भोपाल में बच्ची से रेप , स्कूल को बचाने पुलिस के हथकंडे हजार

भोपाल के हॉस्टल में मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म के केस में पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। पुलिस हर कदम पर आरोपी स्कूल मैनेजमेंट के साथ खड़ी नजर आ रही है। पुलिस का यह रवैया शर्मसार करने वाला है।

Advertisment
author-image
Marut raj
एडिट
New Update
l.
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

भोपाल. राजधानी भोपाल के हॉस्टल में 8 साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म के केस में पुलिस की शर्मसार करने वाली भूमिका सामने आई है। पीड़ित बेटी को लेकर मां मिसरोद थाने से लेकर जेपी हॉस्पिटल के बीच भटकती रही। पुलिस ने केस तो दर्ज नहीं किया उलटा थाने से एक एसआई बच्ची की मां पर दबाव बनाने हॉस्पिटल पहुंच गया। पुलिस ने केस को दबाने की भरसक कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हुई। मामला गरमाने पर अब सब इंस्पेक्टर को हटाकर एसआइटी गठित कर दी गई है, लेकिन जांच शुरू होने से पहले ही एसआइटी पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। पीड़ित बच्ची और उसकी मां के गिड़गिड़ाने के बाद भी पुलिस ने FIR में आरोपियों के नाम दर्ज नहीं किए हैं। पुलिस का रवैया भी पीड़ित छात्रा से पक्षपातपूर्ण है और वे स्कूल प्रबंधन के पक्ष में जांच करते दिख रहे हैं। बुधवार को बाल आयोग की टीम को भी स्कूल मैनेजमेंट ने आधे घंटे गेट के बाहर खड़ा रखा, जबकि मिसरोद पुलिस अंदर ही थी। 

मासूम के साथ हैवानियत के बाद डायरेक्टर गायब

मिसरोद थाना क्षेत्र में स्थित स्कूल में पिछले महीने ही छात्रा का एडमिशन कराया गया था। 8 साल की छात्रा स्कूल के हॉस्टल में ही रह रही थी। 29 अप्रैल को मां से मोबाइल फोन पर वीडियो काल करते हुए छात्रा रोने लगी थी। परेशान महिला तुरंत ही इंदौर से भोपाल आईं। स्कूल वालों ने बच्ची उन्हें सौंप दी। बच्ची ने कार में सवार होने के बाद अपने साथ हुई गलत हरकत के बारे में बताया तो महिला दहल गई। वह मिसरोद थाने पहुंचीं। वहां से उसे टाल दिया गया। बेटी का पेट दर्द हो रहा था तो वह सीधे जेपी हॉस्पिटल गई। वहां डॉक्टर ने जांच के दौरान बच्ची से गलत काम होने की पुष्टि कर दी। इस बीच मिसरोद थाने से एसआई प्रकाश राजपूत हॉस्पिटल में पीड़ित बच्ची की मां से मिला और स्कूल की शिकायत न करने का दबाव बनाया। एसआई ने उन्हें पैसे का भी लालच दिया, लेकिन वह नहीं मानी। पुलिस की टालमटोल के बीच मामला मीडिया के जरिए उजागर होने पर सरकार ने एसआइटी गठित कर जांच के निर्देश दिए। इसके बाद थाने में मंगलवार को महिला की शिकायत पर FIR दर्ज की गई, लेकिन पुलिस इसमें भी मनमानी करने से नहीं चूकी। वहीं, पुलिस की लापरवाही का फायदा उठाकर घटना का संदेही और स्कूल डायरेक्टर फरार होने में कामयाब हो गया। 

स्कूल मैनेजमेंट के लिए काम कर रही पुलिस 

स्कूल को डेढ़ साल पहले साउथ के एजुकेशन हब ने टेकओवर कर लिया है, लेकिन अभी भी मैनेजमेंट पुराना ही है। यानी डायरेक्टर प्रियंका मोदी और मिनी राज मोदी स्कूल चला रहे हैं शिकायत लेकर जब महिला मिसरोद थाने पहुंची थी तो एसआई प्रकाश राजपूत स्कूल की वकालत कर रहे थे। यही नहीं पुलिस ने बच्ची की मां के पुराने क्रिमिनल बैकग्राउंड का सहारा लेकर इस वारदात को ही नकारने की कोशिश की। पुलिस ने स्कूल की ओर से ही नहीं अपनी ओर से भी महिला और उसकी मासूम पीड़ित बेटी पर भी दबाव बनाया। महिला के पुराने क्रिमिनल बैकग्राउंड और इस वारदात को जोड़ने की जरूरत ही नहीं थी। भले ही सरकार के आदेश पर एसआइटी गठित कर दी गई हो, लेकिन पुलिसिया मानसिकता में बदलाव नहीं दिख रहा। बुधवार को जब बाल आयोग की टीम स्कूल पहुंची तो उसे स्कूल के गार्ड ने अंदर घुसने नहीं दिया। यह तब हुआ, जब पुलिस अंदर ही मौजूद थी। आधे घंटे तक टीम के सदस्य कार में ही बैठे इंतजार करते रहे। कई बार आवाज लगाने के बाद पुलिस ने गेट खुलवाया, लेकिन स्कूल का कोई कर्मचारी बाहर तक नहीं निकला। यानी पुलिस स्कूल में गेट कीपर की भूमिका भी निभाती दिखी। 

