INDORE. शहर के जाने-माने बिल्डर मुकेश झंवेरी और उनके पुत्र अभिषेक झंवेरी के खिलाफ जिला कोर्ट ने छह गंभीर धाराओं में केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं। रहवासियों को दो साल बाद यह राहत मिली है। इसके पहले पुलिस ने मात्र बंधात्मक धाराओं में बाउंडओवर जैसी कार्रवाई कर बिल्डर को बख्श दिया था। सिल्वर स्प्रिंग के बिल्डर झवेरी के साथ ही 10 लोगों के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश हुए हैं। अगली सुनवाई 30 अगस्त को सभी को कोर्ट में पेश होना होगा।
रहवासी संघर्ष समिति ने दायर किया था परिवाद
सिल्वर स्प्रिंग फेज 2 के रहवासियों ने आलोक जैन पिता सुदेश जैन के माध्यम से अधिवक्ता राजेश जोशी के जरिए एक परिवाद धारा 452, 323, 352, 506, 341, 294, 34 और 120बी के अंतर्गत प्रस्तुत किया था। न्याधीश राहुल डोंगरे की कोर्ट ने 31 जुलाई 2024 को हीरालाल जोशी, सुबोध गुप्ता, अभय कटारे, विकास मल्होत्रा, सत्यम राठौर, ऋषभ विश्वकर्मा, परमजीत सिंह, जितेंद्र सिंह सोलंकी समेत बिल्डर पिता-पुत्र मुकेश झवेरी और अभिषेक झवेरी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज करने के आदेश दिए। अधिवक्ता जोशी ने बताया कि परिवादी आलोक जैन समेत आधा दर्जन रहवासियों के बयान दर्ज करवाए गए थे, इन बयानों, वीडियो और पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर माननीय न्यायालय ने आपराधिक धाराओं में प्रकरण दर्ज करने के आदेश प्रदान किए हैं।
गुंडों को भेजकर बैठक में बिल्डर ने कराया था हंगामा
सिल्वर स्प्रिंग टाउनशिप में मालिकाना हक वाले प्लॉट धारकों जिन्हें शेयर होल्डर्स कहा जाता है, इनकी जुलाई 2022 की विशेष आमसभा बैठक थी। इसमें बिल्डर झंवेरी के कहने पर गुंडों ने आकर मारपीट की और विवाद किया। गुंडा तत्वों ने छिपाकर लाए गए हथियारों से जान से मारने की धमकी दी और बीच-बचाव में अन्य शेयर होल्डर्स आए तो आरोपीगण वहां से भाग निकले । पुलिस तेजाजी नगर थाने पहुंचकर परिवादी ने पूरी जानकारी दी, वरिष्ठतम अधिकारियों तक शिकायत की, इसके बावजूद बिल्डर के दबाव में पुलिस ने प्रकरण पंजीबध्द नहीं किया था।
रसूखदार बिल्डर है झंवेरी
सिल्वर स्प्रिंग्स के बिल्डर पिता-पुत्र मुकेश और अभिषेक झवेरी रसूखदार होने के साथ साथ राजनीतिक पैठ रखने वाले बिल्डर है । यही वजह है कि सैकडों शिकायतें होने के बावजूद इनके खिलाफ आज दिनांक तक पुलिस ने कोई प्रकरण पंजीबध्द नहीं किया है। रहवासी क्षेत्र में जहां एक ओर बिल्डर ने मनमानी करते हुए शराब परोसने के क्लब शुरू किए, बिल्डिंग की छतों पर मोबाइल टावर लगवा दिए, नाले की जमीनों पर कब्जा करके प्लॉट बेच दिए, बेसमेंट में सुपर मार्केट भी बनवा रखे हैं। बायपास रोड की सबसे बड़ी बसाहट वाली इस टाऊनशिप में बिल्डर डेवलपर एम झवेरी समूह ने निर्माण पश्चात भी छल बलपूर्वक अवैध अधिपत्य बनाए रखा है ।
कॉलोनी बनने के बाद भी कब्जा झंवेरी का ही
आलोक जैन ने बताया कि घोषित एकीकृत टाऊनशिप को अनेक हिस्सों में बांटकर बिल्डर ने रहवासियों के साझा हित की सैकड़ों करोड़ रुपए मूल्य की सार्वजनिक / शासकीय संपत्ति पर अवैध कब्जा कर रखा है । उपभोक्ता आयोग, उच्च न्यायालय व रेरा सहित हर संभव मंच पर शिकायतें परिवाद दर्ज किए गए हैं । इस कारण बिल्डर पिता पुत्र मुकेश झवेरी व अभिषेक झवेरी द्वारा प्रायोजित कुछ रहवासियों व बाहरी गुंडों के माध्यम से 31 जुलाई 22 को रहवासियों की आमसभा में आलोक जैन व अन्य पर हमला कराया गया।
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