MP के इन जिलों में पुलिस ने गबन किए 65 लाख रुपए, जानें कैसे किया कांड

मध्य प्रदेश के छह जिलों में पुलिसकर्मियों द्वारा वेतन, भत्तों और अन्य मदों में 65 लाख रुपए का गबन सामने आया है। इन पुलिसकर्मियों ने आहरण संवितरण अधिकारी ( डीडीओ ) के लॉगिन पासवर्ड का उपयोग कर राशि को अपने या परिजनों के खातों में ट्रांसफर कर लिया। 

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Sandeep Kumar
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पुलिस विभाग, जिसे आम आदमी की सुरक्षा और सेवा का जिम्मा सौंपा गया है, वहां के कुछ कर्मचारियों ने वेतन, भत्तों और अन्य मदों की राशि में गड़बड़ी करके 65 लाख रुपए का गबन कर डाला है। यह घटना प्रदेश के छह जिलों में सामने आई है, जहां पुलिसकर्मियों ने अपने परिजनों के खातों में यह राशि ट्रांसफर कर दी। मामला उजागर के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। दऱअसल यह मामला कोषालय द्वारा पकड़ा गया और पुलिस मुख्यालय ( police headquarters )  को सूचित किया गया। संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ बर्खास्तगी और निलंबन की कार्रवाई की गई है। जांच अभी भी जारी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।

कैसे हुआ घोटाला ?

पुलिस विभाग में सरकारी खजाने से गबन का मामला तब सामने आया, जब जांच के दौरान पाया गया कि छह जिलों के पुलिसकर्मियों ने आहरण संवितरण अधिकारी (डीडीओ) के लॉगिन पासवर्ड का उपयोग करके इस राशि को अपने या अपने परिजनों के खातों में ट्रांसफर किया है। यह गबन पिछले एक साल के दौरान अलग- अलग समय पर किया गया। यह राशि इंटीग्रेटेड फाइनेंशियल मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम (आईएफएमआइएस) सॉफ्टवेयर के माध्यम से संबंधित पुलिसकर्मियों के वेतन और भत्तों की थी, जिसे गलत तरीके से निजी खातों में डाला गया।

इन जिलों में पकड़ी गई गड़बड़ियां

धार जिले की 34वीं बटालियन में सहायक उप निरीक्षक (एम) दिग्विजय सिंह चौहान ने डीडीओ की आईडी और पासवर्ड का उपयोग करके 42 लाख रुपए अपने और परिवार के सदस्यों के खाते में डाल लिए। इसी तरह, नर्मदापुरम जिले में उप निरीक्षक स्तर के बाबू योगेश जेलेकर ने डीडीओ के लॉगिन का उपयोग कर 21 लाख रुपए अपने परिचितों के खाते में ट्रांसफर किए। 

शिवपुरी जिले में आई गड़बड़ी

शिवपुरी जिले में प्रधान आरक्षक मुकेश कुमार सविता ने कर्मचारियों के एक लाख 35 हजार रुपए की गड़बड़ी करके इसे अपने और परिवार के सदस्यों के खातों में ट्रांसफर कर लिया। पीटीएस इंदौर और एफएसएल सागर में भी इसी तरह की गड़बड़ियां सामने आई हैं।

कई जगहों पर जांच जारी

शिवपुरी, नर्मदापुरम, 34वीं बटालियन धार, पीटीएस इंदौर, एफएसएल सागर और पुलिस अधीक्षक कार्यालय ग्वालियर में यह गड़बड़ी सामने आई है। इन मामलों में जांच अभी भी जारी है। इन घटनाओं ने पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

खबर से सबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न

यह गबन किस प्रकार हुआ ?
पुलिसकर्मियों ने डीडीओ लॉगिन पासवर्ड का उपयोग करके सरकारी राशि को अपने परिजनों के खातों में ट्रांसफर कर लिया।
गबन की राशि कितनी है ?
लगभग 65 लाख रुपए की राशि गबन की गई है।
कितने जिलों में यह गड़बड़ी हुई है ?
यह गड़बड़ी प्रदेश के छह जिलों में सामने आई है।
गड़बड़ी किस सॉफ्टवेयर के माध्यम से की गई ?
गबन इंटीग्रेटेड फाइनेंशियल मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम (आईएफएमआइएस) सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया गया।
क्या दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है ?
हां, दोषी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त और निलंबित कर दिया गया है, और जांच अभी भी जारी है।

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खबर

यह गबन किस प्रकार हुआ ?
पुलिसकर्मियों ने डीडीओ लॉगिन पासवर्ड का उपयोग करके सरकारी राशि को अपने परिजनों के खातों में ट्रांसफर कर लिया।
गबन की राशि कितनी है ?
लगभग 65 लाख रुपए की राशि गबन की गई है।
कितने जिलों में यह गड़बड़ी हुई है ?
यह गड़बड़ी प्रदेश के छह जिलों में सामने आई है।
गड़बड़ी किस सॉफ्टवेयर के माध्यम से की गई ?
गबन इंटीग्रेटेड फाइनेंशियल मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम (आईएफएमआइएस) सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया गया।
क्या दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है ?
हां, दोषी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त और निलंबित कर दिया गया है, और जांच अभी भी जारी है।
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