जेल में बंद पटवारी हेमंत मित्तल का कर दिया ट्रांसफर, हरकत में आए SDM ने किया सस्पेंड

श्योपुर में एक तबादला सूची ने प्रशासनिक व्यवस्था को चौंका दिया। इस सूची में 21 पटवारियों के नाम थे, जिनका तबादला किया गया था, लेकिन इसमें एक ऐसा नाम भी था जो सभी के लिए हैरान करने वाला था...

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Sourabh Bhatnagar
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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के श्योपुर जिले में एक विवादित ट्रांसफर का मामला सामने आया है, जिसने अधिकारियों की लापरवाही को उजागर किया है। इस मामले में श्योपुर जिले के विजयपुर के पटवारी हेमंत मित्तल का नाम सामने आया है, जो वर्तमान में जेल में बंद हैं। अफसरों ने उनके ट्रांसफर का आदेश जारी कर दिया था, जो बाद में सवालों के घेरे में आ गया।

क्या है पूरा मामला?

श्योपुर जिला प्रशासन ने 16 जून को दो अलग-अलग सूची जारी कीं। सूची में जिनमें क्रमशः 9 और 12 पटवारियों के नाम थे। इन सूची में ज्यादातर पटवारियों का तबादला जिले के विभिन्न हिस्सों में किया गया था। लेकिन, सबसे अधिक चर्चा उस समय हुई जब विजयपुर तहसील के पटवारी हेमंत मित्तल का नाम भी इन सूची में था। हेमंत मित्तल को हाल ही में बाढ़ राहत राशि में गड़बड़ी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और वह वर्तमान में जेल में बंद है।

 हालांकि, जब यह जानकारी सामने आई कि हेमंत मित्तल जेल में बंद हैं, तो अधिकारियों के बीच हड़कंप मच गया। तुरंत बाद, एसडीएम विजयपुर ने पटवारी हेमंत मित्तल को सस्पेंड करने का आदेश जारी कर दिया।

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पटवारी क्यों हैं जेल में बंद?

पटवारी हेमंत मित्तल के जेल में होने की वजह एक बड़े घोटाले से जुड़ी है। 2021 में आई बाढ़ के दौरान राहत राशि का गबन करने का आरोप उनके खिलाफ था। बड़ौदा तहसील में पदस्थ रहते हुए, हेमंत मित्तल ने बाढ़ पीड़ितों को दी जाने वाली राहत राशि में हेरफेर किया था। इस घोटाले का खुलासा होने के बाद, बड़ौदा तहसीलदार ने पटवारी के खिलाफ FIR दर्ज करवाई थी। जांच के बाद पुलिस ने उन्हें दोषी मानते हुए गिरफ्तार कर लिया और जेल भेज दिया।

जिम्मेदारों का बयान

इस मामले में बड़ौदा थाना प्रभारी सत्यम सिंह गुर्जर ने कहा कि बाढ़ राहत राशि में गड़बड़ी से जुड़े मामले में कुल 6 आरोपी थे, जिनमें हेमंत मित्तल भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि हेमंत मित्तल को जेल भेजा गया था और अब उनका नाम तबादला सूची से हटा दिया जाएगा। इसी तरह, भू अभिलेख विभाग के अधीक्षक मुन्ना सिंह गुर्जर ने बताया कि जब पटवारी का तबादला अप्रूव हुआ था, तब वह गिरफ्तारी से बाहर थे। अब चूंकि वह जेल में हैं, उनका नाम सूची से हटा दिया जाएगा।

प्रशासनिक चूक या प्रक्रिया की गड़बड़ी?

यह घटना प्रशासनिक प्रक्रियाओं में एक बड़ी चूक को उजागर करती है। जब किसी कर्मचारी का तबादला किया जाता है, तो उस प्रक्रिया में उसकी वर्तमान स्थिति का सही आंकलन होना चाहिए। हेमंत मित्तल का नाम तबादला सूची में आना इस बात को दर्शाता है कि किसी समय पर उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया था, लेकिन वर्तमान में वह जेल में हैं।

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