युगपुरूष आश्रम में 10 बच्चों की मौत पर पुलिस जांच शुरू, शिकायकर्ता कांग्रेस नेता ने बयान दर्ज कराते हुए लगाए गंभीर आरोप

कांग्रेस नेता महासचिव राकेश यादव द्वारा डीजीपी को हुई शिकायत के बाद मल्हारगंज थाना पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और उनका सोमवार को बयान भी औपचारिक रूप से दर्ज किए।

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Sanjay gupta
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INDORE.  युगुपुरूष धाम आश्रम में 10 बच्चों की मौत को एक महीने से अधिक समय हो गया है लेकिन अभी तक किसी पर भी इस मामले में FIR दर्ज नहीं हुई है, लेकिन अब इस मामले में कांग्रेस नेता महासचिव राकेश यादव द्वारा डीजीपी को हुई शिकायत के बाद मल्हारगंज थाना पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और उनका सोमवार को बयान भी औपचारिक रूप से दर्ज किए।

बयान में यादव ने लगाए गंभीर आरोप

यादव ने एक घंटे तक पुलिस को बयान दिए और इसमें 10 बच्चों की लापरवाही के लिए सीधे तौर पर संचालिका अनिता शर्मा, सचिव तुलसी शादीजा के साथ ही जिला महिला व बाल विकास अधिकारी रामनिवास बुधौलिया, अधीनस्थ अधिकारी भगवना साहू व अविनाश यादव की सांठगांठ को जिममेदार बताया। साथ ही ट्रस्ट अध्यक्ष जान्हवी ठाकुर जो बीजेपी नेता गुलाब ठाकुर की बहू है, उनके साथ ही अन्य पदाधिकारियों विष्णु कटारिया, राधेश्याम चौहान व जया नवलानी व अन्य को भी जिम्मेदार बताया।

1. यादव ने बयान में गंभीर आरोप लगाए कि तीन बच्चे कृष्ण कली, प्रिंसी, काजल या नंदनी अभी भी गायब है।
2. ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने बुधौलिया व अन्य के साथ मिलकर कामकाज को क्लीन चिट दी, बच्चों की मौत को छिपाया, इसके चलते इन्हें सवा करोड़ रुपए का फंड सरकार से मिला।
3. यहां पर ड्रग ट्रायल होता है और हार्मोंस के इंजेक्शन दिए जाते हैं जिससे बच्चों को जल्द बडा किया जाता है, इसकी गंभीर जांच होना चाहिए।
4. यहां आश्रम संचालिक शर्मा ने फर्जी तरीके से 25 बच्चियों को लाडली लक्ष्मी योजना में रजिस्टर्ड कराया जबकि पांच साल से कम वालों का ही रजिस्ट्रेशन होता है, उसकी राशि ले ली।
5. यहां 18 साल से अधिक की बच्चियों को भी नियमविरूद्ध रखा गया।

10 बच्चों की मौत पर कार्रवाई टल रही

प्रशासन द्वारा बनाई गई उच्च स्तरीय कमेटी अपर कलेक्टर आईएएस गौरव बैनल की जांच में सामने आ चुका है कि लापरवाही के चलते 10 बच्चों की मौत हुई। आश्रम वालों ने प्रांरभिक तौर पर केवल पांच मौत बताई थी लेकिन अंतरिम जांच में एक और मौत और फिर गहन जांच में चार और मौत के सबूत सामने आए। यह मौतों 27 जून से दो जुलाई के बीच में हुई। यदि आश्रम संचालक पहले प्रशासन को बता देते तो मौत टल सकती थी। इस जांच के बाद प्रशासन ने संचालिका शर्मा के साथ ही अध्यक्ष ठाकुर और सचिव शादीजा को पद से हटाने के आदेश दे दिए। लेकिन अभी इस मामले में किसी पर भी अन्य कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई है। खुद एनसीपीसीआर मेंबर डॉ. दिव्या गुप्ता भी यहां का दौरा करके गई और जांच कर रही है।

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