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Pitambara Peeth : मध्य प्रदेश के साथ ही देशभर के माता मंदिरों में नवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। माता के मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। प्रदेश के साथ ही देश में कई ऐसे शक्तिपीठ हैं, जिनकी पूजा-अर्चना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इसी कड़ी में जानिए दतिया जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध देवी तांत्रिक शक्तिपीठ मां पीतांबरा के बारे में। तंत्र साधना में पीतांबरा पीठ का बेहद खास महत्व है। राजसत्ता की देवी होने के साथ ही शत्रुहन्ता के नाम से भी विख्यात देवी ने 1962 के भारत-चीन युद्ध रुकवा दिया था।
मंदिर के पीठाधीश्वर स्वामी जी महाराज 1929 में दतिया आए थे। उन्होंने 1935 में मां पीतांबरा की मूर्ति की स्थापना की थी। दतिया स्थित देवी मां पीतांबरा मंदिर का देश में इसलिए भी प्रमुख स्थान है, क्योंकि 1962 में जब चीन ने भारत पर आक्रमण किया था, तब मंदिर के पीठाधीश्वर स्वामी महाराज ने देश की रक्षा के लिए यज्ञ किया था।
वर्ष 1962 में जब भारत और चीन के बीच युद्ध चल रहा था और भारत को मित्र देशों से मदद नहीं मिल रही थी, तब किसी ने देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को दतिया स्थित पीतांबरा पीठ पर अनुष्ठान करने की सलाह दी, इससे आपदा टल सकती थी। इसके बाद पंडित नेहरू ने पीतांबरा पीठ पर विशेष यज्किञया। दतिया पीतांबरा मंदिर में पीएम जवाहर लाल नेहरू ने 11 दिनों का यज्ञ किया था। कहा जाता है कि अनुष्ठान के 11वें दिन चीन ने युद्ध विराम की घोषणा कर दी। इसके बाद देश में देवी पीतांबरा का महत्व और बढ़ गया। जवाहर लाल नेहरू ने जिस यज्ञशाला में यज्ञ किया था। वह आज भी इस मंदिर में मौजूद है। देवी पीतांबरा के अलावा देवी मां पीतांबरा मंदिर में वनखंडेश्वर महादेव का 5 हजार साल पुराना मंदिर भी है, जो महाभारत काल का है, साथ ही यहां देवी पीतांबरा, तंत्र साधना की देवी मां धूमावती भी विराजमान हैं।
देवी मां पीतांबरा मंदिर में तंत्र साधना से निर्मित एक हरिद्वार कुंड भी है। देवी के भक्त एक खिड़की से मां के दर्शन कर सकते हैं। देवी मां पीतांबरा को स्तम्भन की देवी कहा जाता है। मां पीतांबरा शत्रुओं का नाश करने वाली हैं। देवी मां पीतांबरा को शक्ति की देवी भी कहा जाता है। यही कारण है कि दतिया पीतांबरा मंदिर में पूजा करने के लिए राजनेता बड़ी संख्या में आते हैं।
दतिया की मां पीताम्बरा को यूं ही राजसत्ता की देवी नहीं कहा जाता। भारत-चीन युद्ध के दौरान प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू यहां आए थे। गृहमंत्री अमित शाह, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, एमपी के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे भी यहां आ चुके हैं।