मध्य प्रदेश के बैतूल में कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी की संवेदनशीलता इनदिनों काफी चर्चा में है। दरअसल जिले के शाहपुर स्थित प्राइवेट स्कूल गुड शेपर्ड में पलक ठाकुर और परी ठाकुर सातवीं और आठवीं कक्षा में पढ़ती थी। परी और पलक इस स्कूल को छोड़कर दूसरे स्कूल में पढ़ना चाह रही हैं और उनका किसी दूसरी स्कूल में एडमिशन भी हो गया।
जब यह दोनों बच्चियां प्राइवेट स्कूल में टीसी लेने गईं तो उन्हें बैरंग लौटा दिया गया। बताया जाता है कि इन दोनों बच्चों की करीब 70 हजार रुपए फीस बाकी थी जिसके कारण उन्हें टीसी नहीं दी जा रही थी।
बच्चियों ने कलेक्टर से लगाई गुहार
दोनों बच्चियां टीसी के लिए बार-बार स्कूल के चक्कर काटने से परेशान हो गईं। बच्चियों ने मंगलवार यानी 23 जुलाई को कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी की जनसुनवाई में पहुंचकर आवेदन देकर अपनी समस्या बताई।
दोनों छात्राओं की समस्या सुनकर कलेक्टर ने तत्काल ही आदिवासी विकास विभाग की सहायक आयुक्त शिल्पा जैन के साथ इन बच्चियों को 38 किमी दूर शाहपुर अपनी कार से भेजा। शिल्पा जैन ने स्कूल प्रबंधन से बात की और दोनों बच्चियों की टीसी दिलवाई। साथ ही बच्चियों की फीस भी माफ कर दी गई।
कलेक्टर के संवदेनशीलता
कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी की इस संवेदनशीलता से बच्चियां और उनके परिजन खुश हो गए। बच्चियों ने कलेक्टर का धन्यवाद ज्ञापित किया। बताया जा रहा है कि फीस देने में इन बच्चियों का परिवार सक्षम नहीं था और फीस की व्यवस्था करने में जुटा था।
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