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संजय गुप्ता, INDORE. पिनाकल ड्रीम्स प्रोजेक्ट इंदौर ( Pinnacle Dreams Project Indore ) को लेकर हाल ही में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ( NCLT ) इंदौर ने अपना फैसला सुनाया है और मुंबई की कंपनी देवव्रत ने यह प्रोजेक्ट लिया है। अभी भी इस ग्रुप के पिनाकल ग्रांड और पिनाकल डिजायर नाम के दो प्रोजेक्ट अधर में हैं। यह मप्र का निजी जमीन पर आया संभवत: सबसे बड़ा टाउनशिप घोटाला है। इसकी कीमत आज के बाजार भाव से 3000 करोड़ रुपए से ज्यादा की है। इस प्रोजेक्ट में इंदौर के कई बड़े हाई प्रोफाइल लोगों, अधिकारियों की ब्लैक मनी लगी है। कंपनियों ने फर्जी इंट्री दी तो वहीं बॉलीवुड स्टार तक का पैसा इसमें फंस गया। इस घोटाले और इसकी इनसाइड स्टोरी पर द सूत्र किश्तों में परत दर परत खुलासे करने जा रहा है।
क्या थे प्रोजेक्ट और कौन इन्हें लाया था
साल 2009 से 2011 के दौरान इंदौर में JSM DEVCONS INDIA PVT LTD द्वारा इंदौर में भारी लाव-लश्कारे के साथ यह प्रोजेक्ट ( पिनाकल प्रोजेक्ट )लांच किए गए।
1- पिनाकल ड्रीम्स- यह 4.6 हेक्टेयर जमीन पर आया प्रोजेक्ट था। इसे जेएसएम के आशीष दास और पुष्पेंद्र बढेरा ने अशोका हाई कंपनी के दीपक कालरा ( एनआरके ग्रुप वाले ) व नितेश वाधवानी ( जिन्हें डीजीजीआई ने किशोर वाधावनी व अन्य के साथ 2200 करोड़ का टैक्स वसूली का नोटिस दिया हुआ है ) के साथ मिलकर लांच किया था। जमीन अशोका ग्रुप की थी और डेवलपमेंट जेएसएम का। इसमें 6 टावर में 600 से ज्यादा फ्लैट बने, बाकी पांच और टॉवर नहीं बने। साल 2016 में प्रोजेक्ट बंद हो गया। तभी से इसमें फ्लैट धारक परेशान हो रहे हैं। इसी मामले में अब कंपनी ट्रिब्यूनल ने फैसला दिया है। इसमें जेएसएम और अशोका दोनों को बाहर कर दिया गया है और अब मुंबई की कंपनी प्रोजेक्ट संभालेगी और दो साल में सभी को पजेशन देगी। प्रोजेक्ट की कीमत 800 करोड़ रुपए से ज्यादा है
2- पिनाकल ग्रांड- यह निपानिया का प्रोजेक्ट था, जो करीब नौ हेक्टयर में हैं। इसमें जेएसएम ग्रुप ने संजय अग्रवाल व अन्य के साथ जमीन का सौदा किया। इसमें इंदौर और मप्र के कई अधिकारियों, हाई प्रोफाइल लोगों ने प्लॉट लिए थे। इनकम टैक्स दिल्ली के छापे में भी इसकी रिपोर्ट है। इसमें बुकिंग 940 रुपए प्रति वर्गफीट दिखाई गई, लेकिन आयकर विभाग के हिसाब से 2200 रुपए में बेचे गए। जमीन खरीदी ही 19 करोड़ की बताई गई, लेकिन आयकर विभाग के हिसाब से 80 करोड़ का लेन-देन हुआ। दास-बढेरा का यह प्रोजेक्ट भी अटक गया। प्रोजेक्ट की आज की कीमत 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा है।
3- पिनाकल डिजायर- यह प्रोजेक्ट सुपर कॉरिडोर पालाखेडी में है। यह सबसे बड़ा 20 हेक्टेयर जमीन पर था। यह जमीन भी जेएसएम ग्रुप ने आसपास के किसानों से खरीदी थी और प्लॉट की रजिस्ट्री की थी। यह प्रोजेक्ट भी दास और बढेरा की हालत खराब होने के बाद अन्य प्रोजेक्ट की तरह ठंडे बस्ते में चला गया। इसमें भी शहर के कई जाने-माने लागों ने लंबा निवेश किया और थोक में माल खरीदा। यहां भी असल सौदे और बिक्री सौदे के दाम में भारी अंतर था। यानी बड़े लोगों का जमकर ब्लैक मनी लगा।
क्यों डूबे यह प्रोजेक्ट-
इस प्रोजेक्ट की डूबने की सबसे बडी वजह थी दास और बढेरा की अय्याशी और रइसी अंदाज। दोनों तीन कार के लशकारे के साथ चलते थे। एक में दास, बढेरा तो एक में गनमैन और एक वाहन में पेंट्री रहती थी, जिसमें खाने-पीने का समान रखा रहता था। वहीं दूसरी वजह रही एक साथ तीन बड़े प्रोजेक्ट लाना। इसमें हर जगह बड़ी राशि फंस गई और हर जगह सौदे पूरे नहीं होने से विवाद खड़े हो गए। जब प्रोजेक्ट में फंड की कमी और विवादों के चलते देरी हुई तो निवेशक छिटकने लगे और अपने पैसे मांगने लगे। इसके बाद यह हालत हुई कि दोनों को इंदौर से भागना पड़ा। बाद में गिरफ्तारी हुई और लंबे समय बाद बाहर हुए और फिर गायब हो गए।
अगली किश्त में पढ़िए- इन प्रोजेक्ट में किन बड़े लोगों, भूमाफियाओं, निवेशक, बॉलीवुड स्टार का लगा था कितना पैसा....