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BHOPAL. अपने चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध निमाड़ क्षेत्र के प्रसिद्ध संत सियाराम बाबा (Siyaram Baba) पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। उन्हें निमोनिया होने पर अस्पताल में भर्ती किया गया था, लेकिन अब उनकी तबियत में सुधार आ रहा है और उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। वर्तमान में संत सियाराम बाबा का इलाज आश्रम में ही किया जा रहा है, हालांकि, कमजोरी के कारण बाबा बिस्तर से उठ नहीं पा रहे हैं, और उन्हें दूध, जूस, चाय व लिक्विड डाइट (Liquid Diet) दी जा रही है।
आश्रम में अस्पताल जैसी व्यवस्था
बाबा के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए डॉक्टरों की एक टीम 24 घंटे निगरानी रख रही है। आश्रम में ही आक्सीजन सिलेंडर (Oxygen Cylinder), ईसीजी उपकरण (ECG Machine), बीपी मशीन (BP Machine) सहित अन्य उपकरणों की व्यवस्था कर बाबा के कक्ष को अस्पताल के रूप में तब्दील कर दिया गया है। यह कदम बाबा की सेहत को लेकर उठाया गया है ताकि उनकी स्थिति में जल्द सुधार हो सके।
इंदौर मेयर ने जाना बाबा का हालचाल
इंदौर के मेयर पुष्य मित्र भार्गव रविवार को बाबा के आश्रम में पहुंचे और उनका हालचाल जाना। उन्होंने कहा कि बाबा की तबियत में पहले की तुलना में सुधार हुआ है, और उनकी स्थिति अब पहले से बेहतर है।
डॉक्टरों को सतत निगरानी के निर्देश
संत सियाराम बाबा के स्वास्थ्य को लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी चिंता जताई है। उन्होंने डॉक्टरों को बाबा के स्वास्थ्य पर सतत निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं, ताकि उनकी स्थिति और न बिगड़े।
भक्तों की बढ़ती चिंता
आश्रम में बाबा के भक्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन उन्हें बाबा से मिलकर आशीर्वाद लेने की अनुमति नहीं दी जा रही है। भक्त अब बाबा के खिड़की से ही दर्शन कर रहे हैं, ताकि उनके स्वास्थ्य पर कोई बुरा प्रभाव न पड़े।
बाबा सियाराम की चमत्कारी जीवन यात्रा
संत सियाराम बाबा (Siyaram Baba) खरगोन के तेली भट्यान में रहते हैं। यहां मां नर्मदा के तट पर बाबा का आश्रम है। लोग बाबा को चमत्कारी संत के रूप में जानते हैं। बाबा की उम्र 100 साल से ज्यादा है और उनका जीवन साधना और भक्ति का प्रतीक है। उनके बारे में कहा जाता है कि वह लगभग 50 साल पहले महाराष्ट्र से यहां आए थे और तब से लेकर अब तक नर्मदा तट पर अपना आश्रम चला रहे हैं।
हनुमान जी की उपासना और रामायण की चौपाई
संत सियाराम बाबा भगवान हनुमान जी की पूजापाठ करते हैं और रामायण की चौपाई पढ़ने में उनका पूरा दिन बीतता है। रामायण पाठ बाबा की दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा है, जिसमें वे घंटों तक रामायण के श्लोकों का उच्चारण करते हैं।
चाय और केतली वाला चमत्कारी किस्सा
बाबा का एक और चमत्कारी किस्सा उनके भक्तों के बीच प्रसिद्ध है। भक्तों का कहना है कि जब भी बाबा उन्हें चाय देते हैं, तो उनकी केतली से चाय कभी खत्म नहीं होती। चाहे कितनी भी बार चाय बनाई जाए, वह हमेशा पर्याप्त रहती है। यह चमत्कारी घटना भक्तों के बीच अब एक कथा बन चुकी है।
बाबा का साधारण जीवन और तपस्या
सियाराम बाबा का जीवन बहुत ही साधारण है। चाहे कड़ी सर्दी हो या तपती गर्मी, बाबा हमेशा एक लंगोट में ही रहते हैं। भक्तों का कहना है कि उन्होंने कभी भी बाबा को लंगोट के अलावा अन्य कपड़े पहने नहीं देखा। इसके पीछे एक गहरी तपस्या का कारण है। कहा जाता है कि बाबा ने 10 सालों तक खड़े होकर तपस्या की और योग साधना (Yoga Meditation) के माध्यम से खुद को हर मौसम के अनुकूल ढाल लिया है।
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