इंदौर में भ्रष्ट पटवारियों पर कंट्रोल नहीं, बंटवारा रिपोर्ट के लिए 1 लाख की रिश्वत मांगी, लोकायुक्त ने पकड़ा

इंदौर के देपालपुर में पदस्थ पटवारी अनिल सिसौदिया को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। यह रिश्वत की पहली किश्त थी। सीएम के निर्देश के बाद भी भ्रष्ट पटवारी बेखौफ हैं।

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Sanjay gupta
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रिश्वत से बाज नहीं आ रहे पटवारी
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मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के राजस्व काम में आरआई और पटवारी के काम पर नियंत्रण को लेकर सख्ती रखने के निर्देश के बाद भी भ्रष्ट पटवारी बेखौफ हैं। इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह लगातार पटवारियों को सस्पेंड करने जैसी कार्रवाई कर रहे हैं, लेकिन यह बाज नहीं आ रहे हैं। अब एक और पटवारी रिश्वत लेते लोकायुक्त इंदौर द्वारा रंगे हाथों पकड़ा गया है। पकड़ते ही पटवारी के मुंह से निकला, अरे साला इस (पीड़ित) ने धोखा दे दिया। 

इस पटवारी पर हुई कार्रवाई

देपालपुर के गांव फुलान, टप्पा गौतमपुरा इंदौर में पदस्थ पटवारी अनिल सिसौदिया पिता कैलाश सिसौदिया को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। यह रिश्वत की पहली किश्त थी। पूरी रिश्वत एक लाख रुपए मांगी गई थी और फिर सौदा 75 हजार में तय हुआ था। आरोपी पटवारी साल 2018 की भर्ती है और छह साल से देपालपुर में पदस्थ था।

यह था राजस्व का छोटा सा काम

आवेदक सुभाष चंद्र शर्मा ने बहन तेजूबाई की सहमति के आधार पर जमीन के शासकीय रिकार्ड में बंटवारा दर्ज करने का आवेदन दिया था। जिसके बदले में पटवारी सिसौदिया ने एक लाख रुपए की मांग रखी थी। बात करने के बाद 75 हजार में काम करना तय किया। शिकायत सत्यापन के बादआरोपी को लोकायुक्त डीएसपी अनिरुद्ध वाधिया, इंस्पेक्टर राजेश ओहरिया, राहुल गजभिए, प्रधान आरक्षक प्रमोद यादव,  आरक्षक विजय कुमार, चंद्र मोहन बिष्ट, आशीष नायडू, शेरसिंह ठाकुर, कृष्ण अहिरवार की टीम द्वारा उसके गौतमपुरा दफ्तर से ही रंगे हाथों पकड़ लिया गया।

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