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जबलपुर हाईकोर्ट ने भोपाल के तहसीलदार कुणाल राउत के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह नोटिस अदालत के एक आदेश की अवहेलना के मामले में जारी किया गया है। मामला भोपाल के विट्ठल मार्केट, अरेरा कॉलोनी स्थित प्लॉट नंबर ई-5/17 पर बने एक ग्राउंड+3+बेसमेंट वाणिज्यिक भवन से जुड़ा है, जिसे तहसीलदार ने पहले सील कर दिया था। इसके बाद वहां शराब दुकान चलाने की अनुमति दिए जाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया।
सील शराब दुकान से माल हटाने का था मामला
3 दिसंबर 2024 को हाईकोर्ट ने एम.एस स्मृति एसोसिएट्स को आदेश दिया था कि वे जिला आबकारी अधिकारी और तहसीलदार से अनुमति लेकर भोपाल के विट्ठल मार्केट, अरेरा कॉलोनी स्थित परिसर से शराब और अन्य आबकारी वस्तुएं हटा सकते हैं। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा था कि यह प्रक्रिया आबकारी विभाग के अधिकारियों और तहसीलदार की निगरानी में ही पूरी होनी चाहिए। हालांकि, याचिकाकर्ता बैंक ने शिकायत दर्ज कराई कि तहसीलदार ने न केवल सील तोड़ी बल्कि परिसर में शराब दुकान को संचालन की अनुमति भी दे दी। यह कदम कोर्ट के आदेश का स्पष्ट उल्लंघन माना गया।
आबकारी के पत्र के बाद खोली शराब दुकान
तहसीलदार कुणाल राउत ने कोर्ट के सामने व्यक्तिगत रूप से पेश होकर अपनी सफाई दी। उन्होंने बताया कि 5 दिसंबर 2024 को उन्हें सहायक जिला आबकारी अधिकारी का एक पत्र मिला था। इसमें कहा गया था कि सील किए गए परिसर के कारण सरकार को हर दिन 10 लाख रुपये का राजस्व नुकसान हो रहा है। इस पत्र के आधार पर तहसीलदार ने शराब की दुकान को 10 दिनों के लिए संचालन की अनुमति दी।तहसीलदार का कहना था कि उन्होंने यह निर्णय अदालत के आदेश को ध्यान में रखते हुए और राजस्व घाटे को रोकने के लिए लिया था। हालांकि, हाईकोर्ट ने इस दावे को साफ साफ कोर्ट के आदेश की अवमानना मानते हुए इसे गंभीरता से लिया।
तहसीलदार को जारी हुआ कारण बताओं नोटिस
हाईकोर्ट ने तहसीलदार की कार्रवाई को आदेश की अवहेलना करार दिया और उनके खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया। अदालत ने पूछा कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए। तहसीलदार को दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही उन्हें अगली सुनवाई पर अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का भी आदेश दिया गया है।
कलेक्टर ने सील कर दी है विवादित दुकान
कोर्ट को सूचित किया गया कि विवादित शराब दुकान को अब कलेक्टर द्वारा फिर से सील कर दिया गया है। साथ ही, उक्त परिसर का कब्जा तहसीलदार ने अपने नियंत्रण में ले लिया है। हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि तहसीलदार अदालत के 3 दिसंबर 2024 के आदेश का पूरी तरह पालन सुनिश्चित करें।
7 जनवरी 2025 को होगी अगली सुनवाई
हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 7 जनवरी 2025 को तय की है। तब तक तहसीलदार को अपना जवाब दाखिल करना होगा और अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना होगा।
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