खुलासा : ओबेरॉय ग्रुप को दी पन्ना टाइगर रिजर्व की जमीन, ईको सेंसेटिव जोन को लेकर खड़ा हुआ विवाद

पन्ना टाइगर रिजर्व के ईको सेंसिटिव जोन की 2.80 एकड़ भूमि ओबेरॉय ग्रुप को दे दी गई है। इससे वन्यजीव संरक्षण के लिए खतरे की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

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Amresh Kushwaha
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वन्यजीव संरक्षण के लिए खतरा
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मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व (Panna Tiger Reserve) में स्थित ईको सेंसिटिव जोन (Eco Sensitive Zone) की 2.80 एकड़ जमीन ओबेरॉय समूह (Oberoi Group) के राजगढ़ पैलेस एंड रिसॉर्ट (Rajgarh Palace and Resort) को लीज पर दे दी गई है। इससे अब विवाद खड़ा हो गया है।

राजनगर (SDM Rajnagar) के एसडीएम और वन व्यवस्थापन अधिकारी ने 25 जून 2024 को इस संबंध में आदेश जारी किया। इसमें चंद्रनगर रेंज के वनखंड राजगढ़ बी (Chandranagar Range) के खसरा नंबर 2091 के तहत संरक्षित वन क्षेत्र को हटाकर इस भूमि को ओबेरॉय समूह को दिया गया। यह क्षेत्र बाघों और अन्य वन्यजीवों के आवास के करीब है। इससे वन्यजीव संरक्षण के लिए खतरे की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

ओबेरॉय समूह ने अब तक ले ली है 69.82 एकड़ जमीन  

राजगढ़ पैलेस (Rajgarh Palace) पन्ना रियासत का ऐतिहासिक महल है। इसे 1996 में मध्य प्रदेश सरकार ने 7.20 एकड़ जमीन के साथ ओबेरॉय समूह को लीज पर दिया था। इसके बाद 1998 और 2007 में भी सरकार ने इस कंपनी को क्रमशः 51.24 और 11.38 एकड़ भूमि लीज पर दी थी। अब तक ओबेरॉय समूह को कुल 69.82 एकड़ जमीन दी जा चुकी है। इस महल को हैरिटेज लग्जरी होटल (Heritage Luxury Hotel) में बदलने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन इस बार संरक्षित वन क्षेत्र (Protected Forest Area) में हस्तक्षेप से मामला विवादित हो गया है।

समझें क्या है ईको सेंसिटिव जोन विवाद

पन्ना टाइगर रिजर्व के ईको सेंसिटिव जोन में स्थित 2.80 एकड़ भूमि को राजगढ़ पैलेस एंड रिसॉर्ट को दिए जाने के बाद इस फैसले के खिलाफ आवाजें उठ रही हैं। छतरपुर कलेक्टर पार्थ जैसवाल (Chhatarpur Collector Parth Jaiswal) ने बताया कि ओबेरॉय समूह के पक्ष में दिए गए आदेश के खिलाफ पन्ना टाइगर रिजर्व (PTR) की अपील को स्वीकार किया गया है और मामले की जांच की जा रही है। इस विवाद के चलते वन्यजीव संरक्षण से जुड़े कई अधिकारी और पर्यावरणविद इस आदेश की आलोचना कर रहे हैं।

मामले को लेकर कोर्ट में भी की गई अपील

पन्ना टाइगर रिजर्व की सीमा में बदलाव का अधिकार नेशनल टाइगर कंजरवेशन अथॉरिटी (NTCA) और सुप्रीम कोर्ट की अनुशंसा के बिना संभव नहीं है। इस मामले में एसडीएम के आदेश के खिलाफ फील्ड डायरेक्टर अंजना सुचिता तिर्की (Field Director Anjana Suchita Tirkey) ने कलेक्टर कोर्ट में अपील की है। उनका कहना है कि इस फैसले से संरक्षित वन क्षेत्र में वन्यजीवों के आवास को नुकसान पहुंचेगा।

पूर्व एसडीएम का बयान

इस विवादित फैसले को लेकर तत्कालीन एसडीएम प्रखर सिंह (Former SDM Prakhar Singh) का कहना है कि वे अब राजनगर में पदस्थ नहीं हैं और इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि पन्ना टाइगर रिजर्व की अपील पर उचित निर्णय लिया जा सकता है।

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