पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर में जाने वाली जमीन के सर्वे नंबर जारी, 17 गांव की 3200 एकड़ जमीन शामिल

प्रारंभिक तौर पर इस स्कीम को लेकर आई गांव वालों की साढ़े आठ सौ से ज्यादा आपत्तियों का निराकरण कर दिया गया है। वहीं अब सर्वे नंबर पर आने वाली दावे-आपत्तियां लगाने के लिए 15 दिन का समय दिया है।

Advertisment
author-image
Sanjay gupta
New Update
पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

Pithampur Economic Corridor : पीथमपुर इकॉनामिक कॉरिडोर के लिए आखिरकार MPIDC (MP Industrial Development Corporation) ने 17 गांव की जा रही जमीनों के सर्वे नंबर जारी कर दिए हैं। इसमें कुल 3200 एकड़ जमीन जा रही है। इस 20 किमी लंबे कॉरिडोर पर व्यावसायिक, आर्थिक गतिविधियां होगी और इसे फिनटेक सिटी (Fintech City) के रूप में हाईराइज मॉडल (Highrise Model) के तौर पर विकसित किया जाएगा। 

सर्वे नंबर पर आएंगे दावे-आपत्ति

प्रारंभिक तौर पर इस स्कीम को लेकर आई गांव वालों की साढ़े आठ सौ से ज्यादा आपत्तियों का निराकरण कर दिया गया है। वहीं अब सर्वे नंबर पर आने वाली दावे-आपत्तियां लगाने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। इसके बाद इनका 45 दिन के भीतर निराकरण किया जाएगा। उसके बाद फिर ड्रॉफ्ट का प्रकाशन करने के बाद फिर से दावे-आपत्ति की प्रक्रिया पूरी करना होगी, जिसमें अभी 3 से 4 माह का समय संभावित है। 

दोनों ओर 300 मीटर तक रहेगा प्रोजेक्ट

इस 20 किलोमीटर लम्बाई में बनने वाला इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर 75 मीटर चौड़ा होगा और इसके दोनों ओर 300-300 मीटर तक यह कॉरिडोर रहेगा। इसी से जोड़ते हुए आईडीए ने हाल में अहिल्या पथ का अपना प्रोजेक्ट तैयार किया है। इकोनॉमिक कॉरिडोर का एक सिरा इंदौर के नैनोद से, तो दूसरा सिरा सोनवाय, टीही और धन्नड़ ड्रायपोर्ट से जुड़ेगा। 

पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर जारी सर्वे नंबर की सूची

जारी सर्वे नंबर की सूची

इसमें इन गांव की जमीन शामिल

MPIDC एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर (MPIDC Executive Director) सपना जैन (Sapna Jain) ने बताया कि 17 गांवों में कोर्डियाबर्डी, नैनोद, रिजलाय, बिसनावदा, नावदापंथ, श्रीराम तलावली, सिंदौड़ा, सिंदौड़ी, शिवखेड़ा, नरलाय, मोकलाय, डेहरी, सोनवाय, भैंसलाय, बागोदा, टीही और धन्नड़ इसमें शामिल हैं। जमीन मालिकों को मुआवजा तीन विकल्पों पर होगा। मोटे तौर पर लैंड पूल एक्ट के तहत 50 फीसदी विकसित प्लाट देने का फार्मूला है।

दूसरा सौ फीसदी नकद मुआवजे का है जो जमीन अधिग्रहण कानून के तहत है। तीसरा विकल्प 90 और 10 प्रतिशत का है, जिसमें 10 फीसदी राशि तो नकद मुआवजे के रूप में और 90 फीसदी के बदले विकसित भूखंड दिए जाते हैं। पीथमपुर सेक्टर-7 में इसी फॉर्मूले के तहत कई जमीनों का अधिग्रहण किया भी गया है।

पूरा काम तेजी से करने का है, दो साल में पूरा करना है

जैन ने कहा कि कोशिश है कि काम पूरी तेजी से हो और दो साल में प्रोजेक्ट बनकर तैयार हो जाए। इस कॉरीडोर में एयरो सिटी, होटल, आईटी, फिंटेक सिटी, डाटा सेंटर, फिल्म और मीडिया से जुड़ी गतिविधियों के साथ-साथ आवासीय, व्यवसायिक प्रयोजन भी रहेंगे।

पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

sanjay gupta

Indore Pithampur Economic Corridor पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर MPIDC Fintech City MPIDC एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर सपना जैन