मंगलवार को प्रदेश के दो दिग्गज नेताओं दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नामांकन दाखिल किया। इसी के साथ दोनों की संपत्ति का ब्योरा भी सामने आया। नामांकन फार्म के अनुसार ज्योतिरादित्य सिंधिया की संपत्ति के रूप में सिर्फ 25 हजार रुपए कैश हैं। खुद के नाम की कोई गाड़ी भी नहीं है। हालांकि केंद्रीय मंत्री सिंधिया, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह से 18 गुना यानी 1800 प्रतिशत ज्यादा अमीर हैं। सिंधिया की कुल संपत्ति चार साल में 34 करोड़ तो दिग्विजय सिंह की कुल संपत्ति 11.50 करोड़ से ज्यादा बढ़ गई है।
नामांकन फार्म में दी जानकारी
लोकसभा चुनाव के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुना और दिग्विजय सिंह ने राजगढ़ से नामांकन दाखिल किया। शपथ पत्र में सिंधिया ने अपनी कुल संपत्ति 362 करोड़ रुपए बताई है, जबकि पांच साल पहले राज्यसभा चुनाव के समय 328 करोड़ संपत्ति बताई थी। इधर दिग्विजय सिंह ने 2020 में 8.50 करोड़ संपत्ति बताई थी, वह बढ़कर 20.21 करोड़ हो गई। दोनों नेताओं ने अपने नाम पर कृषि भूमि नहीं होने की जानकारी दी है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया का लेखा-जोखा
भले ही सिंधिया की कुल संपत्ति बढ़ गई हो, लेकिन पांच साल में वार्षिक आय घटी है। बैंक खाते में भी जमा राशि में 47 लाख रुपए की कमी आई है। सिंधिया ने सालाना इनकम 56.58 लाख बताई है। हलफनामे में सिंधिया ने 16.80 लाख पर्सनल लोन का भी जिक्र किया है। उनके बैंक खाते में ढाई करोड़ और पत्नी प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया के खाते में 12.63 लाख रुपए जमा हैं। वहीं, विरासत से उनकी संपत्ति 62.56 करोड़ रुपए है।
BSNL का बिल नहीं भरा सिंधिया ने!
सिंधिया परिवार की राजमाता विजयाराजे के नाम पर BSNL द्वारा जारी 6.52 लाख रुपए के टेलीफोन बिल का केस भोपाल के छठे अतिरिक्त जिला न्यायाधीश की कोर्ट में विचाराधीन है, जो वर्ष 2006 का है।
दिग्विजय सिंह का लेखा- जोखा
हलफनामे के मुताबिक पत्नी अमृता सिंह की इनकम पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह की संपत्ति से चार गुना ज्यादा है। नामांकन में दिग्विजय ने अपनी वार्षिक आय 22.33 लाख और अपनी पत्नी अमृता सिंह की आय 98 लाख बताई है। दिग्विजय सिंह के पास पांच साल में दो लाख रुपए कैश भी बढ़ा है। 2020 में दिए शपथपत्र में उन्होंने खुद के पास 4.70 लाख और अब 6.47 लाख रुपए नकदी बताए हैं। दिग्विजय सिंह की पत्नी अमृता सिंह के नाम पर पहले कृषि भूमि नहीं थी, लेकिन लोकसभा चुनाव के समय पेश किए गए हलफनामे के अनुसार उनके नाम 3.58 करोड़ की कृषि भूमि बताई गई है। आवासीय और वाणिज्यिक भवनों की कीमतों में भी वृद्धि हुई है।