Indore. पटवारी भर्ती परीक्षा पास करने वाले युवाओं के लिए एक पॉजीटिव खबर है। युवाओं द्वारा लगातार मांग करने और "द सूत्र" द्वारा दूसरी काउंसलिंग के बाद खाली रहे पदों के समय भी मुद्दा उठाया था कि जब पद खाली है और युवा मौजूद है तो फिर तीसरी काउंसलिंग क्यों नहीं? अब इस संबंध में मप्र शासन ने तीसरी काउंसलिंग की सूचना जारी कर दी है, लेकिन लगता है यह भारी मन से किया है, क्योंकि काउंसलिंग की सूचना में ही भारी लापरवाही दिखने के साथ ही पद नहीं देने की मंशा साफ दिख रही है। काउंसलिंग 28 अक्टूबर को होगी।
पहले देखते हैं क्या सूचना जारी की है
भू अभिलेक आयुक्त कार्यालय ग्वालियर से यह पत्र सभी कलेक्टर के नाम पर जारी हुआ है। इसमें पटवारी भर्ती परीक्षा 2022-23 में चयनित उम्मीदवारों को तीसरी काउंसलिंग के जरिए पद देने की बात कही गई है। इसमें कहा गया है कि 6755 पद के लिए विज्ञप्ति जारी हुई थी, लेकिन दो काउंसलिंग के बाद 1776 पद खाली रह गए थे। इन्हें भरने के लिए तीसरी काउंसलिंग की मंजूरी मिली है। उम्मीदवार एमपी ऑनलाइन को पोर्टल www.prc.mponline,gov.in के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
28 अक्टूबर को होगी
काउंसलिंग संबंधित जिलो में 28 अक्टूबर को होगी। पोर्टल से सूचना का मिलान 5 अक्टूबर को होगा, चयनितों को सूचना 6 से 8 अक्टूबर के बीच दी जाएगी और फिर उन्हें दस्तावेज 8 से 18 अक्टूबर के बीच अपलोड करना होगा। जिला स्तर पर दस्तावेज डाउनलोड कर 19 से 25 अक्टूबर तक फाइल बना ली जाएगी और काउंसलिंग 30 अक्टूबर को होगी।
अब क्या कर ही मप्र सरकार
दरअसल पहली और दूसरी काउंसलिंग के दौरान 6755 पद में से 2200 से ज्यादा पद रिक्त रह गए थे। इसमें भूतपूर्व सैनिक और दिव्यांग कोटे के युवा नहीं मिलने से करीब 500 पद खत्म हो गए, और कहा जा रहा है कि 1776 पद रिक्त है इनके लिए काउंसलिंग होगी। लेकिन सरकार ने केवल 1100 उम्मीदवारों की ही काउंसलिंग की सूची बनाई है। यानी यह सभी आते भी है तो भी सरकार के 676 पद तो वैसे ही रिक्त रह जाएंगे। उधर सबसे बड़ी बात यह है कि पहली और दूसरी काउंसलिंग में बुलाए गए उम्मीदवार जो काउंसलिंग में नहीं आए थे, ऐसे करीब 1019 रिपीट है, यानी फ्रेश केवल 81 उम्मीदवार ही बुलाए जा रहे हैं, बाकी वेटिंग वालों को कोई मौका सरकार नहीं दे रही है।
पद फिर रिक्त रह जाएंगे
पहली काउंसलिंग में 690 उम्मीदवार पद लेने ही नहीं पहुंचे थे और दूसरे में भी यही हाल रहा था। क्योंकि यह वह युवा थे जो कहीं और चयनित होने से काउंसलिंग में नहीं पहुंचे थे। अब उन्हीं 1019 को फिर से बुलाया जा रहा है, 1776 पटवारी पद के लिए, यानी अधिकांश फिर से नहीं आएंगे। यानी पद खाली रहना तय है। यह अंतिम काउंसलिंग है साफ है कि यह पद नहीं भरे जाएंगे और नए युवाओं को जो वेटिंग में मौका ही नहीं दिया जा रहा है कि जो बेरोजगार है उन्हें बुला लिया जाए, कम से कम जितने पद है उतने तो बुलाएं लेकिन सरकार ने पहले ही तय कर दिया है कि यह पद नहीं भरें, जिससे शासन के खजाने पर बोझ नहीं आए। यानी बहुत ही कम युवाओं को यह पद मिलने वाले हैं और शासन की काउंसलिंग केवल औपचारिकता रहने वाली है।
हालत यह है कि 150 पद के लिए 6 अनारक्षित को बुलाया
पटवारी भर्ती परीक्षा पास कर चुके युवाओं ने द सूत्र को बताया कि हालत यह है कि हर वर्ग में 150-200 औसतन पद खाली है लेकिन काफी कम वेटिंग युवाओं को बुलाया गया है, जैसे अनारक्षित में करीब 150 पद है लेकिन केवल 6 को ही इसके लिए बुलाया जा रहा है। यानी पद रिक्त रहना तो तय है। ऐसा ही ओबीसी, एसटी, एससी सभी वर्ग में है, फ्रेश वेटिंग युवा तो नाममात्र है, तो जिन्होंने पहली व दूसरी काउंसलिंग में पद नहीं लिया वह अब क्यों पद लेने आएगा।
9.50 लाख युवाओं ने दी थी परीक्षा
यह पटवारी परीक्षा में 13 लाख करीब युवाओं ने आवेदन भरे थे और 9.75 लाख परीक्षा में बैठे थे। इसके बाद रिजल्ट आने के बाद परीक्षा में ही घोटाले के आरोप लगे। तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जांच कमेटी बनाई। नए सीएम डॉ. मोहन यादव के समय जांच रिपोर्ट पेश हुई और परीक्षा को क्लीन चिट देकर भर्ती शुरु की गई। हालांकि आज तक जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया और शासन ने आरटीआई तक में रिपोर्ट देने से इंकार कर दिया।
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