BHOPAL. मध्य प्रदेश के ग्वालियर में देश की पहली आधुनिक और आत्मनिर्भर गौशाला बनकर शुभारंभ के लिए तैयार है। इस मॉडर्न गौशाला में इंडियन ऑयल कार्पोरेशन (Indian Oil Corporation) के सहयोग से 2 हेक्टेयर क्षेत्र में बायो CNG प्लांट लगाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (pm modi) बुधवार 2 अक्टूबर को सुबह 10 बजे दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम से लाल टिपारा के बायो CNG प्लांट का वर्चुअली लोकार्पण करेंगे।
सीएम मोहन यादव ने जताया आभार
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (cm mohan yadav) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी 'वेस्ट टू वेल्थ' के विकास दर्शन के प्रति आभार व्यक्त किया है। साथ ही उन्होंने गायों की सेवा करने वाले संतों के प्रति भी आभार जताया है। सीएम मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार इस पहल के विस्तार के लिए भरपूर सहयोग करेगी। बता दें कि इंदौर में एशिया के सबसे बड़े सीएनजी प्लांट चल रहा है, इस प्लांट का शुभारंभ पीएम मोदी ने किया था।
देश की पहली आधुनिक और आत्मनिर्भर गौशाला
ग्वालियर की लाल टिपारा गौशाला देश की पहली मॉडर्न गौशाला है। इस गौशाला में ग्वालियर नगर निगम और संतों के सहयोग से 10 हजार गायों की सेवा की जा रही है। यह गौशाला इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) की सामाजिक जिम्मेदारी निधि से 32 करोड़ रुपए की लागत से तैयार की गई है।
2 हेक्टेयर क्षेत्र में बनाया गया प्लांट
इस गौशाला में IOC के सहयोग से 2 हेक्टेयर क्षेत्र में बायो CNG प्लांट स्थापित किया गया है। बायो सीएनजी प्लांट के साथ ही इंक्यूबेशन सेंटर भी जल्द शुरू होगा। इस प्लांट के संचालन के लिए 100 टन गोबर का उपयोग कर प्रतिदिन 3 टन तक CNG और 20 टन बेस्ट क्वालिटी के जैविक खाद का उत्पादन होगा। प्लांट के संचालन और मेंटेनेंस में भी सहयोग करेगा। भविष्य में सीएनजी प्लांट के विस्तार की संभावना है, ऐसे में एक हेक्टेयर की भूमि आरक्षित की गई है।
जानें प्लांट से होने वाले फायदे
गौशाला के विस्तार के लिए सांसद निधि से 2 हजार गायों के लिए आधुनिक शेड निर्माण के लिए 2 हजार करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई। विधिवत संचालन के बाद से ही प्लांट में लगभग 2 से 3 टन प्रतिदिन बायो सीएनजी और लगभग 20 टन प्रतिदिन उच्च गुणवत्ता की प्राकृतिक खाद का उत्पादन होगा। इससे ग्वालियर नगर निगम को भी 7 करोड़ रुपए की आय होगी।
स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार
इस बायो सीएनजी प्लांट के स्थापित होने से पर्यावरण में सुधार होगा। साथ ही इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। गोबर से प्राप्त पैसे के उपयोग से गौशाला आर्थिक रूप आत्मनिर्भर बनेगी। ग्वालियर में जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही इस प्लांट से किसानों को गोबर की खाद उचित दाम पर मिल सकेगी। बता दें कि मध्य प्रदेश ने क्लीन और ग्रीन ऊर्जा उत्पादन में तेजी से कदम बढ़ा दिए हैं।
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