ड्रग इंस्पेक्टर बन जांच करने पहुंचा चपरासी, पकड़ाया पर कार्रवाई नहीं

भोपाल के बागसेवनिया इलाके में स्थित ईश्वर मेडिकल स्टोर पर मंगलवार, 14 फरवरी की सुबह ड्रग विभाग का रिटायर्ड चपरासी पहुंच गया। वह स्वयं को ड्रग इंस्पेक्टर बताते हुए दुकान का इंस्पेक्शन कराने की मांग करने लगा। उससे आईडी कार्ड मांगा तो वह धमकाने लगा।

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BP shrivastava
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ड्रग विभाग का रिटायर्ड चपरासी, जिस पर मेडिकजल स्टोर संचालक ने जांच के नाम पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है।

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BHOPAL. भोपाल के बागसेवनिया इलाके में स्थित ईश्वर मेडिकल स्टोर पर मंगलवार, 14 फरवरी की सुबह ड्रग विभाग का रिटायर्ड चपरासी पहुंच गया। वह स्वयं को ड्रग इंस्पेक्टर बताते हुए दुकान का इंस्पेक्शन कराने की मांग करने लगा। संचालक ने उससे आईडी कार्ड मांगा तो वह धमकाने लगा और दुकान में ताले लगवाने की धौंस देने लगा।

जानकारी के मुताबिक यही नहीं कार्रवाई का डर बताकर उसने 50 हजार रुपए की मांग भी कर दी। संदेह होने पर दुकान के संचालक ने उस फर्जी ड्रग इंस्पेक्टर को पुलिस के हवाले कर दिया। थाने में शिकायत भी की गई है, लेकिन पुलिस ने FIR दर्ज नहीं की। थाना प्रभारी का कहना है कि दोनों पक्षों ने समझौता कर लिया है।

मेडिकल संचालक से जानते हैं पूरा घटनाक्रम

आशुतोष कुमार के मुताबिक वह एम्स गेट नंबर दो के सामने ईश्वर मेडिकल स्टोर का संचालन करते हैं। मंगलवार की सुबह 11:30 बजे उनकी दुकान पर ड्रग डिपार्टमेंट का रिटायर्ड चपरासी पहुंचा। उसने स्वयं को ड्रग डिपार्टमेंट का इंस्पेक्टर बताया और दुकान का इंस्पेक्शन कराने की बात कही। उनकी उम्र को देख उस पर संदेह हुआ, तब उनसे आई कार्ड दिखाने की मांग की। उन्होंने नियमों में उलझाकर दुकान में ताले लगवाने की बात कही। इसके बाद आई कार्ड दिखाने से साफ इनकार कर दिया।

15 दिन पहले ही शुरू हुआ है मेडिकल स्टोर

आशुतोष का कहना है कि हमारी दुकान 15 दिन पहले ही शुरू की गई है। ऐसे में आरोपी ने कहा कि दुकान शुरू कर ली और कुछ दिया भी नहीं। इसके बाद 50 हजार रुपए की मांग की। फर्जी ड्रग इंस्पेक्टर होने के संदेह में हमने पुलिस को कॉल कर दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने उसे हिरासत में लिया। हमने उस पर कार्रवाई के लिए थाने में शिकायती आवेदन दिया है। पुलिस ने अब तक FIR दर्ज नहीं की है। ओपी शर्मा को पुलिस ने छोड़ भी दिया है।

TI बोले- राजीनामा हो गया, फरियारी बोला- नहीं

बागसेवनिया थाना प्रभारी अमित सोनी ने बताया कि दोनों पक्षों ने थाने में आपसी सहमति से राजीनामा कर लिया। फरियादी ने इस मामले में कार्रवाई कराने से इनकार कर दिया था। लिहाजा ओपी शर्मा के खिलाफ कार्रवाई नहीं की थी। इधर, आशुतोष कुमार का कहना है कि उन्होंने कोई राजीनामा नहीं किया है। वह कार्रवाई चाहते हैं, पुलिस ने कार्रवाई नहीं की है।

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