नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी NTA, वहीं संस्था जिसने NEET कराई। इसके प्रमुख डॉ. प्रदीप कुमार जोशी नीट विवाद के बाद से ही विवादों में हैं। उनकी पहली बड़ी नियुक्ति एमपी पीएससी चेयरमैन पर किस तरह राजनीतिक रसूख से हुई और फिर इस पद पर रहते प्रोफेसर भर्ती कांड क्या था?
इसका खुलासा द सूत्र पहले कर चुका है। इन खुलासों के बाद अब उनकी बेटी वानिकी जोशी लोहानी को भी घेरा जाने लगा है। साथ ही उनकी नियुक्ति पर सवाल उठाया जा रहा है। इन पर द सूत्र ने पड़ताल की तो यह सच सामने आया, क्योंकि द सूत्र का मकसद सनसनी फैलाना, गलत आरोपों को बढ़ावा देना नहीं, बल्कि इनसाइड, इंडैप्थ में जाकर सच सामने लाना है।
अभी क्या है वानिकी
वानिकी जोशी लोहानी अभी देश के जाने- माने संस्थान जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यलाय (JNU) में असिस्टेंट प्रोफेसर है। वह संस्थान के अटल बिहारी वाजपेयी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड इंटरप्रेन्योरशिप विभाग में पदस्थ है।
क्या लगे आरोप?
वानिकी पर यह उंगली उठाई गई कि वह साल 2012-13 में एसजीएसआईटीएस (श्री गोविंदराम सक्सेरिया इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी) में असिस्टेंट प्रोफेसर पर नियुक्त हुई। यह नियुक्ति उनके पिता प्रदीप जोशी (जो उस समय मप्र पीएससी के बाद छत्तीसगढ़ पीएससी में चेयरमैन हुए थे) के कारण हुई थी। क्योंकि एसजीएसआईटीएस में सिलेक्शन कमेटी में पीएससी का मेंबर होता है। जोशी ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर यह भर्ती बेटी की कराई थी। इसके बाद वह वहां से जेएनयू में चली गई। प्रदीप जोशी भी तब तक यूपीएससी में आ चुके थे।
अब क्या है सच्चाई
- वर्तमान में असिस्टेंट प्रोफेसर जेएनयू में
- असिस्टेंट डायरेक्टर एआईसीटीई (ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन) नई दिल्ली
- श्री गोविंदराम सक्सेरिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोल़जी एंड साइंस इँदौर में असिसस्टेंट प्रोफेसर
- आईआईएम इंदौर में विजिटिंग फैकल्टी
- बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस पिलानी में असिस्टेंट प्रोफेसर मैनेजमेंट
एकेडमिक
- इंदौर आईएमएस से साल 2017 में पीएचडी
- आईआईटी बंबई से एफडीपी साल 2016 में
- एमडीपी रायपुर आईआईएम से 2014 में
- यूजीसी नेट पास, साल 2012 में
- एमबीए इन फायनेंस आईएमएस इंदौर से साल 2011 में
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फार्मेशन टेक्नोलॉजी अहमदाबाद (IIITA)- 2008 में
- स्कूलिंग सेंट जोसेफ कान्वेंट जबलपुर से- साल 2004 में
क्या बोली वानिकी
वानिकी ने द सूत्र से बात करते हुए कहा कि मेरे पिता प्रदीप जी है यह सच्चाई है और मैंने उनसे सरनेम जोशी लेने के सिवा कुछ नहीं लिया है, मेरे खुद के एकेडमिक इतने बेहतर है कि मैं आज यहां पर पहुंची हूं।
मेरे रिकार्ड, करियर ही सब बता देगा और जिसके रिकार्ड इतने अच्छे हो क्या एसजीएसआईटीएस में नियुक्ति के लिए उसे कोई सिफारिश की जरूरत लगेगी क्या? बाकी किसी के आरोपों पर मैं कुछ नहीं कह सकतीं हूं।
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