मध्य प्रदेश में पीएम श्री एयर एंबुलेंस की सुविधा लेने वाले पहले मरीज रीवा के गोविंदलाल बने हैं। आयुष्मान कार्डधारी गोविंदलाल को मुफ्त एयर एंबुलेंस की सुविधा मिली। गोविंदलाल तिवारी को एयर एंबुलेंस से रीवा से भोपाल रवाना किया गया।
योजना के पहले लाभार्थी बने गोविंदलाल तिवारी
जानकारी के मुताबिक मऊगंज जिले के ग्राम जुड़मनिया मुरली में रहने वाले गोविंदलाल तिवारी को 23 जून की रात को हार्ट में अचानक दर्द होने शुरू हुआ । बाद में पता चला कि उन्हें गंभीर हार्ट अटैक आया है। परिजन तत्काल गोविंदलाल को मेडिकल कालेज रीवा लेकर पहुंचे। यहां पर डॉक्टरों ने उन्हें भोपाल के लिए रेफर किया। ऐसे में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव सरकार की शुरू की गई पीएम श्री एयर एंबुलेंस सुविधा का परिजनों ने लाभ लिया। गोविंदलाल को एयर एंबुलेंस से रीवा से भोपाल रवाना किया गया।
क्या है पीएम श्री एयर एम्बुलेंस योजना?
पीएम श्री एयर एम्बुलेंस योजना मध्य प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजना है। इस योजना के तहत लोगों को तत्काल इलाज के लिए एयर एंबुलेंस की सुविधा दी जाती है। पीएम श्री एयर एम्बुलेंस योजना का लाभ उन मरीजों को मिलता है, जिनकी हालत गंभीर होती है और उन्हें तत्काल इलाज की जरूरत होती है। पीएम श्री एयर एम्बुलेंस योजना के तहत मरीज का इलाज फ्री में किया जाता है।
फ्री दी गई जाएगी एयर एंबुलेंस की सुविधा
मप्र में शुरू हुई पीएम श्री एयर एंबुलेंस सेवा प्रदेश के अंदर सभी नागरिकों के लिए मुफ्त है। सड़क या औद्योगिक दुर्घटना, प्राकृतिक आपदा में घायल और आयुष्मान कार्डधारी मरीजों से भी राज्य के बाहर इलाज के लिए कोई फीस नहीं ली जाती है। वहीं जिन लोगों के पास आयुष्मान कार्ड नहीं हैं, उन्हें प्रदेश से बाहर ले जाने के लिए दो लाख रुपए घंटे की दर से चार्ज देना पड़ेगा। इस सेवा के जरिए ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों के मरीजों को तत्काल सहायता दी जाएगी।
दो विमानों का करार
जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश सरकार ने बेंगलुरू की निजी एयर एंबुलेंस कंपनी इंटरनेशनल क्रिटिकल केयर एयर ट्रांसफर टीम (आईसीएटीटी) के साथ 29 मई को दो एयर एंबुलेंस के लिए करार किया था। इनमें एक ‘किंग एयर सी-90’ विमान और दूसरा ‘बेल-407’ हेलीकॉप्टर है। यह करार 31 मई 2025 तक के लिए है।
सभी के लिए दो एयर एंबुलेंस सेवा फ्री
- बेल 407 हेलीकॉप्टर- ये हेलीकॉप्टर सुबह 6:30 से शाम 5:30 तक चलेगा। जानकारी के अनुसार इसमें 6 सीटर हेलीकॉप्टर में एक पायलट, एक डॉक्टर, एक पैरामेडिकल स्टाफ होगा।
- किंग एयर सी-90 विमान- ये हेलीकॉप्टर दिन- रात उपलब्ध रहेगा। डबल इंजन फिक्स्ड विंग कनवर्टेड फ्लाइंग आइसीयू एयर क्राफ्ट में दो पायलट, एक डॉक्टर, एक पैरामेडिकल स्टाफ होगा। इसकी क्षमता भी 6 लोगों की है।
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- सड़क, औद्योगिक दुर्घटना या आपदा में सीएमएचओ की अनुशंसा पर कलेक्टर मंजूरी देंगे।
- आयुष्मान कार्डधारियों को राज्य से बाहर फ्री ले जाने के लिए संचालक चिकित्सा सेवा की मंजूरी।
- राज्य से बाहर और राज्य के भीतर ही सशुल्क सेवा चाहने वाले गंभीर रोगियों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यालय से अनुमति लेनी होगी। कितनी फीस लगेगी?
- आयुष्मान कार्डधारियों के लिए कोई शुल्क नहीं है। बाकी को फिक्स्ड विंग एंबुलेस के लिए 1,78,900 रु. और हेली एंबुलेंस के लिए प्रति घंटे 1,94,500 देने होंगे।
एयर एम्बुलेंस सर्विस के लिए इमरजेंसी मरीज के परिजन अपने जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को कॉल करेंगे। मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा राज्य स्तर के नोडल अधिकारी को सूचित किया जाएगा। उसके द्वारा तत्काल एयर एंबुलेंस संबंधित स्थान पर भेजी जाएगी। एयर एम्बुलेंस सर्विस के लिए उपलब्ध प्लेन तथा हेलीकॉप्टर भोपाल एयरपोर्ट से सूचना मिलने पर संबंधित स्थान के लिए रवाना हो जाएंगे।
आइए अब जानते है कि एयर एंबुलेंस क्या होता है, इसके कितने प्रकार होते है, इसमें क्या-क्या होता है और इसमें कितने रुपए खर्च होते हैं ...
