नील तिवारी, JABALPUR. जबलपुर के शख्स के लिए मध्यप्रदेश की 181 सीएम हेल्पलाइन जी का जंजाल बन चुकी है। फरियादी भानु काछी (Bhanu Kachhi) ने सोचा था कि सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करने से उसे निराकरण मिलेगा पर निराकरण के बदले उसे फोन पर गालियां और धमकियां मिल रही हैं। भानु के मुताबिक ये गाली देने वाला कोई और नहीं बल्कि इस क्षेत्र का पटवारी है, जिसके खिलाफ उसने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई है।
क्या है पूरा मामला
भानू की रैगवां गांव में खसरा नंबर 200 पैतृक संपत्ति है जिसमें वे कृषि कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। इस जमीन का बटांक आड़े (vertical) में किया गया था, पर बिना किसी न्यायालयीन आदेश के तत्कालीन पटवारी जागेंद्र पीपरी (patwari jagendra pipri) ने इसका बटांक खड़े (horizontal) में कर दिया। जब भानु ने इसकी नकल निकलवाने की कोशिश की तो उसे पता चला की फाइल उस पटवारी के पास ही है, जिसके कारण उसे नकल नहीं मिल पाई। तब भानु ने 181 सीएम हेल्पलाइन पर एक शिकायत दर्ज कराई।
पटवारी ने कहा- जूते से मारूंगा और धमकी दी
भानु के पास एक फोन कॉल आया और फोन करने वाले जागेन्द्र पीपरी ने पहले तो कहा कि सीएम हेल्पलाइन की जानकारी चाहिए और उसके बाद धीरे-धीरे अपशब्दों का प्रयोग करते हुए भानु के साथ गाली-गलौज की। यहां तक कि उसे जूते मारने और सबक सिखाने तक की धमकी दी।
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शिकायत लेकर दफ्तर-दफ्तर भटक रहा भानु
भानु पेशे से किसान है और कृषि कार्य से ही अपने परिवार का भरण-पोषण करता है। वो अपना काम का छोड़कर दफ्तर-दफ्तर शिकायत लेकर घूमने को मजबूर है। भानु का कहना है कि आरोपी पटवारी जिला पटवारी संघ का अध्यक्ष है, जिसके कारण उस पर कार्रवाई करने से अधिकारी बच रहे हैं। इसलिए थाना प्रभारी से लेकर पुलिस अधीक्षक, जबलपुर कलेक्टर और मुख्यमंत्री के नाम भी शिकायती पत्र देने के बाद भी भानु की सुनवाई नहीं हो रही है। भानु दोबारा जबलपुर कलेक्टर के पास अपना आवेदन लेकर पहुंचा और न्याय की गुहार लगाई। न्याय की उम्मीद में भानु का इंतजार लंबा ही होता जा रहा है।