अब तक नहीं देखे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज 

घटना के बाद स्कूल मैनेजमेंट के लिए मासूम से पक्षपात के आरोपों से घिरी पुलिस आप अपने दाग छुड़ाने की कोशिश कर रही है। हालांकि, उसकी जांच की दिशा और रफ़्तार से उसका रवैया साफ नजर आ रहा है। मामला उछलने के बाद पुलिस ने मंगलवार को अज्ञात पर केस दर्ज कर लिया है, लेकिन अधिकारी बुधवार शाम तक भी कई सवालों का जवाब देने की स्थिति में नहीं हैं, जबकि ये सवाल जांच से जुड़े हैं। केस दर्ज होने के बाद मिसरोद पुलिस तीन लोगों को हिरासत में लेने की बात तो कर रही है, लेकिन उन्होंने क्या कबूला ये नहीं बता रही। बच्ची से इनकी शिनाख्त नहीं कराई गई, जबकि बच्ची ने खुद कहा था की उसने स्कूल के एक व्यक्ति को मोदी सर बोलते सुना और देखा था। पुलिस यह भी नहीं बता रही कि वह व्यक्ति कौन था और उससे भी कुछ पूछताछ हुई है क्या। बच्ची जिस मोदी सर की बात कर रही है, उसके बारे में पुलिस ने चुप्पी साध रखी है। 24 घंटे गुजर गए हैं, लेकिन अब तक पुलिस उस कमरे और आसपास के सीसीटीवी फुटेज नहीं खंगाल सकी, जिसके बारे में बच्ची ने बताया था। इन सवालों के जवाब में DCP श्रद्धा तिवारी का कहना है कि घटना पर FIR दर्ज कर ली गई है। बच्ची का मेडिकल कराया जा रहा है। स्कूल के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और कर्मचारियों से भी घटना के सम्बन्ध में पूछताछ हो रही है। 

क्या कहता है पोक्सो एक्ट 

मासूम  बच्चे/ बच्चियों को शोषण से बचाने और आरोपियों के बच निकलने की हर आशंका को रोकने पोक्सो एक्ट में कड़े प्रावधान रखे गए हैं। मध्य प्रदेश बाल आयोग के सदस्य ओमकार सिंह के अनुसार ऐसी घटनाओं के बाद पीड़ित बच्ची या किशोरी थाने पहुंचती है तो उसके बयान को बिना किसी दबाव के पुलिस को दर्ज करना होगा। यदि वह या उसकी मां या परिजन कोई नाम बताता है तो उसके खिलाफ एफआईआर की जाएगी। पुलिस को तुरंत पीड़िता का मेडिकल कराना होगा और आरोपी की गिरफ्तारी करनी भी जरूरी है। यदि पुलिस इसमें कोई मेनपुलेशन करती है तो कानून का नजरिये से उस पर भी कार्रवाई होगी। लेकिन अकसर सामने आने वाली ऐसी वारदातों में पुलिस का रवैया कैसा होता है, यह किसी से छिपा नहीं है।

_________________

- स्कूलों में बच्चियों से इस तरह की घटनाएं लगातार सामने आ रहीं हैं, जो की चिंता का विषय है। ऐसी घटनाओं पर पुलिस को पीड़िता के प्रति संवेदनशीलता बरतते हुए त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए। मिसरोद के स्कूल में छात्रा के साथ हुई वारदात में जिस एसआई पर आरोप लगे हैं उस पर भी FIR होनी चाहिए। आयोग की जांच रिपोर्ट के बाद कार्रवाई की अनुशंसा करेंगे। 

ओमकार सिंह, सदस्य. मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग

 भोपाल में बच्ची से रेप | भोपाल के ज्ञान गंगा आर्किड बोर्डिंग स्कूल में छात्रा से रेप | Girl student raped in Gyan Ganga Orchid Boarding School | Bhopal | Girl raped in Bhopal | ज्ञान गंगा स्कूल भोपाल | Gyan Ganga School Bhopal | भोपाल स्कूल रेप | Bhopal school rape | भोपाल स्कूल रेप केस | Bhopal school rape case | स्कूल रेप केस | school rape case | स्कूल रेप केस एमपी | school rape case mp | स्कूल रेप केस इंडिया | school rape case india | इंडियन स्कूल रेप केस | Indian school rape case | मध्य प्रदेश स्कूल रेप केस | Madhya Pradesh school rape case 

भोपाल में बच्ची से रेप Girl raped in Bhopal Bhopal Madhya Pradesh school rape case मध्य प्रदेश स्कूल रेप केस Indian school rape case इंडियन स्कूल रेप केस school rape case india स्कूल रेप केस इंडिया school rape case mp स्कूल रेप केस एमपी school rape case स्कूल रेप केस Bhopal school rape case भोपाल स्कूल रेप केस Bhopal school rape भोपाल स्कूल रेप