एयर एंबुलेंस में क्या-क्या होता है?
एयर एंबुलेंस एक विमान या हेलीकॉप्टर होता है जो मरीजों को आपातकालीन चिकित्सा देखभाल के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए उपयोग किया जाता है। यह उन मरीजों के लिए महत्वपूर्ण है जो गंभीर रूप से बीमार या घायल हैं और उन्हें जल्दी से विशेषज्ञ चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता होती है। एयर एंबुलेंस में डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिक्स जैसे चिकित्सा कर्मचारी होते हैं जो मरीज की देखभाल करते हैं।
एयर एंबुलेंस में ये उपकरण होते हैं :
चिकित्सा उपकरण: एयर एंबुलेंस में विभिन्न प्रकार के चिकित्सा उपकरण होते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- वेंटिलेटर: यह एक मशीन है जो मरीज को सांस लेने में मदद करती है।
- मॉनिटर: यह मरीज के महत्वपूर्ण संकेतों, जैसे कि हृदय गति, रक्तचाप और श्वसन दर की निगरानी करता है।
- इंजेक्शन पंप: यह दवाओं को मरीज के शरीर में एक निश्चित दर से इंजेक्ट करने के लिए उपयोग किया जाता है।
- ऑक्सीजन थेरेपी: यह मरीज को अतिरिक्त ऑक्सीजन प्रदान करने के लिए उपयोग किया जाता है।
- दवाएं: एयर एंबुलेंस में विभिन्न प्रकार की दवाएं होती हैं, जिनमें शामिल हैं:
- दर्द निवारक: यह मरीज के दर्द को कम करने के लिए उपयोग किया जाता है।
- एंटीबायोटिक्स: यह संक्रमण के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है।
- एनेस्थीसिया: यह मरीज को बेहोश करने के लिए उपयोग किया जाता है।
एयर एंबुलेंस का उपयोग कब किया जाता है?
- गंभीर बीमारी या चोट: यदि कोई मरीज गंभीर रूप से बीमार या घायल है और उसे जल्दी से विशेषज्ञ चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता है, तो एयर एंबुलेंस का उपयोग किया जा सकता है।
- दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले मरीज: यदि कोई मरीज दूरदराज के क्षेत्र में रहता है और उसे विशेषज्ञ चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता है, तो एयर एंबुलेंस का उपयोग किया जा सकता है।
- अंग प्रत्यारोपण: यदि किसी मरीज को अंग प्रत्यारोपण की आवश्यकता है, तो एयर एंबुलेंस का उपयोग अंग को दाता से प्राप्तकर्ता तक ले जाने के लिए किया जा सकता है।
एयर एंबुलेंस के लाभ
- जल्दी: एयर एंबुलेंस मरीजों को जल्दी से विशेषज्ञ चिकित्सा देखभाल तक पहुंच प्रदान कर सकता है।
- सुरक्षा: एयर एंबुलेंस में मरीजों की देखभाल करने के लिए प्रशिक्षित चिकित्सा कर्मचारी होते हैं।
- आराम: एयर एंबुलेंस मरीजों को एक आरामदायक और सुरक्षित वातावरण में ले जाने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
एयर एंबुलेंस के प्रकार
1. विमान के आधार पर:
हेलीकॉप्टर एम्बुलेंस: यह सबसे आम प्रकार की एयर एंबुलेंस है। हेलीकॉप्टर एम्बुलेंस ऊर्ध्वाधर उड़ान और लैंडिंग कर सकते हैं, जो उन्हें दुर्गम क्षेत्रों में भी पहुंचने में मदद करता है।फिक्स्ड-विंग एम्बुलेंस: यह प्रकार एयरलाइनर के समान है और लंबी दूरी की यात्रा के लिए अधिक उपयुक्त है।
2. मरीजों की संख्या के आधार पर:
सिंगल-पेशेंट एम्बुलेंस: यह एक मरीज को ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
मल्टी-पेशेंट एम्बुलेंस: यह एक साथ कई मरीजों को ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
3. चिकित्सा सुविधाओं के आधार पर:
बेसिक एम्बुलेंस: यह बुनियादी चिकित्सा सुविधाओं से युक्त है।
एडवांस्ड एम्बुलेंस: यह आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से युक्त है, जैसे कि वेंटिलेटर और ऑक्सीजन थेरेपी।
4. उपयोग के आधार पर:
आपातकालीन एम्बुलेंस: यह आपातकालीन स्थितियों में मरीजों को ले जाने के लिए उपयोग किया जाता है।
नॉन-इमरजेंसी एम्बुलेंस: यह गैर-आपातकालीन स्थितियों में मरीजों को ले जाने के लिए उपयोग किया जाता है।
5. स्वामित्व के आधार पर:
सरकारी एम्बुलेंस: यह सरकार द्वारा संचालित होती है।
निजी एम्बुलेंस: यह निजी कंपनियों द्वारा संचालित होती है।
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