरवाही अफसरों ने इसे ठीक नहीं किया था।
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जाम पर यह सफाई दे चुका है NHAI
इंदौर–देवास बायपास और अर्जुन बरोदा ओवरब्रिज क्षेत्र में अब यातायात पूरी तरह से सामान्य हो गया है। वाहनों की आवाजाही अब सुगमता से हो रही है और यात्रियों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के परियोजना निदेशक सोमेश बांझल ने बताया कि अर्जुन बरोदा क्षेत्र में बनाए गए डायवर्जन मार्ग की मरम्मत का कार्य पूर्ण कर लिया गया है, जिससे अब यहां से वाहन सामान्य रूप से गुजर रहे हैं। साथ ही बाईपास के अन्य हिस्सों में भी ट्रैफिक सुचारू रूप से संचालित हो रहा है।
बोला, जांच में पता चला जाम में नहीं हुई मौत
एनएचएआई की तरफ से जारी बयान में यह भी कहा गया है कि– जांच में स्पष्ट हुआ कि अर्जुन बरोदा बायपास क्षेत्र में जाम के कारण तीन व्यक्तियों की मृत्यु होने की खबर पूरी तरह भ्रामक हैं। बताया गया कि एक व्यक्ति की मृत्यु शाजापुर से इंदौर आते समय हुई थी, जबकि दूसरी घटना लसूड़िया क्षेत्र की है। इन दोनों मामलों का अर्जुन बरोदा क्षेत्र के जाम से कोई संबंध नहीं है। साथ ही अपील की गई है कि नागरिक अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल अधिकृत स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर ही विश्वास करें।