एमपी में धार की भोजशाला के बाद अब विदिशा के बीजामंडल में भी मंदिर-मस्जिद को सियासत गरमा गई है। बताया जा रहा है कि विदिशा में हिंदू संगठनों (hindu organizations ) ने बीजामंडल ( beejaamandal ) में पूजा करने की अनुमति मांगी थी। कलेक्टर ने जवाब में बताया कि एएसआई के गजट के मुताबिक वह मस्जिद है और परमिशन देने से इनकार कर दिया था । इस घटना के अगले ही दिन यानी 10 अगस्त की रात को विदिशा कलेक्टर बुद्देश कुमार वैद्य (Vidisha Collector Buddesh Kumar Vaidya ) का ट्रांसफर करके उन्हें वापस गृह विभाग में उप सचिव बना दिया गया।
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कांग्रेस ने भी उठाए सवाल
इस पूरे मामले पर कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हफीज (Congress spokesperson Abbas Hafeez ) ने कहा कि जैसे अनान-फानन में कलेक्टर को हटाया गया, उससे साफ दिख रहा है कि उनको सांप्रदायिक विवाद रोकने की सजा मिला है। अब्बास हफीज ने प्रदेश सरकार सांप्रदायिकता फैलाने वालो के पक्ष में खड़ी है ना कि उनके पक्ष में जो सांप्रदायिकता रोकने के काम कर रहे हैं।
कलेक्टर के ट्रांसफर पर भड़के ओवैसी
इस पूरे मामले में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi ) ने ट्वीट करके कलेक्टर के ट्रांसफर पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने लिखा है कि कलेक्टर का तबादला कानून का पालन करने के चलते किया गया है।
ओवैसी के बयान पर भड़के हिंदू संगठन
ओवैसी के बयान पर सियासत गरमा गई है। विदिशा में हिंदू संगठनों ने ओवैसी का पुतला फूंककर जमकर नारेबाजी की है। हिंदू संगठन के नेताओं ने कहा कि अगर असदुद्दीन ओवैसी कोई शक है तो विदिशा आकर देख लें। वहीं जूना अखाड़ा के महामण्डलेश्वर नवल गिरी महाराज ( Mahamandaleshwar Naval Giri Maharaj ) ने कहा कि बीजामंडल हो या फिर ताजमहल सब मंदिर हैं।
कोर्ट में पहुंचा मामला
बीजामंडल में मंदिर है या मस्जिद इसका विवाद कोर्ट पहुंच चुका है। अब कोर्ट में तय होगा कि यहां मंदिर है या मस्जिद !
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