Omkareshwar Floating Solar Plant : MP का गौरव और दुनिया का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पॉवर प्लांट एक अप्रेल से बिजली उत्पादन शुरू कर देगा। इसके लिए ओंकारेश्वर बांध पर दो लाख साठ हजार सोलर प्लेट लगाई हैं। अपनी पूरी क्षमता पर यह प्लांट 300 मेगावाट बिजली उत्पादन करेगा। सोमवार से यहां पर 50 मेगावाट उत्पादन शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही खंडवा ऐसा जिला होगा, जिसमें तीन थर्मल, हाइड्रल और सोलर से बिजली उत्पादन होगा।
एशिया का सबसे बड़ा तैरता सोलर प्लांट
यह एशिया का सबसे बड़ा तैरता सोलर प्लांट है। प्लांट से 2022-23 तक कुल 600 मेगावाट ऊर्जा प्रदेश को मिलेगी। इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 3,000 करोड़ रुपए बताई जा रही है। सोलर पार्क बन जाने से मध्यप्रदेश में बिजली की समस्या दूर हो जाएगी। परियोजना ओंकारेश्वर बांध के बैक वॉटर में आकार ले चुकी है। इसके लिए 2 हजार हेक्टेयर जल क्षेत्र में सोलर पैनल लगाकर बिजली उत्पादन किया जाएगा।
सोलर पैनल खुद ही होंगे कंट्रोल
सोलर पैनल पानी की सतह पर तैरते रहेंगे। जल स्तर उपर नीचे होने पर स्वत ही संतुलित होंगे। इन पर तेज लहरों और बाढ़ का भी प्रभाव नहीं होगा। यहां से उत्पादित बिजली मप्र पॉवर ग्रिड कार्पोरेशन लिमि. के छैगांवमाखन स्थित पॉवर ग्रिड सब स्टेशन पर पहुंचेगी, जहां से इसका वितरण किया जाएा। सब स्टेशन तक ट्रांसमिशन लाइन रूट का सर्वे कार्य भी पूरा हो चुका है। मप्र पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा परियोजना में 400 मेगावॉट बिजली लेने की सहमति भी बन चुकी है।
विश्व की सबसे बड़ी परियोजना
4 अगस्त 2022 को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे हाल में 600 मेगावाट की ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना के अनुबंध पर हस्ताक्षर और ऊर्जा सारक्षता अभियान की ऊर्जा आकलन मार्गदर्शिका का विमोजन हुआ था। सीएम रहते हुए शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में एनएचडीसी लिमिटेड, एएमपी एनर्जी तथा एसजेवीएन लिमिटेड के साथ अनुबंध हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा था कि विश्व में वर्तमान में 10 फ्लोटिंग सोलर प्लांट हैं। ओंकारेश्वर परियोजना जल पर बनने वाली विश्व की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सौर परियोजना होगी।