याचिकाकर्ताओं के लिए NTA फिर से करायेगा NEET UG, हाइकोर्ट के आदेश

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने नीट यूजी की परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर बड़ा आदेश दिया। इंदौर और उज्जैन में बारिश के कारण बिजली चली गई थी, जिससे छात्रों को मुश्किलें आईं। अब नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को फिर से परीक्षा आयोजित करने के आदेश दिए गए हैं।

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Sanjay Gupta
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Photograph: (The Sootr)

INDORE. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने NEET-UG के मामले में एक बड़ा आदेश दिया है। 4 मई को हुई इस परीक्षा के दौरान इंदौर, उज्जैन में बारिश के चलते बिजली चली गई थी। इससे अभ्यर्थियों को परीक्षा देने में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा था। हाई कोर्ट ने एक बड़ा आदेश देते हुए सभी याचिकाकर्ताओं की फिर से परीक्षा लेने के आदेश नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को दे दिए हैं।

हाई कोर्ट ने ये दिए आदेश 

इंदौर हाईकोर्ट के जस्टिस सुबोध अभ्यंकर ने आदेश दिए हैं कि उन सभी का रिटेस्ट होगा जिन्होंने 3 जून के पहले याचिका लगाई थी। 3 जून इसलिए क्योंकि इस दिन NTA द्वारा आंसर की जारी कर दी गई थी। हाई कोर्ट का मानना है कि इस तरह से आंसर की जारी होने के बाद याचिका लगाना अवसर का लाभ उठाने जैसा था। इसलिए इन्हें रिटेस्ट का लाभ नहीं दिया जा सकता है। लेकिन जो परेशान हुए थे उन्होंने याचिका इसके पहले ही लगा दी थी।

इनकी परीक्षा फिर से होगी और इनका रिजल्ट रैंक भी इस टेस्ट के अंकों से ही माना जाएगा और इन्हें काउंसलिंग में भी शामिल किया जाएगा। यह काम जल्द से जल्द करना होगा। इसमें राहत पाने वाले याचिकाकर्ता इंदौर के साथ उज्जैन के परीक्षा केंद्र के भी हैं। मुख्य याचिका अधिवक्ता मृदुल भटनागर की ओर से लगाई गई थी।

हाई कोर्ट ने कहा हमने भी लाइट बंद करके देखा था 

मामले में अंतिम सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट जस्टिस ने NTA कमेटी की  रिपोर्ट  के साथ ही व्यवहारिक रूप से भी समस्या समझने के लिए सुनवाई के दिन करीब 15 मिनट तक कोर्ट की बत्ती बंद रख दी थी। और अनुभव किया था कि बिजली जाने से कितनी समस्या आती है।

हाई कोर्ट ने इस बात को अपने आदेश में भी कहा है कि हमने जब लाइट बंद की थी तो हाई कोर्ट में दोनों तरफ 2-2 बड़ी विंडो है और नेचुरल लाइट आती है। इसके बाद भी समस्याएं हुईं थीं तो फिर परीक्षा केंद्रों में समस्याएं और भी ज्यादा होंगी। इससे इनकार नहीं किया जा सकता है। केंद्र पर तो विंडो और नेचुरल लाइट भी नहीं दिख रही है।

हाई कोर्ट ने कहा कि परीक्षा के अंदर नियमों का ही पालन नहीं किया गया है। इसमें किसी भी परीक्षा केंद्र के सीसीटीवी फुटेज नहीं आए हैं जबकि पहले से आदेश थे कि सीसीटीवी होना चाहिए।

कलेक्टर की रिपोर्ट में भी आया लाइट हुई थी गुल

वहीं कलेक्टर की भी एक रिपोर्ट आई है जो उन्होंने NTA को एक प्रतिवेदन भेजा था। कलेक्टर ने इस मामले में विविध परीक्षा केंद्रों से 4 मई के घटनाक्रम की जानकारी मांगी थी। कलेक्टर की रिपोर्ट में है कि 10 मिनट से लेकर 1 घंटे 20 मिनट तक अलग-अलग केंद्रों पर बिजली गुल हुई थी और उसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई थी।

दोनों पक्षों की तरफ से इन वकीलों ने की पैरवी

याचिकाकर्ता की तरफ से चिन्मय मेहता, मृदुल भटनागर, आकाश शर्मा, एनएस भाटी, नितिन व्यास, अमित राज, रजनीश यादव, अमन मौर्य, प्रखर कारपे, धर्मेन्द्र ठाकुर, अतुल बुखारिया, मधुसूदन द्विवेदी, सपना पाटवा, अजय उकास, आकाश शर्मा, कीर्ति पटवर्धन, जसवंत सिंह चौहान, राहुल यादव, दिशा गोयल, आशीष चौबे, विकास जैन और अर्जुन पाठक ने पक्ष रखा। वहीं, दूसरे पक्ष की तरफ से भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित हुए। साथ में वरिष्ठ अधिवक्ता रूपेश कुमार, भारत सरकार के डिप्टी सॉलिसिटर जनरल रोमेश डेव, पंखुरी श्रीवास्तव, दीक्षा पालीवाल, भूमिका द्विवेदी और अथर्व डेव की सहायता से उपस्थित हुए।

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