PM Modi Met Jabalpur Doctor MC Dawar : रविवार की शाम संस्कारधानी जबलपुर के लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए बेताब थे और खुद नरेंद्र मोदी किसी और से मिलने के लिए बेकरार… रैली से पहले ही पीएम नरेंद्र मोदी जब इस शख्स से मिले तो उन्होंने न सिर्फ इनका आत्मीय स्वागत किया, बल्कि ट्वीट ( X ) कर पूरी दुनिया को उनके बड़प्पन के बारे में भी बताया। डॉक्टर एमसी डावर, जी हां! हम इन्हीं की बात कर रहे हैं। आईए जानते हैं आखिर क्यों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इनसे मिलने के लिए व्यक्तिगत रूप से इच्छा जाहिर की…
पहले ये X पढ़िए…
Upon landing in Jabalpur, had the opportunity to meet Dr. MC Dawar, Padma Shri awardee and respected doctor, at the airport. Several people in Jabalpur and nearby areas admire him for his efforts to cure the poor and marginalised sections. pic.twitter.com/4JxyMdnvyR
— Narendra Modi (@narendramodi) April 7, 2024
हिंदी अनुवाद..
जबलपुर उतरने पर हवाई अड्डे पर पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित एवं सम्मानित चिकित्सक डॉ. एमसी डावर से मिलने का अवसर मिला। गरीबों और वंचित वर्गों के इलाज के उनके प्रयासों के लिए जबलपुर और आसपास के इलाकों में कई लोग उनकी प्रशंसा करते हैं।
मोदी हुए डॉ. डावर के मुरीद
महज 20 रुपए फीस में लोगों का इलाज करने वाले जबलपुर के एमबीबीएस डॉक्टर (कैप्टन) मुनीश चंद्र डावर के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मुरीद हो गए हैं। रविवार (7 अप्रैल) को अपने जबलपुर दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने एयरपोर्ट पर न केवल डॉ. डावर से भेंट की, बल्कि अपने अकाउंट एक्स पर फोटो पोस्ट कर उनकी तारीफ भी की। हाल ही में डॉक्टर मनीष चंद्र डावर को पद्मश्री से भी नवाजा गया है।
कौन हैं डॉ डावर
साल 2023 में भारत सरकार ने डॉक्टर मुनीश चंद्र डावर को पद्मश्री से अलंकृत किया था। डॉ डावर भारतीय सेना में कैप्टन थे। 1971 की भारत- पाकिस्तान वॉर के दौरान डॉ डावर की पोस्टिंग बांग्लादेश में हुई थी। वहां डॉ. डावर ने पूरी तन्मयता से घायल जवानों का इलाज किया। जंग के बाद स्वास्थ्य कारणों के चलते उन्होंने रिटायरमेंट ले लिया और 1972 में जबलपुर वापस आकर मदन महल इलाके में क्लिनिक खोलकर अपनी प्रैक्टिस शुरू कर दी।
पाकिस्तान में जन्मे थे
डॉ. डावर का जन्म आज के पाकिस्तान में 1946 में हुआ था। डेढ़ साल की उम्र में ही उनके पिता का निधन हो गया था। बाद में मध्य प्रदेश के जबलपुर से उन्होंने एमबीबीएस (MBBS) किया। उन्होंने बताया कि 1986 तक दो रुपए फीस लेते थे। इसके बाद उन्होंने तीन रुपए लेना शुरू कर दिया। 1997 में पांच रुपए और फिर 15 साल बाद 2012 में फीस 10 रुपए बढा दी। दो साल पहले नवंबर से उन्होंने 20 रुपये फीस लेना शुरू कर दिया तबसे यही सिलसिला जारी है। बता दें कि डॉ. डावर पिछले 51 साल से हफ्ते में 6 दिन रोजाना 200 मरीजों का इलाज करते हैं। उनके पास तीन पीढ़ियों के मरीज आते हैं। ये मरीज केवल जबलपुर ही नहीं, बल्कि दूर-दराज के शहरों से भी उनके पास आते हैं।