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भोपाल की जागरण लेक यूनिवर्सिटी के फार्मेसी विभाग के एसोसिएट डीन, डॉ. राजेश सिंह पवार को आंध्र प्रदेश के गुंटूर में रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया है। वे राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) की टीम के सदस्य के रूप में शैक्षणिक संस्थान के निरीक्षण के लिए वहां पहुंचे थे। एंटी करप्शन ब्यूरो ने उन्हें गिरफ्तार कर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है।
एंटी करप्शन ब्यूरो ने की कार्रवाई
पवार को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने रिश्वत लेते हुए ट्रैप कर गिरफ्तार किया। इस कार्रवाई के बाद पुलिस ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
निरीक्षण के दौरान रिश्वत मांगने का आरोप
सूत्रों के अनुसार, डॉ. पवार निरीक्षण प्रक्रिया में शामिल थे और इसी दौरान उन्होंने कथित रूप से रिश्वत की मांग की। यह आरोप लगने के बाद एसीबी ने पहले से योजना बनाकर उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया।
शिक्षा जगत में मचा हड़कंप
इस घटना से शिक्षा क्षेत्र में हलचल मच गई है। डॉ. पवार जैसे उच्च पद पर आसीन व्यक्ति की गिरफ्तारी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। शिक्षा संस्थानों की पारदर्शिता और मूल्यांकन प्रक्रियाओं पर लोगों का भरोसा कमज़ोर होता नजर आ रहा है।
आगे की जांच में जुटी पुलिस
गिरफ्तारी के बाद पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या इस मामले में अन्य लोग भी शामिल हैं। साथ ही, पवार की पिछली गतिविधियों और उनके द्वारा किए गए अन्य निरीक्षणों की भी जांच हो सकती है।