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मप्र लोक सेवा आयोग (पीएससी) की 23 जून को हुई राज्य सेवा परीक्षा व वन सेवा परीक्षा प्री 2024 की आयोग द्वारा जारी आंसर की में कुछ प्रश्नों को लेकर आपत्तियां उम्मीदवारों द्वारा लगाई गई है।
इसमें प्रमुख रूप से सात सवाल सामने आए हैं, जिसमें पांच प्रश्नों के दो- दो विकल्प है। ऐसे में उम्मीदवार असमंजस में हैं कि आयोग की फाइनल आंसर की क्या होगी और उनके रिजल्ट पर इसका क्या असर होगा। वैसे ही इसमें 110 पद मात्र है और ऐसे में कटऑफ 80 से 85 के बीच रहने की बात कही जा रही है। इसके चलते एक-एक प्रश्न बहुत अहम साबित होने वाला है।
इन प्रश्नों को लेकर लगी आपत्तियां
किस वेद में सभा और समिति का पृथक होने की जानकारी है। इसमें पीएससी का जवाब अथर्ववेद है, लेकिन ज्ञान संपदा पुस्तक मप्र हिंदी ग्रंथ एकदमी के 125वें पन्ने पर ऋग्वेद में भी इसके अलग-अलग होने की जानकारी दी गई है। यानी इस प्रश्न को दो विकल्प सही है।
मप्र में आदिवासियों के लिए स्वरोजगार योजना किनके नाम से जारी की गई है? इस सवाल का जवाब पीएससी ने टंट्या भील दिया है, यह सही है लेकिन इसी के साथ बिरसा मुंडा भी सही जवाब है, खुद तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान के ट्वीट पर इसकी जानकारी दी है और मप्र आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 में भी इसकी जानकारी है, यानी इसके भी दो विकल्प सही है।
भिम्मा जनजाति के लोग किस जिले में रहते हैं? इसका पीएससी ने जवाब मंडला- डिंडोरी जिला दिया है, यह सही है। लेकिन साथ ही बैतूल- छिंदवाड़ा जवाब भी भारत की जनगणना में मिलता है। यानी इसके भी दो विकल्प सही है।
एक प्रश्न है भारतीय साहित्य में जानजाति जीवन की संस्कृति, परंपार पर लेखन के लिए कौन सा सम्मान मिलता है? पीएससी ने इसका जवाब वीर शंकर शाह- रघुनाथ शाह राष्ट्रीय सम्मान जवाब माना है। लेकिन मप्र सरकार के ही 26 नवंबर 2019 के राजपत्र में इस पुरस्कार के लिए लिखा है कि यह समाजसेवा, प्रशासन, उद्यामिता के लिए है, यानी जवाब विवादित है।
इसी तरह एक प्रश्न है कि विरहा किस जनजाति का लोकगीत है? पीएससी ने इसका जवाब गौंड दिया है। वहीं रॉयल एशियाटिक सोसायटी ऑफ बंगाल में कोल का लोकगीत भी यह बताया गया है। यानी इसके भी दो विकल्प सही माने जा सकते हैं।
स्पैमिंग और फिशिंग के सवाल को लेकर भी आपत्तियां लगी है, इसमें सही जवाब पीएससी ने फिशिंग माना है, लेकिन जानकारों के अनुसार स्पैमिंग और फिशिंग दोनों सही है।
रिजल्ट के साथ ही आएगी फाइनल आंसर की
पीएससी ने अब आपत्तियों के बाद फाइनल आंसर की जल्द जारी करने की परंपरा साल 2023 के रिजल्ट के साथ बंद कर दी है। क्योंकि फाइनल अंसर की रिजल्ट के पहले आने के साथ ही हाईकोर्ट में केस चले जाते थे, जिससे रिजल्ट बाधित होता था।
अब पीएससी रिजल्ट के साथ ही फाइनल आंसर की जारी करता है। ऐसे में अब उम्मीदवारों को नहीं पता कि उनके वास्तव में प्री में कितने अंक आएंगे और वह पास होने की स्थिति में होंगे या नहीं। इस बार मात्र 110 पद अभी तक है और 1.34 लाख उम्मीदवारों ने परीक्षा दी है। ऐसे में हर अंक की लड़ाई है और कटऑफ भी हाई जाने की संभावना है।
लेकिन यह भी कटु सत्य है? कुछ नहीं होता है
लेकिन इसके बाद भी यह कटु सत्य है पीएससी ने भले ही सवाल गलत माने जाएं इसके बाद भी जो रिजल्ट जारी कर दिया जाता है वही मान्य होता है।
साल 2023 में यह सभी उम्मीदवार भुगत चुके हैं। प्री के दो सवाल गलत माने गए, हाईकोर्ट ने जमकर आयोग को फटकार लगाई, रिजल्ट रिवाइज्ड करने का आदेश दिया, लेकिन हुआ क्या वही ढाक के तीन पात, पीएससी ने रिवीजन में स्टे ले लिया और जिस राज्य वन सेवा 2023 के रिजल्ट को रिवाइज्ड करने का आदेश हुआ था, उसमें कुछ नहीं हुआ और मेन्स भी पुराने रिजल्ट से 30 जून को हो चुकी। इसके पहले भी एक अन्य राज्य सेवा परीक्षा प्री में यही हुआ था। लेकिन पीएससी को स्टे मिला और आज तक वही स्थिति है, वहीं परीक्षा भी हो चुकी, रिजल्ट आकर अंतिम भर्ती भी हो चुकी।
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